1. उबल पड़ने वाले साधारण आदमी का इसमें केवल इतना ही दोष है कि वह कुछ भी नहीं समझता-बूझता, और दूसरे लोग उसे जिधर जोत देते हैं, उधर जुत जाता है।
2. यहाँ है बुद्धि पर परदा डालकर पहले ईश्वर और आत्मा का स्थान अपने लिए लेना, और फिर धर्म, ईमान, ईश्वर और आत्मा के नाम पर अपनी स्वार्थ-सिधि के लिए लोगों को लड़ाना-भिड़ाना।
3. अब तो, आपका पूजा-पाठ न देखा जाएगा, आपकी भलमनसाहत की कसौटी केवल आपका आचरण होगी।
4. तुम्हारे मानने ही से मेरा ईश्वरत्व कायम नहीं रहेगा, दया करके, मनुष्यत्व को मानो, पशु बनना छोड़ो और आदमी बनो!
1. लेखक के अनुसार साधारण और अपनी सोच न रखने वाले व्यक्ति को अच्छे बुरे की पहचान ही नही होती थी वी तो अपने मार्गदर्शक को ही अपना सबकुछ मानता था उसके खे अनुसार ही कार्य करता था I
2. समाज में अपने आप को धर्म को ठेकेदार मानने वाले लोग साधारण जनता को ईश्वरके नाम पर डराते थी फिर अपने आप को ही ईश्वर का प्रतिनिधि बताते हुए है अपने अनुसार
उनसे कर्म करवाते थे I
3. लेखक के अनुसार चालाक लोगो की चालाकी अब ज्यादा दिन तक नही चलेगी थी धर्म के नाम पर अब लोगो को गुमराह नही किया जा सकता था I
4. लेखक के अनुसार अब तो ईश्वर भी लोगो की चालाकी को समझते हुए उनसे कहता था कि तुम भले ही मुझे न मानो पर मेरे नाम पर गंदा व्यापार मत करो मेने तुम्हे मनुष्य बनाकर धरती पर भेजा था I
1. धर्म और ईमान के नाम पर किए जाने वाले भीषण व्यापार को कैसे रोका जा सकता है?
2. ‘बुधि पर मार’ के संबंध में लेखक के क्या विचार हैं?
3. लेखक की दृष्टि में धर्म की भावना कैसी होनी चाहिए?
4. महात्मा गांधी के धर्म-संबंधी विचारों पर प्रकाश डालिए।
5. सबके कल्याण हेतु अपने आचरण को सुधारना क्यों आवश्यक है?
1. चलते-पुरज़े लोग धर्म के नाम पर क्या करते हैं?
2. चालाक लोग साधारण आदमी की किस अवस्था का लाभ उठाते हैं?
3. आनेवाला समय किस प्रकार के धर्म को नहीं टिकने देगा?
4. कौन-सा कार्य देश की स्वाधीनता के विरुद्ध समझा जाएगा?
5. पाश्चात्य देशों में धनी और निर्धन लोगों में क्या अंतर है?
6. कौन-से लोग धार्मिक लोगों से अधिक अच्छे हैं?
6.
किसी व्यक्ति की पोशाक को देखकर हमें क्या पता चलता है?
अग्रिम दल का नेतृत्व कौन कर रहा था?
1. लेखक अतिथि को कैसी विदाई देना चाहता था?
2. पाठ में आए निम्नलिखित कथनों की व्याख्या कीजिए-
1. रामन् भावुक प्रकृति प्रेमी के अलावा और क्या थे?
2. समुद्र को देखकर रामन् के मन में कौन-सी जिज्ञासाएँ उठीं?
3. रामन् के पिता ने उनमें किन विषयों की सशक्त नींव डाली?
4. वाद्ययंत्रों की ध्वनियों के अध्ययन के द्वारा रामन् क्या करना चाहते थे?
5. सरकारी नौकरी छोड़ने के पीछे रामन् की क्या भावना थी?
6. रामन् प्रभाव’ की खोज के पीछे कौन-सा सवाल हिलोरें ले रहा था?
7. प्रकाश तरंगों के बारे में आइंस्टाइन ने क्या बताया?
8. रामन् की खोज ने किन अध्ययनों को सहज बनाया?
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(क) पहले पद में भगवान और भक्त की जिन-जिन चीजों से तुलना की गई है, उनका उल्लेख कीजिए।
(ख) पहले पद की प्रत्येक पंक्ति के अंत में तुकांत शब्दों के प्रयोग से नाद-सौंदर्य आ गया है, जैसे-पानी, समानी आदि। इस पद में से अन्य तुकांत शब्द छाँटकर लिखिए।
(ग) पहले पद में कुछ शब्द अर्थ की दृष्टि से परस्पर संबद्ध हैं। ऐसे शब्दों को छाँटकर लिखिए- (घ) दूसरे पद में कवि ने ‘गरीब निवाजु’ किसे कहा है? स्पष्ट कीजिए।
(ङ) दूसरे पद की ‘जाकी छोति जगत कउ लागै ता पर तुहीं ढरै’ इस पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।
(च) “रैदास’ ने अपने स्वामी को किन-किन नामों से पुकारा है?
