Class 9 Hindi - Kshitij - Chapter Premchand Ke Phate Joote NCERT Solutions | नीचे दी गई पंक्

Welcome to the NCERT Solutions for Class 9th Hindi - Kshitij - Chapter Premchand Ke Phate Joote. This page offers a step-by-step solution to the specific question from Excercise 1 , Question 3: neeche dee gaee panktiyon mein nihit vyang....
Question 3

नीचे दी गई पंक्तियों में निहित व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए-
(क) जूता हमेशा टोपी से कीमती रहा है। अब तो जूते की कीमत और बढ़ गई है और एक जूते पर पचीसों टोपियाँ न्योछावर होती हैं।
(ख) तुम परदे का महत्त्व ही नहीं जानते, हम परदे पर कुरबान हो रहे हैं।
(ग) जिसे तुम घृणित समझते हो, उसकी तरफ़ हाथ की नहीं, पाँव की अँगुली से इशारा करते हो?

Answer

(क) यहा पर जूते का आशय समृधि से थी तथा टोपी मान मर्यादा तथा इज्जत का प्रतीक था वेसे तो इज्जत का महत्त्व सम्पति से अधिक था I
(ख) यहाँ परदे का सम्बन्ध इज्जत से था जहां कुछ लोग इज्जत को अपना स्वेर्सव मानते थे तथा उस पर अपना सब कुछ न्योछावर करने को तैयार रखते थे I
(ग) प्रेमचन्द गलत वस्तु या व्यक्ति को इस तालक नही समझते है I

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