राजा ने कौन-कौन से हुक्म निकाले? सूची बनाइए और इनके निहितार्थ लिखिए।
(क) प्रजा अपनी आँखे बंद कर ले I- इसमें छिपा निहितार्थ था कि लोग राजा के अत्याचार शोषण तथा दोहन के प्रति उपेक्षित हो जाता था इस तरह वह लोगो को मनचाहा शोषण कर उनसे अपने कार्य करवाता था I
(ख) प्रजा अपने कानो में पिघलता सीसा डलवा दे I – इसमें छिपा निहितार्थ था कि लोगो द्वारा सुनने की श्रमता खत्म करके अपने विरोधियो को चुप रख सकता था लोग राजा के विरुद्ध सुन ही नही पाते थे वह उसका विरोध केसे करेगे I
(ग) प्रजा अपने मुँह को सिलवा ले I- इसमें छिपा निहितार्थ था कि लोगो के विरोध करने की शक्ति को ही समाप्त कर देना था I
'प्रमाण से अधिक महत्वपूर्ण है विश्वास' कहानी के आधार पर टिप्पणी कीजिए।
कहानी में लेखक ने शेर को किस बात का प्रतीक बताया है?
आधी-आधी फसल हाथी ने किस तरह बाँटी?
आँखें बंद रखने और आँखें खोलकर देखने के क्या परिणाम निकले?
खैराती, रामू और छिद्दू ने जब आँखें खोली तो उन्हें सामने राजा ही क्यों दिखाई दिया?
राजा ने जनता को हुक्म क्यों दिया कि सब लोग अपनी आँखें बंद कर लें?
शेर के मुँह और रोज़गार के दफ़्तर के बीच क्या अंतर है?
लोमड़ी स्वेच्छा से शेर के मुँह में क्यों चली जा रही थी?
हाथी ने खेती की रखवाली के लिए क्या घोषणा की?
साझे की खेती के बारे में हाथी ने किसान को क्या बताया?
'हारेंहु खेल जितावहिं मोही' भरत के इस कथन का क्या आशय है?
अगहन मास की विशेषता बताते हुए विरहिणी (नागमती) की व्यथा-कथा का चित्रण अपने शब्दों में कीजिए।
प्रियतमा के दुख के क्या कारण हैं?
देवी सरस्वती की उदारता का गुणगान क्यों नहीं किया जा सकता?
कवि ने 'चाहत चलन ये संदेसो ले सुजान को' क्यों कहा है?
लेखक ने अपने पिता जी की किन-किन विशेषताओं का उल्लेख किया है?
बालक से उसकी उम्र और योग्यता से ऊपर के कौन-कौन से प्रश्न पूछे गए?
पसोवा की प्रसिद्धि का क्या कारण था और लेखक वहाँ क्यों जाना चाहता था?
संवदिया कि क्या विशेषताएँ हैं और गाँववालों के मन में संवदिया की क्या अवधारणा हैं?
लेखक ने कवि की तुलना प्रजापति से क्यों की है?
(क) उपमा अलंकार के दो उदाहरण छाँटिए।
(ख) उत्प्रेक्षा अलंकार का प्रयोग कहाँ और क्यों किया गया है? उदाहरण सहित उल्लेख कीजिए।
भाव सौंदर्य स्पष्ट कीजिए-
(क) 1947 के बाद से ................ गतिशील होते देखा है
(ख) मानता हुआ कि हाँ मैं लाचार हूँ .................... एक मामूली धोखेबाज़
(ग) तुम्हारे सामने बिलकुल .......................... लिया है हर होड़ से
जीयत खाइ मुएँ नहिं छाँड़ा' पंक्ति के संदर्भ में नायिका की विरह-दशा का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
निम्नलिखित शब्दों के तत्सम रूप लिखिए–
'तिरपित, छन, बिदगध, निहारल, पिरित, साओन, अपजस, छिन, तोहारा, कातिक
पाठ से प्रश्नवाचक वाक्यों को छाँटिए और संदर्भ के साथ उन पर टिप्पणी लिखिए।
बनारस शहर के लिए जो मानवीय क्रियाएँ इस कविता में आई हैं, उनका व्यंजनार्थ स्पष्ट कीजिए।
निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए।
(क) भावी भूत बर्तमान जगत बखानत है 'केसोदास' क्यों हू ना बखानी काहू पै गई।
(ख) अघओघ की बेरी कटी बिकटी निकटी प्रकटी गुरूजान-गटी।
गाड़ी पर सवार होने के बाद संवदिया के मन में काँटे की चुभन का अनुभव क्यों हो रहा था? उससे छुटकारा पाने के लिए उसने क्या उपाय सोचा?
'कुटज' हम सभी को क्या उपदेश देता है? टिप्पणी कीजिए।
किन पंक्तियों से ज्ञात होता है कि आज मनुष्य प्रकृति के नैसर्गिक सौंदर्य की अनुभूति से वंचित है?