किन पंक्तियों से ज्ञात होता है कि आज मनुष्य प्रकृति के नैसर्गिक सौंदर्य की अनुभूति से वंचित है?
प्रस्तुत पक्ति में कवि द्वारा व्यग्य किया जाता था उसके अनुसार सीमेट के बने जगलो में रहने वाले मनुष्य की प्रकति की सुन्दरता और उसमे होने वाले परिवर्तन के विषय में कोई जानकारी नही होती थी ऋतुओ में हो रहे परिवर्तन के विषय में कोई जान पाता था वह मात्र कविताओ के माध्यम से सभी ऋतुओ का सुंदर वर्णन किया था वसंत ऋतु रसिक तथा सभी प्रकार के कवियों की मनभावन ऋतु रहती थी I
'वसंत आया' कविता में कवि की चिंता क्या है? उसका प्रतिपाद्य लिखिए?
'प्रकृति मनुष्य की सहचरी है' इस विषय पर विचार व्यक्त करते हुए आज के संदर्भ में इस कथन की वास्तविकता पर प्रकाश डालिए।
कविता का आरंभ 'तोड़ो तोड़ो तोड़ो' से हुआ है और अंत 'गोड़ो गोड़ो गोड़ो' से। विचार कीजिए कि कवि ने ऐसा क्यों किया?
ये झूठे बंधन टूटें
तो धरती को हम जानें
यहाँ पर झूठे बंधनों और धरती को जानने से क्या अभिप्राय हैं?
कवि को धरती और मन की भूमि में क्या-क्या समानताएँ दिखाई पड़ती हैं?
'आधे-आधे गाने' के माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है?
'कोई छः बजे सुबह.......फिरकी सी आई, चली गई'- पंक्ति में निहित भाव स्पष्ट कीजिए।
वसंत आगमन की सूचना कवि को कैसे मिली?
'और कविताएँ पढ़ते रहने से....आम बौर आवेंगे'- में निहित व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए।
'पत्थर' और 'चट्टान' शब्द किसके प्रतीक हैं?
'हारेंहु खेल जितावहिं मोही' भरत के इस कथन का क्या आशय है?
अगहन मास की विशेषता बताते हुए विरहिणी (नागमती) की व्यथा-कथा का चित्रण अपने शब्दों में कीजिए।
प्रियतमा के दुख के क्या कारण हैं?
देवी सरस्वती की उदारता का गुणगान क्यों नहीं किया जा सकता?
कवि ने 'चाहत चलन ये संदेसो ले सुजान को' क्यों कहा है?
लेखक ने अपने पिता जी की किन-किन विशेषताओं का उल्लेख किया है?
बालक से उसकी उम्र और योग्यता से ऊपर के कौन-कौन से प्रश्न पूछे गए?
पसोवा की प्रसिद्धि का क्या कारण था और लेखक वहाँ क्यों जाना चाहता था?
संवदिया कि क्या विशेषताएँ हैं और गाँववालों के मन में संवदिया की क्या अवधारणा हैं?
लेखक ने कवि की तुलना प्रजापति से क्यों की है?
'रहि चकि चित्रलिखी सी' पंक्ति का मर्म अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए।
लोकोक्तियों का संदर्भ सहित अर्थ स्पष्ट कीजिए।
(क) चोर की दाढ़ी में तिनका
(ख) ना जाने केहि भेष में नारायण मिल जाएँ
(ग) चोर के घर छिछोर पैठा
(घ) यह म्याऊँ का ठौर था
''मानव संबंधों से परे साहित्य नहीं है।'' इस कथन की समीक्षा कीजिए।
गीतावली से संकलित पद 'राघौ एक बार फिरि आवौ' मैं निहित करुणा और संदेश को अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए।
बनारस में वसंत का आगमन कैसे होता है और उसका क्या प्रभाव इस शहर पर पड़ता है?
कुटज के जीवन से हमें क्या सीख मिलती है?
उस छोटी-सी मुलाकात ने संभव के मन में क्या हलचल उत्पन्न कर दी? इसका सूक्ष्म विवेचन कीजिए।
'महीं सकल अनरथ कर मूला' पंक्ति द्वारा भरत के विचारों-भावों का स्पष्टीकरण कीजिए।
चौधरी जी के व्यक्तित्व को बताने के लिए पाठ में कुछ मज़ेदार वाक्य आए हैं- उन्हें छाँटकर उनका संदर्भ लिखिए।
पाठ की शैली की रोचकता पर टिप्पणी कीजिए।