दुर्लभ गुणों को एक ही पात्र में दिखाने के पीछे कवि का क्या उद्देश्य है? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
प्राय दुलभ गुणों का समावेश एक ही व्यक्ति में होना असभव होता था ऐसा व्यक्ति ढूढकर भी नही मिलता था कवि के अंदर ऐसी श्रमता होती थी कि वह ऐसे गुणों से युक्त पात्र का निर्माण कर सकता था यह मात्र मनोरंजन के लिए नही होता था इसके पीछे खास उधेश्य होता था वह उधेश्य था दिशाहीन मनुष्य को दिशा दिखाना था तो हमारा उधेश्य समाज के आगे आदर्श पात्र रखना था यह समाज के आगे आदर्श पात्र रखना था I
लेखक ने कवि की तुलना प्रजापति से क्यों की है?
साहित्य के 'पांचजन्य' से लेखक का क्या तात्पर्य है? 'साहित्य का पांचजन्य' मनुष्य को क्या प्रेरणा देता है?
''मानव संबंधों से परे साहित्य नहीं है।'' इस कथन की समीक्षा कीजिए।
कवि-पुरोहित के रूप में साहित्यकार की भूमिका स्पष्ट कीजिए।
साहित्य समाज का दर्पण है' इस प्रचलित धारणा के विरोध में लेखक ने क्या तर्क दिए हैं?
साहित्यकार के लिए स्रष्टा और द्रष्टा होना अत्यंत अनिवार्य है, क्यों और कैसे?
(क) 'कवि की यह सृष्टि निराधार नहीं होती। हम उसमें अपनी ज्यों-की-त्यों आकृति भले ही न देखें, पर ऐसी आकृति ज़रूर देखते हैं जैसी हमें प्रिय है, जैसी आकृति हम बनाना चाहते हैं।'
(ख) 'प्रजापति-कवि गंभीर यथार्थवादी होता है, ऐसा यथार्थवादी जिसके पाँव वर्तमान की धरती पर हैं और आँखें भविष्य के क्षितिज पर लगी हुई हैं।'
(ग) 'इसके सामने निरुद्देश्य कला, विकृति काम-वासनाएँ, अहंकार और व्यक्तिवाद, निराशा और पराजय के 'सिद्धांत' वैसे ही नहीं ठहरते जैसे सूर्य के सामने अंधकार।'
'साहित्य थके हुए मनुष्य के लिए विश्रांति ही नहीं है। वह उसे आगे बढ़ने के लिए उत्साहित भी करता है।'' स्पष्ट कीजिए।
'पंद्रहवीं-सोलहवीं' सदी में हिंदी-साहित्य ने कौन-सी सामाजिक भूमिका निभाई?
'हारेंहु खेल जितावहिं मोही' भरत के इस कथन का क्या आशय है?
अगहन मास की विशेषता बताते हुए विरहिणी (नागमती) की व्यथा-कथा का चित्रण अपने शब्दों में कीजिए।
प्रियतमा के दुख के क्या कारण हैं?
देवी सरस्वती की उदारता का गुणगान क्यों नहीं किया जा सकता?
कवि ने 'चाहत चलन ये संदेसो ले सुजान को' क्यों कहा है?
लेखक ने अपने पिता जी की किन-किन विशेषताओं का उल्लेख किया है?
बालक से उसकी उम्र और योग्यता से ऊपर के कौन-कौन से प्रश्न पूछे गए?
पसोवा की प्रसिद्धि का क्या कारण था और लेखक वहाँ क्यों जाना चाहता था?
संवदिया कि क्या विशेषताएँ हैं और गाँववालों के मन में संवदिया की क्या अवधारणा हैं?
"मैंने भ्रमवश जीवन संचित, मधुकरियों की भीख लुटाई"‐ पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए।
पाठ से प्रश्नवाचक वाक्यों को छाँटिए और संदर्भ के साथ उन पर टिप्पणी लिखिए।
भाव-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए-
(क) 'यह प्रकृत, स्वयंभू ............. शक्ति को दे दो।'
(ख) 'यह सदा-द्रवित, चिर-जागरूक .............. चिर-अखंड अपनापा।'
(ग) 'जिज्ञासु, प्रबुद्ध, सदा श्रद्धामय, इसको भक्ति को दे दो।'
"मैंने निज दुर्बल..... होड़ लगाई" इन पंक्तियों में 'दुर्बल पद बल' और 'हारी होड़' में निहित व्यंजना स्पष्ट कीजिए।
अमझर से आप क्या समझते हैं? अमझर गाँव में सूनापन क्यों है?
आँखें बंद रखने और आँखें खोलकर देखने के क्या परिणाम निकले?
'प्रकृति मनुष्य की सहचरी है' इस विषय पर विचार व्यक्त करते हुए आज के संदर्भ में इस कथन की वास्तविकता पर प्रकाश डालिए।
राम के प्रति अपने श्रद्धाभाव को भरत किस प्रकार प्रकट करते हैं, स्पष्ट कीजिए।
''मैं कहीं जाता हूँ तो 'छूँछे' हाथ नही लौटता'' से क्या तात्पर्य है? लेखक कौशांबी लौटते हुए अपने साथ क्या-क्या लाया?
संवाद कहते वक्त बड़ी बहुरिया की आँखें क्यों छलछला आईं?
दूसरा देवदास' कहानी के शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट कीजिए।