“एंन की डायरी अगर एक एतिहासिक शेर का जीवत दस्तावेज है, तरे साथ ही उसके निजी सुख-दुख और भावनात्मक उथलपुथल का र्भा। इन मुष्ठा’ में दानी’ का फ़र्क मिट गया तो ” हस कथन पर विचार करतै हुए अपनी सहमति या असहमति तर्कपूवंक व्यक्त करों।
ऐन की डायरी से हमें उसके जीवन व तत्कालीन परिवेश का परिचय मिलता था इसमें दितीय विश्वयुद के समय हालेड के यहूदी परिवारों की अकल्पनीय का वर्णन करने के साथ साथ वहा की राजनैतिक युद्ध की विभीषिका का जीवत वर्णन करते है यहूदियों को तरह तरह के भेदबाव पूर्ण और अपमानजनक नियम कायदों को मानने के लिए बाध्य किया जाने लगा था इस तरह यह डायरी ऐताहासिक दस्तावेज होने के साथ साथ ऐन के जीवन के सुख दुःख का चित्रण भी था I
‘काश, कोई तो होता जो मेरी भावनाओं को गभीरता से समझ पाता। अफसोस, ऐसा व्यक्ति मुझे अब तक नहीं मिला .। ” क्या आपको लगता है कि ऐन के इस कथन में उसके डायरी-लेखन का कारण छिपा हैं?
यह साठ लाख लोगों की तरफ से बोलने वाली एक आवाज हैं। एक ऐसी आवाज, जो नहीं, बल्कि एक साधारण लड़की की हैं।” इल्या इहरनबुर्ग की इस टिप्पणी के सदर्भ में पठित अशों पर विचार करें।
‘प्रकृति-प्रदत्त प्रजनन-शक्ति के उपयोग का अधिकार बच्चे पैदा करें या न करें अथवा कितने बच्चे पैदा करें-इस की स्वतत्रता स्त्री सी छीनकर हमारी विश्व-व्यवस्था न न सिर्फ स्त्री की व्यक्तित्व-विकास के अनक अवसरों से वचित किया है बल्कि जनाधिक्य की समस्या भी पैदा की हैं।’ ऐन की डायरी के 13 जून, 1944 के अश में व्यक्त विचारों के सदर्भ में इस कथन का औचित्य ढूंढ़े।
ऐन ने अपनी डायरी ‘किट्टी’ (एक निजीव गुड़िया) को सबोधित चिट्ठी की शक्ल में लिखने की जरूरत क्यों महसूस की होगी?
यशोधर बाबू की पत्नी समय के साथ ढल सकने में सफल होती है लेकिन यशोधर बाबू असफल रहते हैं। ऐसा क्यों?
‘जूझ’ शीर्षक के औचित्य पर विचार करते हुए यह स्पष्ट करें कि क्या यह शीर्षक कथा नायक की किसी केंद्रीय चारित्रिक विशेषता को उजागर करता हैं।
सिंधु-सभ्यता साधन-सपन्न थी, पर उसमें भव्यता का आडबर नहीं था। कैसे?
पाठ में ‘जो हुआ होगा ‘ वाक्य की आप कितनी अर्थ छवियाँ खोज सकते/सकती हैं?
स्वय कविता रच लेने का आत्मविश्वास लखक के मन में कैस पैदा हुआ?
सिंधु-सभ्यता की खूबी उसका सौंदर्य-बोध हैं जो राज-पोषित या धर्म-पोषित न होकर समाज-पोषित था।” ऐसा क्यों कहा गया?
‘समहाउ इप्रॉपर’ वाक्यांश का प्रयोग यशोधर बाबू लगभग हर वाक्य के प्रारंभ में तकिया कलाम की तरह करते हैं। इस वाक्यांश का उनके व्यक्तित्व और कहानी के कथ्य से क्या सबध बनता है?
श्री सोंदलगकर के अध्यापन की उन विशषताओं को रेखांकित करें जिन्होंने कविताओं के प्रति लेखक के मन में रुचि जगाई।
पुरातत्व के किन चिहनों के आधार पर आप यह कह सकते हैं कि-‘सिंधु-सभ्यता ताकत से शासित होने की अपेक्षा समझ से अनुशासित सभ्यता थी?”
यशोधर बाबू की कहानी को दिशा देने में किशन दा की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। आपके जीवन की दिशा देने में किसका महत्वपूर्ण योगदान रहा और कैसे?
सिंधु-सभ्यता की खूबी उसका सौंदर्य-बोध हैं जो राज-पोषित या धर्म-पोषित न होकर समाज-पोषित था।” ऐसा क्यों कहा गया?
आपके खयाल से पढ़ाई-लिखाई के सबध में लेखक और दत्ता जी राव का रवैया सही था या लखक के पिता का2 तक सहित
स्वय कविता रच लेने का आत्मविश्वास लखक के मन में कैस पैदा हुआ?
यशोधर बाबू की पत्नी समय के साथ ढल सकने में सफल होती है लेकिन यशोधर बाबू असफल रहते हैं। ऐसा क्यों?
अपने घर और विद्यालय के आस-पास हो रह उन बदलावों के बारे में लिख जो सुविधाजनक और आधुनिक होते हुए भी बुजुगों को अच्छे नहीं लगते। अच्छा न लगने के क्या कारण होंगे?
पाठ में ‘जो हुआ होगा ‘ वाक्य की आप कितनी अर्थ छवियाँ खोज सकते/सकती हैं?
वर्तमान समय में परिवार की सरंचना, स्वरूप से जुड़ आपके अनुभव इस कहानी से कहाँ तक सामजस्य बैठा पाते है?
पुरातत्व के किन चिहनों के आधार पर आप यह कह सकते हैं कि-‘सिंधु-सभ्यता ताकत से शासित होने की अपेक्षा समझ से अनुशासित सभ्यता थी?”
श्री सोंदलगकर के अध्यापन की उन विशषताओं को रेखांकित करें जिन्होंने कविताओं के प्रति लेखक के मन में रुचि जगाई।
दत्ता जी राव से पिता पर दबाव डलवाने के लिए लेखक और उसकी माँ को एक झूठ का सहारा लेना पड़ा। यदि झूठ का सहारा न लेना पड़ता तो आगे का घटनाक्रम क्या होता?