इन पंक्तियों की व्याख्या कीजिए-
(क) बड़ी हवेली अब नाममात्र की ही बड़ी हवेली है।
(ख) हरगोबिन ने देखी अपनी आँखों से द्रौपदी की चीरहरण लीला।
(ग) बथुआ साग खाकर कब तक जीऊँ?
(घ) किस मुँह से वह ऐसा संवाद सुनाएगा।
(क) प्रस्तुत पक्ति में हरगोबिन बड़ी हवेली की तुलना उसके बीते समय से करता था जब इस हवेली के ठाट – बाट ही कुछ है एक समय है जब बड़ी हवेली का गाँव में दबदबा हुआ करता है उसकी पहचान है बड़ी भेया के मरने के बाद सब ठाट – बाट चला गया है I
(ख) प्रस्तुत पक्ति में हरगोबिन उस समय का वर्णन करता था जब हवेली की रानी बड़ी बहुरिया की साडी तक उनके तीन देवरों ने तीन टुकड़े करके बाट लिए है बड़ी बहुरिया के पहने हुए गहने तक नोचकर आपस में बाट लिए थे हरगोबिन ने उसकी तुलना द्रौपदी के चीरहरण लीला से की थी I
(ग) यह पक्ति बड़ी बहुरिया तब कहती थी जब वह अपनी माँ को हरगोबिन के माध्यम से अपनी व्यथा सुनाने के लिए भेजती थी वह अपनी माली से परेशान था घर में खाने के लिए कुछ नही था जो भी खाती थी उधार ही खाते थे I
(घ) यह पक्ति हरगोबिन अपने मन में सोचता था उसने बड़ी बहुरिया के वे दिन भी देखे है जब वह हाथो में मेहंदी लगाये हुए कई लोगो का घर चलाया करती है उस बड़ी बहुरिया के पति के मरते ही ऐसी गति हुई थी सब देखते रह गए थे देवरों ने सब हडप लिया था अब उस बड़ी बहुरिया की दशा बहुत ही खराब थी उनके दर्द भरे सवाद को सुनकर हरगोबिन कष्ट में है I
गाड़ी पर सवार होने के बाद संवदिया के मन में काँटे की चुभन का अनुभव क्यों हो रहा था? उससे छुटकारा पाने के लिए उसने क्या उपाय सोचा?
संवदिया कि क्या विशेषताएँ हैं और गाँववालों के मन में संवदिया की क्या अवधारणा हैं?
बड़ी बहुरिया अपने मायके संदेश क्यों भेजना चाहती थी?
'संवदिया डटकर खाता है और अफर कर सोता है' से क्या आशय है?
हरगोबिन बड़ी हवेली में पहुँचकर अतीत की किन स्मृतियों में खो जाता है?
संवाद कहते वक्त बड़ी बहुरिया की आँखें क्यों छलछला आईं?
बड़ी बहुरिया का संवाद हरगोबिन क्यों नहीं सुना सका?
जलालगढ़ पहुँचने के बाद बड़ी बहुरिया के सामने हरगोबिन ने क्या संकल्प लिया?
बड़ी हवेली से बुलावा आने पर हरगोबिन के मन में किस प्रकार की आशंका हुई?
काबुली-कायदा .......................................................................................................
रोम-रोम कलपने लगा ..............................................................................................
अगहनी धान ...........................................................................................................
'हारेंहु खेल जितावहिं मोही' भरत के इस कथन का क्या आशय है?
अगहन मास की विशेषता बताते हुए विरहिणी (नागमती) की व्यथा-कथा का चित्रण अपने शब्दों में कीजिए।
प्रियतमा के दुख के क्या कारण हैं?
देवी सरस्वती की उदारता का गुणगान क्यों नहीं किया जा सकता?
कवि ने 'चाहत चलन ये संदेसो ले सुजान को' क्यों कहा है?
लेखक ने अपने पिता जी की किन-किन विशेषताओं का उल्लेख किया है?
बालक से उसकी उम्र और योग्यता से ऊपर के कौन-कौन से प्रश्न पूछे गए?
पसोवा की प्रसिद्धि का क्या कारण था और लेखक वहाँ क्यों जाना चाहता था?
लेखक ने कवि की तुलना प्रजापति से क्यों की है?
"मैंने भ्रमवश जीवन संचित, मधुकरियों की भीख लुटाई"‐ पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए।
निम्नलिखित शब्दों के तत्सम रूप लिखिए–
'तिरपित, छन, बिदगध, निहारल, पिरित, साओन, अपजस, छिन, तोहारा, कातिक
प्रकृति के कारण विस्थापन और औद्योगीकरण के कारण विस्थापन में क्या अंतर है?
उस छोटी-सी मुलाकात ने संभव के मन में क्या हलचल उत्पन्न कर दी? इसका सूक्ष्म विवेचन कीजिए।
'प्रमाण से अधिक महत्वपूर्ण है विश्वास' कहानी के आधार पर टिप्पणी कीजिए।
'नाम' क्यों बड़ा है? लेखक के विचार अपने शब्दों में लिखिए।
(क) 'कवि की यह सृष्टि निराधार नहीं होती। हम उसमें अपनी ज्यों-की-त्यों आकृति भले ही न देखें, पर ऐसी आकृति ज़रूर देखते हैं जैसी हमें प्रिय है, जैसी आकृति हम बनाना चाहते हैं।'
(ख) 'प्रजापति-कवि गंभीर यथार्थवादी होता है, ऐसा यथार्थवादी जिसके पाँव वर्तमान की धरती पर हैं और आँखें भविष्य के क्षितिज पर लगी हुई हैं।'
(ग) 'इसके सामने निरुद्देश्य कला, विकृति काम-वासनाएँ, अहंकार और व्यक्तिवाद, निराशा और पराजय के 'सिद्धांत' वैसे ही नहीं ठहरते जैसे सूर्य के सामने अंधकार।'
बालक द्वारा इनाम में लड्डू माँगने पर लेखक ने सुख की साँस क्यों भरी?
औद्योगीकरण ने पर्यावरण का संकट पैदा कर दिया है, क्यों और कैसे?
लेखक ने कवि की तुलना प्रजापति से क्यों की है?
'उड़ते खग' और 'बरसाती आँखों के बादल' में क्या विशेष अर्थ व्यंजित होता है?