पतगों के साथ-साथ वे भी उड़ रहे हैं- बच्चों का उड़ान से कैसा सबध बनता हैं?
पतंग उड़ाते समय बच्चे रोमाचित रहते है जिस प्रकार पतंग आकाश में उड़ती हुई उचाईया छूती रहेती है उसी प्रकार बच्चे भी छतो पर डोलते रहते है वे किसी भी खतरे से बिलकुल बेखबर रहते है एक संगीतमय ताल पर उनके शरीर हवा में लहराते रहेती है जेसे वे खुद एक पतंग उड़ाते उड़ाते मानो उनके छोटे छोटे सपनो को पंख लग रहे है I
निम्नलिखित पंक्तियों को पढकर प्रश्नों का उत्तर दीजिए।
(क) छतों को भी नरम बनाते हुए दिशाओं की मृदंग की तरह बजाते हुए
(ख) अगर वे कभी गिरते हैं छतों के खतरनाक किनारों से और बच जाते हैं तब तो और भी निडर होकर सुनहले सूरज के सामने आते हैं।
जन्म से ही वे अपने साथ लाते हैं कपास – कपास के बारे में सोचें कि कयास से बच्चों का क्या संबंध बन सकता हैं?
सोचकर बताएँ कि पतंग के लिए सबसे हलकी और रंगीन चीज, सबसे पतला कागज, सबसे पतली कमानी जैसे विशेषणों का प्रयोग क्यों किया गया है?
बिंब स्पष्ट करें-
सबसे तेज़ बौछारें गयीं। भादो गया
सवेरा हुआ
खरगोश की आखों जैसा लाल सवेरा
शरद आया पुलों को पार करते हुए
अपनी नई चमकीली साइकिल तेज चलाते हुए
घंटी बजाते हुए जोर-जोर से
चमकीले इशारों से बुलाते हुए
पतग उड़ाने वाले बच्चों के झुड को
चमकील इशारों से बुलाते हुए और
आकाश को इतना मुलायम बनाते हुए
कि पतंग ऊपर उठ सके
सबसे तेज बौछारें गयीं, भादो गया’ के बाद प्रकृति में जो परिवतन कवि ने दिखाया हैं, उसका वर्णन अपने शब्दों में करें।
‘महज़ एक धागे के सहारे, पतंगों की धड़कती ऊँचाइयाँ’ उन्हें ( बच्चों को ) कैसे थाम लेती हैं? चर्चा करें।
‘रोमांचित शरीर का संगीत’ का जीवन के लय से क्या संबंध है?
आसमान में रंग-बिरंगी पतंगों को देखकर आपके मन में कैसे खयाल आते हैं? लिखिए।
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‘अस्थिर सुख पर दुख की छाया’ पंक्ति में ‘दुख की छाया’ किसे कहा गया हैं और क्यों?
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किस्मत हमको रो लेवे है हम किस्मत को रो ले हैं – इस पंक्ति में शायर की किस्मत के साथ तनातनी का रिश्ता अभिव्यक्त हुआ है। चर्चा कीजिए।
कोमल और कठोर दोनों भाव किस प्रकार गांधी जी के व्यक्तित्व की विशेषता बन गए?
क्या सब कानून हुकूमत के ही होते हैं, कुछ मुहब्बत मुरौवत, आदमियत, इंसानियत के नहीं होते?
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तुम्हें भूल जाने की
दक्षिण ध्रुवी अधिकार-अमावस्या
शरीर पर, चेहरे पर, अंतर में पा लूँ मैं
झेलूँ मैं, उसी में नहा लूँ मैं
इसलिए की तुमसे ही परिवेष्टित आच्छादित
रहने का रमणीय यह उजेला अब
सहा नहीं जाता है ।
(क) यहाँ अंधकार-अमावस्या के लिए क्या विशेषण इस्तेमाल किया गया है और उससे विशेष्य में क्या अर्थ जुड़ता हैं ।
(ख) कवि ने व्यक्तिगत संदर्भ में किस स्थिति को अमावस्या कहा हैं?
(ग) इस स्थिति से ठीक वाले शब्द का व्याख्यापूवक उल्लेख करें
(घ) कवि अपने संबोध्य (जिसको कविता संबोधित हैं कविता का ‘तुम) को पूरी तरह भूल जाना चाहता है। इस बात को प्रभावी तरीके से व्यक्त करने के लिए कवि ने क्या युक्ति अपनाई हैं? रेखांकित अंशों को ध्यान में रखकर उत्तर दें।
विप्लव-रव से छोटे ही हैं शोभा पाते ‘ पंक्ति में ‘ विप्लव-रव ‘ से क्या तात्पर्य है ? ‘ छोटे ही है हैं शोभा पाते ‘ एसा क्यों कहा गया है ?
‘बहलाती-सहलाती आत्मीयता बरदाश्ता नहीं होती है‘ और कविता के’ शीर्षक ‘सहर्ष स्वीकारा है ‘ में आप कैसे अंतर्विरोध पाते हैं। चर्चा कीजिए।
छोटे चौकोने खेत को कागज़ का पन्ना कहने में क्या अर्थ निहित है?
सफ़िया के भाई ने नमक की पुड़िया ले जाने से क्यों मना कर दिया?
हम समर्थ श्यक्तिवान और हम एक दुर्बल को लाएँगे’ पंक्ति के माध्यम से कवि ने क्या व्यंग्य किया हैं?