लक्ष्य प्राप्ति में इंद्रियाँ बाधक होती हैं-इसके संदर्भ में अपने तर्क दीजिए।
इन्द्रियों का काम था अपने को तप्त करना इन्द्रियो की तृप्ति के फेर में मानव जीवन भर भटकता था इन्द्रियाँ मानव को विषय वासनाओ के जाल में उलझाकर लक्ष्य पथ से भटकाती रहती थी ईश्वर
प्राप्ति के मार्ग में टो इन्द्रियाँ सबसे बड़ी बाधक होती थी यह साधक को संसार की मोह माया में उलझाकर रखती थी I
कवि ने किस आशय से मेहनत की लूट, पुलिस की मार, गद्दारी-लोभ को सबसे खतरनाक नहीं माना?
माटी का रंग प्रयोग करते हुए किस बात की ओर संकेत किया गया है?
कहानी का कौन-सा पात्र आपको सर्वाधिक प्रभावित करता है और क्यों?
मियाँ नसीरुद्दीन को नानबाइयों का मसीहा क्यों कहा गया है?
पथेर पांचाली फिल्म की शूटिंग का काम ढाई साल तक क्यों चला?
शिवशंभु की दो गायों की कहानी के माध्यम से लेखक क्या कहना चाहता है?
कहानी के उस प्रसंग का उल्लेख करें, जिसमें किताबों की विद्या और घन चलाने की विद्या का जिक्र आया है?
इतिहास में स्पीति का वर्णन नहीं मिलता। क्यों?
रजनी ने अमित के मुद्दे को गंभीरता से लिया, क्योंकि –
(क) वह अमित से बहुत स्नेह करती थी।
(ख) अमित उसकी मित्र लीला का बेटा था।
(ग) वह अन्याय के विरुद्ध आवाज़ की सामर्थ्य रखती थी।
(घ) उसे अखबार की सुर्खियों में आने का शौक था।
बेचारा जामुन का पेड़। कितना फलदार था। और इसकी जामुनें कितनी रसीली होती थीं।
(क) ये संवाद कहानी के किस प्रसंग में आए हैं?
(ख) इससे लोगों की कैसी मानसिकता का पता चलता है?
स्पीति के लोग जीवनयापन के लिए किन कठिनाइयों का सामना करते हैं?
यदि आप माली की जगह पर होते, तो हुकूमत के फैसले का इंतज़ार करते या नहीं? अगर हाँ, तो क्यों? और नहीं, तो क्यों?
वर्षा यहाँ एक घटना है, एक सुखद संयोग है – लेखक ने ऐसा क्यों कहा है?
अपने अनुभवों के आधार पर बताइए कि जब आपके तर्को ने आपके भ्रम को पुष्ट किया हो।
पानी के रात भर गिरने और प्राण-मन के घिरने में परस्पर क्या संबंध है?
यह कहना कहाँ तक युक्तिसंगत है कि इस कहानी में हास्य के साथ-साथ करुणा की भी अंतर्धारा है। अपने उत्तर के पक्ष में तर्क दें।
इस दौर में भी बचाने को बहुत कुछ बचा है-से क्या आशय है?
‘लड़कियाँ हैं, वह घास-फूस की तरह बढ़ती चली जाती हैं।’ वाक्य समाज में लड़कियों की स्थिति की किस वास्तविकता को प्रकट करता है?
निम्नलिखित पंक्तियों के काव्य-सौंदर्य को उद्घाटित कीजिए:
(क) ठंडी होती दिनचर्या में, जीवन की गर्माहट
(ख) थोड़ा-सा विश्वास थोड़ा-सी उम्मीद थोड़े-से सपने आओ, मिलकर बचाएँ।
स्त्री के चरित्र की बनी बनाई धारणा से रजनी का चेहरा किन मायनों में अलग है?