(छ) निम्नलिखित शब्दों के प्रचलित रूप लिखिए- मोरा, चंद, बाती जोति, बरै, राती, छत्रु, धरै, छोति, तुहीं, गुसईआ
(क) प्रेम का धागा टूटने पर पहले की भाँति क्यों नहीं हो पाता?
(ख) हमें अपना दुख दूसरों पर क्यों नहीं प्रकट करना चाहिए? अपने मन की व्यथा दूसरों से कहने पर उनका व्यवहार कैसा हो जाता है?
(ग) रहीम ने सागर की अपेक्षा पंक जल को धन्य क्यों कहा है?
(घ) एक को साधने से सब कैसे सध जाता है?
(ङ) जलहीन कमल की रक्षा सूर्य भी क्यों नहीं कर पाता?
(च) अवध नरेश को चित्रकूट क्यों जाना पड़ा?
(छ) “नट’ किस कला में सिद्ध होने के कारण ऊपर चढ़ जाता है?
(ज) “मोती, मानुष, चून’ के संदर्भ में पानी के महत्व को स्पष्ट कीजिए।
(क) कविता की उन पंक्तियों को निखिए, जिनमें निम्नलिखित अथं का बोध होता है-
(i) सुखिया के बाहर जाने पर पिता का हृदय काँप उठता था। (ii) पर्वत की चोटी पर स्थित मंदिर की अनुपम शोभा। (iii) पुजारी से प्रसाद/फूल पाने पर सुखिया के पिता की मन:स्थिति। (iv) पिता की वेदना और उसका पश्चाताप।
(ख) बीमार बच्ची ने क्या इच्छा प्रकट की?
(ग) सुखिया के पिता पर कौन-सा आरोप लगाकर उसे दंडित किया गया?
(घ) जेल से छूटने के बाद सुखिया के पिता ने अपनी बच्ची को किस रूप में पाया?
(ङ) इस कविता का केंद्रीय भाव अपने शब्दों में लिखिए।
(च) इस कविता में कुछ भाषिक प्रतीकों/बिंबों को छाँटकर लिखिए-
उदाहरण : अंधकार की छाया
1. गांधी जी ने महादेव को अपना वारिस कब कहा था?
2. गांधी जी से मिलने आनेवालों के लिए महादेव भाई क्या करते थे?
3. महादेव भाई की साहित्यिक देन क्या है?
4. महादेव, भाई की अकाल मृत्यु को कारण क्या था?
5. महादेव भाई के लिखे नोट के विषय में गांधी जी क्या कहते थे?
(क) नदी का किनारों से कुछ कहते हुए बह जाने पर गुलाब क्या सोच रहा है? इससे संबंधित पॅक्तियों को लिखिए।
(ख) जब शुक गाता है, तो शुकी के हृदय पर क्या प्रभाव पड़ता है?
(ग) प्रेमी जब गीत गाता है, तब प्रेमिका की क्या इच्छा होती है?
(घ) प्रथम छंद में वर्णित प्रकृति-चित्रण को लिखिए।
(ङ) प्रकृति के साथ पशु-पक्षियों के संबंध की व्याख्या कीजिए।
(च) मनुष्य को प्रकृति किस रूप में आंदोलित करर्ती है? अपने शब्दों में लिखिए।
(छ) सभी कुछ गीत है, अगीत कुछ नहीं होता। कुछ अगीत भी होता है क्या? स्पष्ट कीजिए।
(ज) ‘गीत-अगीत’ के केंद्रीय भाव को लिखिए।
लेखक ने बुढ़िया के दुख का अंदाज़ा कैसे लगाया?
(क) अपने पतझर के सपनों का मैं भी जग को गीत सुनाता
(ख) गाता शुक जब किरण वसंती छूती अंग पर्ण से छनकर
(ग) हुई न क्यों मैं कड़ी गीत की बिधना यों मन में गुनती है।
लेखिका ने तेनजिंग को अपना परिचय किस तरह दिया?
इनके लिए बेटा-बेटी, खसम-लुगाई, धर्म-ईमान सब रोटी का टुकड़ा है।
लड़के को बचाने के लिए बुढ़िया माँ ने क्या-क्या उपाय किए?
1. लेखक अतिथि को कैसी विदाई देना चाहता था?
2. पाठ में आए निम्नलिखित कथनों की व्याख्या कीजिए-
1. पंजाब में फ़ौजी शासन ने क्या कहर बरसाया?
2. महादेव जी के किन गुणों ने उन्हें सबका लाडला बना दिया था?
3. महादेव जी की लिखावट की क्या विशेषताएँ थीं?
(क) टूटे से फिर ना मिले, मिले गाँठ परि जाय।
(ख) सुनि अठिलैहैं लोग सब, बाँटि न लैहैं कोय।
(ग) रहिमन मूलहिं सचिबो, फूलै फलै अघाय।
(घ) दीरघ दोहा अरथ के, आखर थोरे आहिं।
(ङ) नाद :रीझि तन देत मृग, नर धन हेत समेत
(च) जहाँ काम आवे सुई, कहा करे तरवारि।
(छ) पानी गए न ऊबरै, मोती, मानुष, चून।
किसी व्यक्ति की पोशाक को देखकर हमें क्या पता चलता है?