निम्नलिखित शब्दों के तत्सम रूप लिखिए–
'तिरपित, छन, बिदगध, निहारल, पिरित, साओन, अपजस, छिन, तोहारा, कातिक
तिरपित – सतुष्टि
छन – श्रण
बिदगध – विदग्ध
निहारल – निहारना
पिरित – प्रीति
साओन – सावन
छिन – श्रीण
तोहर – तुम्हारा
कातिक - कार्तिक
कवि 'नयन न तिरपित भेल' के माध्यम से विरहिणी नायिका की किस मनोदशा को व्यक्त करना चाहता है?
'सेह फिरत अनुराग बखानिअ तिल-तिल नूतन होए' से लेखक का क्या आशय है?
कातर दृष्टि से चारों तरफ़ प्रियतम को ढूँढ़ने की मनोदशा को कवि ने किन शब्दों में व्यक्त किया है?
नायिका के प्राण तृप्त न हो पाने के कारण अपने शब्दों में लिखिए।
प्रियतमा के दुख के क्या कारण हैं?
कोयल और भौरों के कलरव का नायिका पर क्या प्रभाव पड़ता है?
(क) एकसरि भवन पिआ बिनु रे मोहि रहलो न जाए।
(ख) जनम अवधि हम रूप निहारल नयन न तिरपित भेल।।
(ग) कुसुमित कानन हेरि कमलमुखि, मूदि रहए दु नयान।
'हारेंहु खेल जितावहिं मोही' भरत के इस कथन का क्या आशय है?
अगहन मास की विशेषता बताते हुए विरहिणी (नागमती) की व्यथा-कथा का चित्रण अपने शब्दों में कीजिए।
देवी सरस्वती की उदारता का गुणगान क्यों नहीं किया जा सकता?
कवि ने 'चाहत चलन ये संदेसो ले सुजान को' क्यों कहा है?
लेखक ने अपने पिता जी की किन-किन विशेषताओं का उल्लेख किया है?
बालक से उसकी उम्र और योग्यता से ऊपर के कौन-कौन से प्रश्न पूछे गए?
पसोवा की प्रसिद्धि का क्या कारण था और लेखक वहाँ क्यों जाना चाहता था?
संवदिया कि क्या विशेषताएँ हैं और गाँववालों के मन में संवदिया की क्या अवधारणा हैं?
लेखक ने कवि की तुलना प्रजापति से क्यों की है?
"मैंने भ्रमवश जीवन संचित, मधुकरियों की भीख लुटाई"‐ पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए।
'सागर' और 'बूँद' से कवि का क्या आशय है?
तीसरे छंद में संकेतित कथाएँ अपने शब्दों में लिखिए?
क्षण के महत्व' को उजागर करते हुए कविता का मूल भाव लिखिए।
राम के वन-गमन के बाद उनकी वस्तुओं को देखकर माँ कौशल्या कैसा अनुभव करती हैं? अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए।
रोगी बालक के प्रति गाँधी जी का व्यवहार किस प्रकार का था?
कवि ने 'चाहत चलन ये संदेसो ले सुजान को' क्यों कहा है?
सत्य क्या पुकारने से मिल सकता है? युधिष्ठिर विदुर को क्यों पुकार रहे हैं- महाभारत के प्रसंग से सत्य के अर्थ खोलें।
ये झूठे बंधन टूटें
तो धरती को हम जानें
यहाँ पर झूठे बंधनों और धरती को जानने से क्या अभिप्राय हैं?
संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए-
(क) झूठी बतियानि की पत्यानि तें उदास है, कै ...... चाहत चलन ये संदेशो लै सुजान को।
(ख) जान घनआनंद यों मोहिं तुम्है पैज परी ....... कबहूँ तौ मेरियै पुकार कान खोलि है।
(ग) तब तौ छबि पीवत जीवत हे, .................बिललात महा दुःख दोष भरे।
(घ) ऐसो हियो हित पत्र पवित्र ..... टूक कियौ पर बाँचि न देख्यौ।
भाव-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए-
मिट्टी में रस होगा ही जब वह पोसेगी बीज को
हम इसको क्या कर डालें इस अपने मन की खीज को?
गोड़ो गोड़ो गोड़ो