हाथ फैलाने वाले व्यक्ति को कवि ने ईमानदार क्यों कहा है? स्पष्ट कीजिए।
हाथ फेलाने वाला व्यक्ति स्वय को भ्रष्टाचार में लिप्त नही करता था इसी कारण उसकी ऐसी दशा हो जाती थी कि उसे दूसरो के आगे हाथ फेलाने पड़ते थे उसका परिवार दर दर की ठोकरे खाने को विवश हो जाता था यदि वह अन्य लोगो की भाति भ्रष्टाचार में लिप्त हो जाता था उसकी चाँदी हो जाती थी I
कवि ने लोगों के आत्मनिर्भर, मालामाल और गतिशील होने के लिए किन तरीकों की ओर संकेत किया है? अपने शब्दों में लिखिए।
सत्य क्या पुकारने से मिल सकता है? युधिष्ठिर विदुर को क्यों पुकार रहे हैं- महाभारत के प्रसंग से सत्य के अर्थ खोलें।
सत्य और संकल्प के अंतर्संबंध पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
सत्य की राह पर चल। अगर अपना भला चाहता है तो सच्चाई को पकड़।– इन पंक्तियों के प्रकाश में कविता का मर्म खोलिए।
युधिष्ठिर जैसा संकल्प' से क्या अभिप्राय है?
कवि ने हाथ फैलाने वाले व्यक्ति को लाचार, कामचोर, धोखेबाज़ क्यों कहा है?
भाव सौंदर्य स्पष्ट कीजिए-
(क) 1947 के बाद से ................ गतिशील होते देखा है
(ख) मानता हुआ कि हाँ मैं लाचार हूँ .................... एक मामूली धोखेबाज़
(ग) तुम्हारे सामने बिलकुल .......................... लिया है हर होड़ से
सत्य का दिखना और ओझल होना से कवि का क्या तात्पर्य है?
सत्य की पहचान हम कैसे करें? कविता के संदर्भ में स्पष्ट कीजिए।
कविता में बार-बार प्रयुक्त 'हम' कौन है और उसकी चिंता क्या है?
'हारेंहु खेल जितावहिं मोही' भरत के इस कथन का क्या आशय है?
अगहन मास की विशेषता बताते हुए विरहिणी (नागमती) की व्यथा-कथा का चित्रण अपने शब्दों में कीजिए।
प्रियतमा के दुख के क्या कारण हैं?
देवी सरस्वती की उदारता का गुणगान क्यों नहीं किया जा सकता?
कवि ने 'चाहत चलन ये संदेसो ले सुजान को' क्यों कहा है?
लेखक ने अपने पिता जी की किन-किन विशेषताओं का उल्लेख किया है?
बालक से उसकी उम्र और योग्यता से ऊपर के कौन-कौन से प्रश्न पूछे गए?
पसोवा की प्रसिद्धि का क्या कारण था और लेखक वहाँ क्यों जाना चाहता था?
संवदिया कि क्या विशेषताएँ हैं और गाँववालों के मन में संवदिया की क्या अवधारणा हैं?
लेखक ने कवि की तुलना प्रजापति से क्यों की है?
सरोज के नव-वधू रूप का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
'पारो बुआ, पारो बुआ इनका नाम है..... उसे भी मनोकामना का पीला-लाल धागा और उसमें पड़ी गिठान का मधुर स्मरण हो आया।'' कथन के आधार पर कहानी के संकेत पूर्ण आशय पर टिप्पणी लिखिए।
'सागर' और 'बूँद' से कवि का क्या आशय है?
मनोकामना की गाँठ भी अद्भुत अनूठी है, इधर बाँधो उधर लग जाती है।' कथन के आधार पर पारो की मनोदशा का वर्णन दीजिए।
अराफात ने ऐसा क्यों बोला की ‘वे आपके ही नहीं हमारे भी नेता हैं उतने ही आदरणीय जितने आपके लिए।’ इस कथन के आधार पर गाँधी जी के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालिए।
जनता राजा की स्थिति की ओर से आँखें बंद कर ले तो उसका राज्य पर क्या प्रभाव पड़ेगा? स्पष्ट कीजिए।
काबुली-कायदा .......................................................................................................
रोम-रोम कलपने लगा ..............................................................................................
अगहनी धान ...........................................................................................................
कवि को अपनी स्वर्गीया पत्नी की याद क्यों आई?
धीरे-धीरे होने की सामूहिक लय में क्या-क्या बँधा है?
(क) 'तुझे तो तैरना भी न आवे। कहीं पैर फिसल जाता तो मैं तेरी माँ को कौन मुँह दिखाती।'
(ख) 'उसके चेहरे पर इतना विभोर विनीत भाव था मानो उसने अपना सारा अहम् त्याग दिया है, उसके अंदर स्व से जनति कोई-कुंठा शेष नहीं है, वह शुद्ध रूप से चेतन स्वरूप, आत्माराम और निर्मलानंद है।'
(ग) 'एकदम अंदर के प्रकोष्ठ में चामुंडा रूप धरिणी मंसादेवी स्थापित थी। व्यापार यहाँ भी था।