Class 12 Hindi - Antra - Chapter Devsena Ka Geet NCERT Solutions | "मैंने भ्रमवश

Welcome to the NCERT Solutions for Class 12th Hindi - Antra - Chapter Devsena Ka Geet. This page offers a step-by-step solution to the specific question from Excercise ".$ex_no." , Question 1: quot mainne bhramavash jeevan sanchit ma....
Question 1

"मैंने भ्रमवश जीवन संचित, मधुकरियों की भीख लुटाई"‐ पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए।

Answer

ऊपर लिखित पक्ति में कवि ने देवसेना की वेदना का परिचय दिया था देवसेना स्कद गुप्ता से प्रेम करते थे जब देवसेना को इस बात का पता चलता था तो वह बहुत दुखी होती थी और वह कद गुप्त को छोड़ कर चला जाता था देवसेना कहती थी कि मैने प्रेम के भ्रम में अपने जीवन भर की अभिलाषा को रुपी भिक्षा को लुटा दिया था I

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