शिल्प-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए-
(क) कि अब जब कोई ........................ या बच्चा खड़ा है।
(ख) मैं तुम्हारा विरोधी प्रतिद्वंद्वी ...................... निश्चिंत रह सकते हैं।
(क) कवि ने मुक्तछंद में कविता की रचना की थी इसकी भाषा सरल व सहज था इसमें हाथ फेलाना मुहावरे का बहुत उतम प्रयोग किया गया था यह ईमानदार व्यक्ति की लाचारी का सूचक भी था I
(ख) कवि ने मुक्तछद में कविता की रचना की थी इसकी भाषा सरल व सहज था इसमें
प्रतीकात्मता का गुण था इसमें व्यजना का भी प्रयोग किया गया था कवि तटस्थ रहता हुआ था I
कवि ने लोगों के आत्मनिर्भर, मालामाल और गतिशील होने के लिए किन तरीकों की ओर संकेत किया है? अपने शब्दों में लिखिए।
सत्य क्या पुकारने से मिल सकता है? युधिष्ठिर विदुर को क्यों पुकार रहे हैं- महाभारत के प्रसंग से सत्य के अर्थ खोलें।
हाथ फैलाने वाले व्यक्ति को कवि ने ईमानदार क्यों कहा है? स्पष्ट कीजिए।
सत्य और संकल्प के अंतर्संबंध पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
युधिष्ठिर जैसा संकल्प' से क्या अभिप्राय है?
सत्य की राह पर चल। अगर अपना भला चाहता है तो सच्चाई को पकड़।– इन पंक्तियों के प्रकाश में कविता का मर्म खोलिए।
कवि ने हाथ फैलाने वाले व्यक्ति को लाचार, कामचोर, धोखेबाज़ क्यों कहा है?
भाव सौंदर्य स्पष्ट कीजिए-
(क) 1947 के बाद से ................ गतिशील होते देखा है
(ख) मानता हुआ कि हाँ मैं लाचार हूँ .................... एक मामूली धोखेबाज़
(ग) तुम्हारे सामने बिलकुल .......................... लिया है हर होड़ से
सत्य का दिखना और ओझल होना से कवि का क्या तात्पर्य है?
सत्य की पहचान हम कैसे करें? कविता के संदर्भ में स्पष्ट कीजिए।
'हारेंहु खेल जितावहिं मोही' भरत के इस कथन का क्या आशय है?
अगहन मास की विशेषता बताते हुए विरहिणी (नागमती) की व्यथा-कथा का चित्रण अपने शब्दों में कीजिए।
प्रियतमा के दुख के क्या कारण हैं?
देवी सरस्वती की उदारता का गुणगान क्यों नहीं किया जा सकता?
कवि ने 'चाहत चलन ये संदेसो ले सुजान को' क्यों कहा है?
लेखक ने अपने पिता जी की किन-किन विशेषताओं का उल्लेख किया है?
बालक से उसकी उम्र और योग्यता से ऊपर के कौन-कौन से प्रश्न पूछे गए?
पसोवा की प्रसिद्धि का क्या कारण था और लेखक वहाँ क्यों जाना चाहता था?
संवदिया कि क्या विशेषताएँ हैं और गाँववालों के मन में संवदिया की क्या अवधारणा हैं?
लेखक ने कवि की तुलना प्रजापति से क्यों की है?
"मैंने निज दुर्बल..... होड़ लगाई" इन पंक्तियों में 'दुर्बल पद बल' और 'हारी होड़' में निहित व्यंजना स्पष्ट कीजिए।
चारमुख, पाँचमुख और षटमुख किन्हें कहा गया है और उनका देवी सरस्वती से क्या संबंध है?
निम्नलिखित पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकारों की पहचान कीजिए।
(क) कहि कहि आवन छबीले मनभावन को, गहि गहि राखति ही दैं दैं सनमान को।
(ख) कूक भरी मूकता बुलाए आप बोलि है।
(ग) अब न घिरत घन आनंद निदान को।
यह दीप अकेला है 'पर इसको भी पंक्ति को दे दो' के आधार पर व्यष्टि का समिष्ट में विलय क्यों और कैसे संभव है?
कवि को धरती और मन की भूमि में क्या-क्या समानताएँ दिखाई पड़ती हैं?
राजा ने कौन-कौन से हुक्म निकाले? सूची बनाइए और इनके निहितार्थ लिखिए।
लेखक ने अपने पिता जी की किन-किन विशेषताओं का उल्लेख किया है?
'साहित्य थके हुए मनुष्य के लिए विश्रांति ही नहीं है। वह उसे आगे बढ़ने के लिए उत्साहित भी करता है।'' स्पष्ट कीजिए।
"इस पुरातत्व की दृष्टि में प्रेम और कुतूहल का अद्भुत मिश्रण रहता था।" यह कथन किसके संदर्भ में कहा गया है और क्यों? स्पष्ट कीजिए।