(क) एकसरि भवन पिआ बिनु रे मोहि रहलो न जाए।
(ख) जनम अवधि हम रूप निहारल नयन न तिरपित भेल।।
(ग) कुसुमित कानन हेरि कमलमुखि, मूदि रहए दु नयान।
(क) प्रस्तुत पद में नायिका का पीटीआई परदेश गया हुआ था वह घर में अकेली थी पति से अलग होने का विरह उसे इतना सताता था कि वह बिना मुझसे घर में अकेला नही रह जाता था वह आगे कहती थी कि हे सखी इस संसार में ऐसा कोन सा मनुष्य विधमान थे I
(ख) प्रस्तुत पक्तियों में कवि प्रेमिका की अतुप्ती का वर्णन करता था अपने प्रेमी के साथ उसे बहुत समय हो गया था परन्तु अब तक वह तृप्त नही हो पायी थी वह जन्मो से प्रियतम को निहारती रहती थी परन्तु हर बार उसे और देखने का ही मन करता था नेत्रों में अतृप्ति का भाव विधमान थे I
(ग) प्रस्तुत पक्तियो में प्रेमिका की ह्रदय की दशा का वर्णन किया गया था कवि के अनुसार नायिका को ऐसा वातावरण भाता नही था जो सयोग कालीन होता था वह स्वय वियोग की अवस्था में थी उसका प्रियतम उसे छोड़कर बाहर गया था वसंत के कारण वन विकसित हो रहा था अत कमल के समान सुंदर मुख वाली राधा दोनों हाथो से अपनी आँखों को बंद कर देती थी I
कवि 'नयन न तिरपित भेल' के माध्यम से विरहिणी नायिका की किस मनोदशा को व्यक्त करना चाहता है?
'सेह फिरत अनुराग बखानिअ तिल-तिल नूतन होए' से लेखक का क्या आशय है?
कोयल और भौरों के कलरव का नायिका पर क्या प्रभाव पड़ता है?
प्रियतमा के दुख के क्या कारण हैं?
कातर दृष्टि से चारों तरफ़ प्रियतम को ढूँढ़ने की मनोदशा को कवि ने किन शब्दों में व्यक्त किया है?
नायिका के प्राण तृप्त न हो पाने के कारण अपने शब्दों में लिखिए।
निम्नलिखित शब्दों के तत्सम रूप लिखिए–
'तिरपित, छन, बिदगध, निहारल, पिरित, साओन, अपजस, छिन, तोहारा, कातिक
'हारेंहु खेल जितावहिं मोही' भरत के इस कथन का क्या आशय है?
अगहन मास की विशेषता बताते हुए विरहिणी (नागमती) की व्यथा-कथा का चित्रण अपने शब्दों में कीजिए।
देवी सरस्वती की उदारता का गुणगान क्यों नहीं किया जा सकता?
कवि ने 'चाहत चलन ये संदेसो ले सुजान को' क्यों कहा है?
लेखक ने अपने पिता जी की किन-किन विशेषताओं का उल्लेख किया है?
बालक से उसकी उम्र और योग्यता से ऊपर के कौन-कौन से प्रश्न पूछे गए?
पसोवा की प्रसिद्धि का क्या कारण था और लेखक वहाँ क्यों जाना चाहता था?
संवदिया कि क्या विशेषताएँ हैं और गाँववालों के मन में संवदिया की क्या अवधारणा हैं?
लेखक ने कवि की तुलना प्रजापति से क्यों की है?
"मैंने भ्रमवश जीवन संचित, मधुकरियों की भीख लुटाई"‐ पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए।
निम्नलिखित पंक्तियों का भाव-सौंदर्य लिखिए-
(क) कभी-कभी किसी इलाके की संपदा ही उसका अभिशाप बन जाती है।
(ख) अतीत का समूचा मिथक संसार पोथियों में नहीं, इन रिश्तों की अदृश्य लिपि में मौजूद रहता था।
दूसरा देवदास' कहानी के शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट कीजिए।
पाठ में कुछ रोचक घटनाओं का उल्लेख है। ऐसी तीन घटनाएँ चुनकर उन्हें अपने शब्दों में लिखिए।
प्रस्तुत संस्मरण में लेखक ने चौधरी साहब के व्यक्तित्व के किन-किन पहलुओं को उजागर किया है?
'कोई छः बजे सुबह.......फिरकी सी आई, चली गई'- पंक्ति में निहित भाव स्पष्ट कीजिए।
सत्य क्या पुकारने से मिल सकता है? युधिष्ठिर विदुर को क्यों पुकार रहे हैं- महाभारत के प्रसंग से सत्य के अर्थ खोलें।
समवयस्क हिंदी प्रेमियों की मंडली में कौन-कौन से लेखक मुख्य थे?
शकुंतला के प्रसंग के माध्यम से कवि क्या संकेत करना चाहता है?
'आकाश बदल कर बना मही' में 'आकाश' और 'मही' शब्द किसकी ओर संकेत करते हैं?
पाठ के आधार पर हर की पौड़ी पर होने वाली गंगाजी की आरती का भावपूर्ण वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।