(क) 'तुझे तो तैरना भी न आवे। कहीं पैर फिसल जाता तो मैं तेरी माँ को कौन मुँह दिखाती।'
(ख) 'उसके चेहरे पर इतना विभोर विनीत भाव था मानो उसने अपना सारा अहम् त्याग दिया है, उसके अंदर स्व से जनति कोई-कुंठा शेष नहीं है, वह शुद्ध रूप से चेतन स्वरूप, आत्माराम और निर्मलानंद है।'
(ग) 'एकदम अंदर के प्रकोष्ठ में चामुंडा रूप धरिणी मंसादेवी स्थापित थी। व्यापार यहाँ भी था।
(क) सभव के देर से आने चिन्ताग्रस्त नानी उसे कहती है तू तेरना नही जानता था यदि स्नान करते थे फिसल गया था तो सीधे गंगा नदी में गिर जाता था फिर तो बचना सभव नही है यदि ऐसी कोई अनहोनी हो जाती थी तेरे माता को क्या जवाब देती थी माँ यही कहती थी कि मेने नानी के पास भेजा है और मुझे बेटा देखना नसीब नही हुआ था I
(ख) सभव गंगा नदी की धारा के मध्य एक व्यक्ति को देखता था जो माँ गंगा में सूर्य को जल अर्पण कर रहा था उसके चेहरे के भावो को देखकर सभव उनकी और आकर्षित हो जाता था वह गंगा मैया के मध्य खड़े होकर प्रार्थना कर रहे है उनके चेहरे पर प्रसन्नता और विनती का बहुत सुंदर रूप है उनके चेहरे पर यह भाव है मनो उन्होंने अपने अन्दर व्याप्त अहंकार को समाप्त कर दिया है I
(ग) इन पक्तियाँ में सभव चामुडामंदिर के बारे में व्याखा करता था वहा चामुडा रूप में स्थागित मसा देवी को देखता था इसके साथ ही वह मंदिर स्थल के आस – पास सभी व्यापारिक गतिविधियाँ भी देखता था जहां कही पूजा का सामान बिक रहा है तो कही खाने का कही रुदराक्ष बिक रहा था I
पाठ के आधार पर हर की पौड़ी पर होने वाली गंगाजी की आरती का भावपूर्ण वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
दूसरा देवदास' कहानी के शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट कीजिए।
मनोकामना की गाँठ भी अद्भुत अनूठी है, इधर बाँधो उधर लग जाती है।' कथन के आधार पर पारो की मनोदशा का वर्णन दीजिए।
पुजारी ने लड़की के 'हम' को युगल अर्थ में लेकर क्या आशीर्वाद दिया और पुजारी द्वारा आशीर्वाद देने के बाद लड़के और लड़की के व्यवहार में अटपटापन क्यों आया?
उस छोटी-सी मुलाकात ने संभव के मन में क्या हलचल उत्पन्न कर दी? इसका सूक्ष्म विवेचन कीजिए।
मंसा देवी जाने के लिए केबिल कार में बैठे हुए संभव के मन में जो कल्पनाएँ उठ रही थीं, उनका वर्णन कीजिए।
'पारो बुआ, पारो बुआ इनका नाम है..... उसे भी मनोकामना का पीला-लाल धागा और उसमें पड़ी गिठान का मधुर स्मरण हो आया।'' कथन के आधार पर कहानी के संकेत पूर्ण आशय पर टिप्पणी लिखिए।
हे ईश्वर! उसने कब सोचा था कि मनोकामना का मौन उद्गार इतनी शीघ्र शुभ परिणाम दिखाएगा-आशय स्पष्ट कीजिए।'
'हारेंहु खेल जितावहिं मोही' भरत के इस कथन का क्या आशय है?
अगहन मास की विशेषता बताते हुए विरहिणी (नागमती) की व्यथा-कथा का चित्रण अपने शब्दों में कीजिए।
प्रियतमा के दुख के क्या कारण हैं?
देवी सरस्वती की उदारता का गुणगान क्यों नहीं किया जा सकता?
कवि ने 'चाहत चलन ये संदेसो ले सुजान को' क्यों कहा है?
लेखक ने अपने पिता जी की किन-किन विशेषताओं का उल्लेख किया है?
बालक से उसकी उम्र और योग्यता से ऊपर के कौन-कौन से प्रश्न पूछे गए?
पसोवा की प्रसिद्धि का क्या कारण था और लेखक वहाँ क्यों जाना चाहता था?
संवदिया कि क्या विशेषताएँ हैं और गाँववालों के मन में संवदिया की क्या अवधारणा हैं?
लेखक ने कवि की तुलना प्रजापति से क्यों की है?
''मानव संबंधों से परे साहित्य नहीं है।'' इस कथन की समीक्षा कीजिए।
आधुनिक भारत के 'नए शरणार्थी' किन्हें कहा गया है?
निम्नलिखित पंक्तियों का भाव-सौंदर्य लिखिए-
(क) कभी-कभी किसी इलाके की संपदा ही उसका अभिशाप बन जाती है।
(ख) अतीत का समूचा मिथक संसार पोथियों में नहीं, इन रिश्तों की अदृश्य लिपि में मौजूद रहता था।
युधिष्ठिर जैसा संकल्प' से क्या अभिप्राय है?
सत्य का दिखना और ओझल होना से कवि का क्या तात्पर्य है?
लेखक का हिंदी-साहित्य के प्रति झुकाव किस प्रकार बढ़ता गया?
लेखक अपने संग्रहालय के निर्माण में किन-किन के प्रति अपना आभार प्रकट करता है और किसे अपने संग्रहालय का अभिभावक बनाकर निश्चित होता है?
'मैं जानउँ निज नाथ सुभाऊ' में राम के स्वभाव की किन विशेषताओं की ओर संकेत किया गया है?
कार्नेलिया का गीत कविता में प्रसाद ने भारत की किन विशेषताओं की ओर संकेत किया है?
कवि को अपनी स्वर्गीया पत्नी की याद क्यों आई?