पाठ में कुछ रोचक घटनाओं का उल्लेख है। ऐसी तीन घटनाएँ चुनकर उन्हें अपने शब्दों में लिखिए।
(क) एक बार एक प्रसिद्ध कवि वामनाचार्यगिरि चोधरी साहब से मिलने आये थे वे मार्ग पर चलते हुए चोधरी साहब पर आधारित कविता का निर्माण कर रहे है कविता के आखिर अंक पर वह अटके हुए है I
(ख) ऐसे ही एक दिन चोधरी साहब बहुत से लोगो के साथ बैठे हुए है वहा से एक पडित जी गुजर रहे है सो वह भी इस मंडली में आ गए थे चोधरी साहब ने उनका हालचाल पूछा और क्या हाल था पंडित जी बोल पड़े कुछ नही आज मेरा एकादशी का वर्त था I
(ग) चोधरी साहब के पास एक दिन उनके मित्र मिलने के लिए पहुचे थे चोधरी साहब से वह अचानक प्रश्न पूछ बैठे थे साहब से अकसर घनचक्कर शब्द सुना करता था आपको मालूम था इसका क्या अर्थ था बीएस क्या है चोधरी साहब बोल पड़े थे इसमें कोन सी कठिन बात थी रात के समय एक कागज कलम ले लेते I
लेखक का हिंदी-साहित्य के प्रति झुकाव किस प्रकार बढ़ता गया?
'निस्संदेह' शब्द को लेकर लेखक ने किस प्रसंग का ज़िक्र किया है?
'भारतेंदु जी के मकान के नीचे का यह ह्दय परिचय बहुत शीघ्र गहरी मैत्री में परिणत हो गया।'- कथन का आशय स्पष्ट कीजिए।
उपाध्याय बदरीनारायण चौधरी 'प्रेमघन' की पहली झलक लेखक ने किस प्रकार देखी?
प्रस्तुत संस्मरण में लेखक ने चौधरी साहब के व्यक्तित्व के किन-किन पहलुओं को उजागर किया है?
लेखक ने अपने पिता जी की किन-किन विशेषताओं का उल्लेख किया है?
"इस पुरातत्व की दृष्टि में प्रेम और कुतूहल का अद्भुत मिश्रण रहता था।" यह कथन किसके संदर्भ में कहा गया है और क्यों? स्पष्ट कीजिए।
समवयस्क हिंदी प्रेमियों की मंडली में कौन-कौन से लेखक मुख्य थे?
बचपन में लेखक के मन में भारतेंदु जी के संबंध में कैसी भावना जगी रहती थी?
पाठ की शैली की रोचकता पर टिप्पणी कीजिए।
'हारेंहु खेल जितावहिं मोही' भरत के इस कथन का क्या आशय है?
अगहन मास की विशेषता बताते हुए विरहिणी (नागमती) की व्यथा-कथा का चित्रण अपने शब्दों में कीजिए।
प्रियतमा के दुख के क्या कारण हैं?
देवी सरस्वती की उदारता का गुणगान क्यों नहीं किया जा सकता?
कवि ने 'चाहत चलन ये संदेसो ले सुजान को' क्यों कहा है?
बालक से उसकी उम्र और योग्यता से ऊपर के कौन-कौन से प्रश्न पूछे गए?
पसोवा की प्रसिद्धि का क्या कारण था और लेखक वहाँ क्यों जाना चाहता था?
संवदिया कि क्या विशेषताएँ हैं और गाँववालों के मन में संवदिया की क्या अवधारणा हैं?
लेखक ने कवि की तुलना प्रजापति से क्यों की है?
"मैंने भ्रमवश जीवन संचित, मधुकरियों की भीख लुटाई"‐ पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए।
'दीप अकेला' के प्रतीकार्थ को स्पष्ट करते हुए बताइए कि उसे कवि ने स्नेह भरा, गर्व भरा एवं मदमाता क्यों कहा है?
काव्य-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए-
(क) श्रमित स्वप्न की मधुमाया ......... तान उठाई।
(ख) लौटा लो .......................... लाज गँवाई।
कविता में बार-बार प्रयुक्त 'हम' कौन है और उसकी चिंता क्या है?
'जल उठो फिर सींचने को' इस पंक्ति का भाव-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए।
निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए-
(क) बहुत दिनान को अवधि आसपास परे/खरे अरबरनि भरे हैं उठि जान को
(ख) मौन हू सौं देखिहौं कितेक पन पालिहौ जू/कूकभरी मूकता बुलाय आप बोलिहै।
(ग) तब तौ छबि पीवत जीवत हे, अब सोचन लोचन जात जरे।
(घ) सो घनआनंद जान अजान लौं टूक कियौ पर वाँचि न देख्यौ।
(ङ) तब हार पहार से लागत हे, अब बीच में आन पहार परे।
'साहित्य थके हुए मनुष्य के लिए विश्रांति ही नहीं है। वह उसे आगे बढ़ने के लिए उत्साहित भी करता है।'' स्पष्ट कीजिए।
देवी सरस्वती की उदारता का गुणगान क्यों नहीं किया जा सकता?
प्रथम दो छंदों में से अलंकार छाँटकर लिखिए और उनसे उत्पन्न काव्य-सौंदर्य पर टिप्पणी कीजिए।
यह दीप अकेला है 'पर इसको भी पंक्ति को दे दो' के आधार पर व्यष्टि का समिष्ट में विलय क्यों और कैसे संभव है?
कवि मौन होकर प्रेमिका के कौन से प्रण पालन को देखना चाहता है?