Class 12 Hindi - Aroh - Chapter Shireesh Ke Phool NCERT Solutions | आशय स्पष्ट कीज

Welcome to the NCERT Solutions for Class 12th Hindi - Aroh - Chapter Shireesh Ke Phool. This page offers a step-by-step solution to the specific question from Excercise ".$ex_no." , Question 7: आशय स्पष्ट कीजिए दुरंत प्राणधारा औ....
Question 7

आशय स्पष्ट कीजिए

  1. दुरंत प्राणधारा और सर्वव्यापक कालाग्नि का संघर्ष निरंतर चल रहा है। मूर्ख समझते हैं कि जहाँ बने हैं, वहीं देर तक बने रहें तो कालदेवता की आँख बचा पाएँगे। भोले हैं वे। हिलते डुलते रहो, स्थान बदलते रहो, आगे की ओर मुँह किए रहो तो कोड़े की मार से बच भी सकते हैं। जमे कि मरे।
  2. जो कवि अनासक्त नहीं रह सका, जो फक्कड़ नहीं बन सका, जो किए-कराए का लेखा-जोखा मिलाने में उलझ गया, वह भी क्या कवि है?…मैं कहता हूँ कि कवि बनना है मेरे दोस्तों, तो फक्कड़ बनो।
  3. फल हो या पेड़, वह अपने-आप में समाप्त नहीं है। वह किसी अन्य वस्तु को दिखाने के लिए उठी हुई अंगुली है। वह इशारा है।

Answer

1. इन पक्तियों का आशय व्यक्ति के जीवन जीने की कला से थे लेखक के अनुसार दुरत प्राणधारा कालाग्री के मध्य सघर्ष निरतर चलता था जो बुदिमान थे वे इससे सघर्ष कर अपना जीवनयापन करते थे मूर्ख व्यक्ति यह समझते है कि वे जहां हे वहा डटे रहने से काल देवता की नज़र से बचते थे I


2. इन पक्तियों का आशय सच्चा कवि बनने से है लेखक के अनुसार यदि महान कवि बनना है तो अनासक्त और फक्कड बनाना होता था यदि वह अपने कर्यो का लेखा जोखा हानि लाभ मिलनर में उलझ जाते थे वह कवि नहीं बन पाते थे I

3. इस पक्ति का आशय सुदरता और सर्जन की सीमा से होता है लेखक के कहने का तात्पर्य यह है कि फल पेड़ और फूल इनका अपना अपना अस्तिव होता था I ये यू ही सम्पाप्त नहीं होते थे I

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