आप को शरत और उसके पिता मोतीलाल के स्वभाव में क्या समानताएँ नजर आती हैं? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिये।
शरत तथा उसके पिता सभी लोगो को समान द्रष्टि से देखते है उनके लिए कोई बड़ा छोटा नही होता है I
- उसका सोदर्य बोध पिता के समान ही है जो उनके लेखन में स्पष्ट रूप से झलकता था I
- वह पिता के समान यायावार संसार के व्यक्ति है एक स्थान पर टिकना उसके लिए सभव नही है I
पाठ के आधार पर बताइये कि उस समय के और वर्तमान समय के पढ़ने पढ़ाने के तौर - तरीकों में क्या अंतर और समानताएँ हैं? आप पढ़ने पढ़ाने के कौन से तौर तरीकों के पक्ष में हैं और क्यों?
पाठ में अनेक अंश बाल सुलभ चंचलताओं, शरारतो को बहुत रोचक ढंग से उजागर करते हैं। आप को कौन सा अंश अच्छा लगा और क्यों?
जो रुदन के विभिन्न रूपों को पहचानता है वह साधारण बालक नहीं है। बड़ा होकर वह निश्चय ही मनस्तत्व के व्यापर में प्रसिद्ध होगा। " अघोर बाबू के मित्र की इस टिप्पणी पर अपनी टिप्पणी कीजिये।
नाना के घर किन किन बातो का निषेध था?शरत को उन निषिद्ध कार्यों को करना क्यों प्रिय था?
"उस समय वह सोच भी नहीं सकता था कि, मनुष्य को दुःख पहुँचाने के अलावा भी साहित्य का कोई उद्देश्य हो सकता है। "लेखक ने ऐसा क्यों कहा? आप के विचार से साहित्य के कौन कौन से उद्देश्य हो सकते हैं?
क्या अभाव, अधूरापन मनुष्य के लिए प्रेरणादायी हो सकता है?
अंडे के छिलकों को जुराब में, कोट की जेब में या नाली में फेकना बिल्कुल ठीक नहीं इस पर अपनी राय लिखिए?
लेखक ने अपने पांच मित्रों के जो शब्द-चित्र प्रस्तुत किए हैं, उनसे उनके अलग- अलग व्यक्तित्व की झलक मीलती है फिर भी वो घनिष्ठ मित्र हैं कैसे?
अंडा खाना क्या कोई अपराध है? इस पर निबंध लिखिए।
‘प्रतिभा छुपाए नहीं छुपती’ कथन के आधार पर मकबूल फिदा हुसैन के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालिए।
“पराया घर तो लगता ही है, भाभी” अपनी भाभी-भाई के कमरे में श्याम को पराएपन का अहसास क्यों होता है?
‘लेखक जन्मजात कलाकार हैं’ इस आत्मकथा में सबसे पहले यह कहा उद्घाटित होता है?
एकांकी में अम्माँ की जो तसवीर उभरती है, अंत में वह बिलकुल बदल जाती है - टिप्पणी कीजिए।
दुकान पर बैठे-बैठे भी मकबूल के भीतर का कलाकार उसके किन कार्यकर्ताओं से अभिव्यक्त होता है?
अंडे खाना, ‘चंद्रकांता संतति’ पढ़ना आदि किन्हीं संदर्भों में गलत नहीं है, फिर भी नाटक के पात्र इन्हें छिपकर करते हैं। क्यों? आप उनकी जगह होते तो क्या करते?
प्रचार प्रसार के पुराने तरीकों और वर्तमान तरीकों में क्या फर्क आया है? पाठ के आधार पर बताएं।
एकांकी में अम्माँ की जो तसवीर उभरती है, अंत में वह बिलकुल बदल जाती है - टिप्पणी कीजिए।
‘लेखक जन्मजात कलाकार हैं’ इस आत्मकथा में सबसे पहले यह कहा उद्घाटित होता है?
‘प्रतिभा छुपाए नहीं छुपती’ कथन के आधार पर मकबूल फिदा हुसैन के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालिए।
कल कला के प्रति लोगों का नजरिया पहले कैसा था? उसमें अब क्या बदलाव आए हैं?
दुकान पर बैठे-बैठे भी मकबूल के भीतर का कलाकार उसके किन कार्यकर्ताओं से अभिव्यक्त होता है?
अंडा खाना क्या कोई अपराध है? इस पर निबंध लिखिए।
राधा के चरित्र की ऐसी कौन सी विशेषताएँ हैं जिन्हें आप अपनाना चाहेंगे?
प्रचार प्रसार के पुराने तरीकों और वर्तमान तरीकों में क्या फर्क आया है? पाठ के आधार पर बताएं।
लेखक ने अपने पांच मित्रों के जो शब्द-चित्र प्रस्तुत किए हैं, उनसे उनके अलग- अलग व्यक्तित्व की झलक मीलती है फिर भी वो घनिष्ठ मित्र हैं कैसे?
मक मकबूल के पिता के व्यक्तित्व की तुलना अपने पिता के व्यक्तित्व से कीजिए?