''ईमान! ऐसी कोई चीज़ मेरे पास हुई नहीं तो उसके डिगने का कोई सवाल नहीं उठता। यदि होता तो इतना बड़ा संग्रह बिना पैसा-कौड़ी के हो ही नहीं सकता।'' - के माध्यम से लेखक क्या कहना चाहता है?
लेखक के इस कथन का तात्पर्य था कि लोग ईमान की बात करते थे वह कभी न कभी बेईमान हो जाते थे लेखक ईमान जेसी चीज़ से ही स्वय को मुक्त कर लेता था वह कहता था कि उसके पास इस तरह की कोई चीज़ नही है लेखक कि यह बात उस कथन से स्पष्ट होती थी जब उसने बोधिसत्व की मूर्ति को पाने के लिए बुढिया को 2 रूपय दिए है आगे चलकर उसे उस मूर्ति के 10 हजार मिल रहे है उसने बिना सोचे समझे मना कर दिया था I
पसोवा की प्रसिद्धि का क्या कारण था और लेखक वहाँ क्यों जाना चाहता था?
भद्रमथ शिलालेख की क्षतिपूर्ति कैसे हुई? स्पष्ट कीजिए।
''चांद्रायण व्रत करती हुई बिल्ली के सामने एक चूहा स्वयं आ जाए तो बेचारी को अपना कर्तव्य पालन करना ही पड़ता है।''- लेखक ने यह वाक्य किस संदर्भ में कहा और क्यों?
''अपना सोना खोटा तो परखवैया का कौन दोस?'' से लेखक का क्या तात्पर्य है?
लोकोक्तियों का संदर्भ सहित अर्थ स्पष्ट कीजिए।
(क) चोर की दाढ़ी में तिनका
(ख) ना जाने केहि भेष में नारायण मिल जाएँ
(ग) चोर के घर छिछोर पैठा
(घ) यह म्याऊँ का ठौर था
गाँववालों ने उपवास क्यों रखा और उसे कब तोड़ा? दोनों प्रसंगों को स्पष्ट कीजिए।
निम्नलिखित का अर्थ स्पष्ट कीजिए
(क) इक्के को ठीक कर लिया
(ख) कील काँटे से दुरस्त था।
(ग) मेरे मस्तक पर हस्बमामूल चंदन था।
(घ) सरखाब का पर
दो रुपए में प्राप्त बोधिसत्व की मूर्ति पर दस हज़ार रुपए क्यों न्यौछावर किए जा रहे थे?
लेखक अपने संग्रहालय के निर्माण में किन-किन के प्रति अपना आभार प्रकट करता है और किसे अपने संग्रहालय का अभिभावक बनाकर निश्चित होता है?
''मैं कहीं जाता हूँ तो 'छूँछे' हाथ नही लौटता'' से क्या तात्पर्य है? लेखक कौशांबी लौटते हुए अपने साथ क्या-क्या लाया?
'हारेंहु खेल जितावहिं मोही' भरत के इस कथन का क्या आशय है?
अगहन मास की विशेषता बताते हुए विरहिणी (नागमती) की व्यथा-कथा का चित्रण अपने शब्दों में कीजिए।
प्रियतमा के दुख के क्या कारण हैं?
देवी सरस्वती की उदारता का गुणगान क्यों नहीं किया जा सकता?
कवि ने 'चाहत चलन ये संदेसो ले सुजान को' क्यों कहा है?
लेखक ने अपने पिता जी की किन-किन विशेषताओं का उल्लेख किया है?
बालक से उसकी उम्र और योग्यता से ऊपर के कौन-कौन से प्रश्न पूछे गए?
संवदिया कि क्या विशेषताएँ हैं और गाँववालों के मन में संवदिया की क्या अवधारणा हैं?
लेखक ने कवि की तुलना प्रजापति से क्यों की है?
"मैंने भ्रमवश जीवन संचित, मधुकरियों की भीख लुटाई"‐ पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए।
उपाध्याय बदरीनारायण चौधरी 'प्रेमघन' की पहली झलक लेखक ने किस प्रकार देखी?
कवि ने आशा को बावली क्यों कहा है?
राम के प्रति अपने श्रद्धाभाव को भरत किस प्रकार प्रकट करते हैं, स्पष्ट कीजिए।
निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए-
(क) बहुत दिनान को अवधि आसपास परे/खरे अरबरनि भरे हैं उठि जान को
(ख) मौन हू सौं देखिहौं कितेक पन पालिहौ जू/कूकभरी मूकता बुलाय आप बोलिहै।
(ग) तब तौ छबि पीवत जीवत हे, अब सोचन लोचन जात जरे।
(घ) सो घनआनंद जान अजान लौं टूक कियौ पर वाँचि न देख्यौ।
(ङ) तब हार पहार से लागत हे, अब बीच में आन पहार परे।
मनोकामना की गाँठ भी अद्भुत अनूठी है, इधर बाँधो उधर लग जाती है।' कथन के आधार पर पारो की मनोदशा का वर्णन दीजिए।
निम्नलिखित शब्दों के तत्सम रूप लिखिए–
'तिरपित, छन, बिदगध, निहारल, पिरित, साओन, अपजस, छिन, तोहारा, कातिक
कुटज के जीवन से हमें क्या सीख मिलती है?
बच्चे का उधर-उधर कहना क्या प्रकट करता है?
बनारस शहर के लिए जो मानवीय क्रियाएँ इस कविता में आई हैं, उनका व्यंजनार्थ स्पष्ट कीजिए।
कुटज किस प्रकार अपनी अपराजेय जीवनी-शक्ति की घोषणा करता है?