जीवन साथी का चुनाव मिट्टी के ढेलों पर छोड़ने के कौन-कौन से फल प्राप्त होते हैं।
ढेला चुनना प्राचीन समय की प्रथा थी इसमें वर या लड़का अपने साथ मिठी के ढेले लाता था हर ढेले की मिट्टी अलग अलग स्थानों से लायी जाती है माना जाता है कि दिए गए अलग अलग ढेलो में से लडकी जो भी ढेला उठाती थी I इसमें यह फल प्राप्त होते थे
1. मनोवाछीत संतान न मिलने पर पछताना पड़ता था I 2. अच्छी लडकियाँ इस प्रथा के कारण हाथ से निकल जाती थी I
3. अपनी मुर्खता समझ में आती थी I
"बालक बच गया। उसके बचने की आशा है क्योंकि वह लड्डू की पुकार जीवित वृक्ष के हरे पत्तों का मधुर मर्मर था, मरे काठ की अलमारी की सिर दुखानेवाली खड़खड़ाहट नहीं" कथन के आधार पर बालक की स्वाभाविक प्रवृत्तियों का उल्लेख कीजिए।
बालक द्वारा इनाम में लड्डू माँगने पर लेखक ने सुख की साँस क्यों भरी?
बालक की प्रवृत्तियों का गला घोंटना अनुचित है, पाठ में ऐसा आभास किन स्थलों पर होता है कि उसकी प्रवृत्तियों का गला घोटा जाता है?
घड़ी समय का ज्ञान कराती है। क्या धर्म संबंधी मान्यताएँ या विचार अपने समय का बोध नहीं कराते?
'दुर्लभ बंधु' की पेटियों की कथा लिखिए।
'जहाँ धर्म पर कुछ मुट्ठीभर लोगों का एकाधिकार धर्म को संकुचित अर्थ प्रदान करता है वहीं धर्म का आम आदमी से संबंध उसके विकास एवं विस्तार का द्योतक है।' तर्क सहित व्याख्या कीजिए।
बालक ने क्यों कहा कि मैं यावज्जन्म लोकसेवा करूँगा?
लेखक ने धर्म का रहस्य जानने के लिए 'घड़ी के पुर्ज़े' का दृष्टांत क्यों दिया है?
वैदिककाल में हिंदुओं में कैसी लौटरी चलती थी जिसका ज़िक्र लेखक ने किया है।
धर्म अगर कुछ विशेष लोगों वेदशास्त्र, धर्माचार्यों, मठाधीशों, पंडे-पुजारियों की मुट्ठी में है तो आम आदमी और समाज का उससे क्या संबंध होगा? अपनी राय लिखिए।
'हारेंहु खेल जितावहिं मोही' भरत के इस कथन का क्या आशय है?
अगहन मास की विशेषता बताते हुए विरहिणी (नागमती) की व्यथा-कथा का चित्रण अपने शब्दों में कीजिए।
प्रियतमा के दुख के क्या कारण हैं?
देवी सरस्वती की उदारता का गुणगान क्यों नहीं किया जा सकता?
कवि ने 'चाहत चलन ये संदेसो ले सुजान को' क्यों कहा है?
लेखक ने अपने पिता जी की किन-किन विशेषताओं का उल्लेख किया है?
पसोवा की प्रसिद्धि का क्या कारण था और लेखक वहाँ क्यों जाना चाहता था?
संवदिया कि क्या विशेषताएँ हैं और गाँववालों के मन में संवदिया की क्या अवधारणा हैं?
लेखक ने कवि की तुलना प्रजापति से क्यों की है?
"मैंने भ्रमवश जीवन संचित, मधुकरियों की भीख लुटाई"‐ पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए।
घनानंद की रचनाओं की भाषिक विशेषताओं को अपने शब्दों में लिखिए।
इन पंक्तियों की व्याख्या कीजिए-
(क) बड़ी हवेली अब नाममात्र की ही बड़ी हवेली है।
(ख) हरगोबिन ने देखी अपनी आँखों से द्रौपदी की चीरहरण लीला।
(ग) बथुआ साग खाकर कब तक जीऊँ?
(घ) किस मुँह से वह ऐसा संवाद सुनाएगा।
कवि ने किस प्रकार की पुकार से 'कान खोलि है' की बात कही है?
ये झूठे बंधन टूटें
तो धरती को हम जानें
यहाँ पर झूठे बंधनों और धरती को जानने से क्या अभिप्राय हैं?
बड़ी हवेली से बुलावा आने पर हरगोबिन के मन में किस प्रकार की आशंका हुई?
बनारस में वसंत का आगमन कैसे होता है और उसका क्या प्रभाव इस शहर पर पड़ता है?
'सूने विराट के सम्मुख...............दाग से!'- पंक्तियों का भावार्थ स्पष्ट कीजिए।
'उड़ते खग' और 'बरसाती आँखों के बादल' में क्या विशेष अर्थ व्यंजित होता है?
कवि को धरती और मन की भूमि में क्या-क्या समानताएँ दिखाई पड़ती हैं?
दो रुपए में प्राप्त बोधिसत्व की मूर्ति पर दस हज़ार रुपए क्यों न्यौछावर किए जा रहे थे?
Bahut achha hai