हिंदी-उर्दू के विषय में लेखक के विचारों को देखिए। आप इन दोनों को एक ही भाषा की दो शैलियाँ मानते हैं या भिन्न भाषाएँ?
हम दोनों को भिन्न भाषाए मानते थे मुगलों के आगमन के साथ भारत में उर्दू का भी आगमन हुआ था अग्रेजो के समय में आजादी पाने के लिए एक ऐसी भाषा के विकास की आवश्यकता हुई थी जो जन भाषा बन सकता था अत वह काल सक्रमण का काल है भरतेन्दु जी ने खड़ी बोली में लिखना आरभ कर दिया था उस समय सभी ने उर्दू के साथ साथ हिंदी का भी प्रयोग करा था I
लेखक का हिंदी-साहित्य के प्रति झुकाव किस प्रकार बढ़ता गया?
पाठ में कुछ रोचक घटनाओं का उल्लेख है। ऐसी तीन घटनाएँ चुनकर उन्हें अपने शब्दों में लिखिए।
उपाध्याय बदरीनारायण चौधरी 'प्रेमघन' की पहली झलक लेखक ने किस प्रकार देखी?
'निस्संदेह' शब्द को लेकर लेखक ने किस प्रसंग का ज़िक्र किया है?
'भारतेंदु जी के मकान के नीचे का यह ह्दय परिचय बहुत शीघ्र गहरी मैत्री में परिणत हो गया।'- कथन का आशय स्पष्ट कीजिए।
प्रस्तुत संस्मरण में लेखक ने चौधरी साहब के व्यक्तित्व के किन-किन पहलुओं को उजागर किया है?
लेखक ने अपने पिता जी की किन-किन विशेषताओं का उल्लेख किया है?
"इस पुरातत्व की दृष्टि में प्रेम और कुतूहल का अद्भुत मिश्रण रहता था।" यह कथन किसके संदर्भ में कहा गया है और क्यों? स्पष्ट कीजिए।
समवयस्क हिंदी प्रेमियों की मंडली में कौन-कौन से लेखक मुख्य थे?
बचपन में लेखक के मन में भारतेंदु जी के संबंध में कैसी भावना जगी रहती थी?
'हारेंहु खेल जितावहिं मोही' भरत के इस कथन का क्या आशय है?
अगहन मास की विशेषता बताते हुए विरहिणी (नागमती) की व्यथा-कथा का चित्रण अपने शब्दों में कीजिए।
प्रियतमा के दुख के क्या कारण हैं?
देवी सरस्वती की उदारता का गुणगान क्यों नहीं किया जा सकता?
कवि ने 'चाहत चलन ये संदेसो ले सुजान को' क्यों कहा है?
बालक से उसकी उम्र और योग्यता से ऊपर के कौन-कौन से प्रश्न पूछे गए?
पसोवा की प्रसिद्धि का क्या कारण था और लेखक वहाँ क्यों जाना चाहता था?
संवदिया कि क्या विशेषताएँ हैं और गाँववालों के मन में संवदिया की क्या अवधारणा हैं?
लेखक ने कवि की तुलना प्रजापति से क्यों की है?
"मैंने भ्रमवश जीवन संचित, मधुकरियों की भीख लुटाई"‐ पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए।
'रंग गई क्षणभर, ढलते सूरज की आग से'- पंक्ति के आधार पर बूँद के क्षणभर रंगने की सार्थकता बताइए।
लेखक ने कवि की तुलना प्रजापति से क्यों की है?
बनारस की पूर्णता और रिक्तता को कवि ने किस प्रकार दिखाया है ?
हाथ फैलाने वाले व्यक्ति को कवि ने ईमानदार क्यों कहा है? स्पष्ट कीजिए।
भाव-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए-
(क) 'यह प्रकृत, स्वयंभू ............. शक्ति को दे दो।'
(ख) 'यह सदा-द्रवित, चिर-जागरूक .............. चिर-अखंड अपनापा।'
(ग) 'जिज्ञासु, प्रबुद्ध, सदा श्रद्धामय, इसको भक्ति को दे दो।'
''चांद्रायण व्रत करती हुई बिल्ली के सामने एक चूहा स्वयं आ जाए तो बेचारी को अपना कर्तव्य पालन करना ही पड़ता है।''- लेखक ने यह वाक्य किस संदर्भ में कहा और क्यों?
मज़दूरों को चार हाथ देने के लिए मिल मालिक ने क्या किया और उसका क्या परिणाम निकला?
वसंत आगमन की सूचना कवि को कैसे मिली?
कहानी में लेखक ने शेर को किस बात का प्रतीक बताया है?
लोमड़ी स्वेच्छा से शेर के मुँह में क्यों चली जा रही थी?