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Q1 1. गांधी जी ने महादेव को अपना वारिस कब कहा था?
2. गांधी जी से मिलने आनेवालों के लिए महादेव भाई क्या करते थे?
3. महादेव भाई की साहित्यिक देन क्या है?
4. महादेव, भाई की अकाल मृत्यु को कारण क्या था?
5. महादेव भाई के लिखे नोट के विषय में गांधी जी क्या कहते थे?
Ans: 1. गाँधीजी को महादेव अपने पुत्र से भी अधिक प्रिय है जब सन 1917 में वे गाँधीजी के पास पहुँच थे तभी गाँधीजी ने उनको तत्काल पहचान लिया था उनको अपने उतराधिकारी का पद सोप दिया था I
2. अग्रेजो से पीड़ित दल जब गाँधीजी से मिलने आते है तब महादेव उनकी बातो की सक्षित टिप्पणियों तैयार करता था I
3. साहित्य और सस्कर के साथ इसका कोई सबंध नही रहा है लेकिन महादेव जी ने उसी समय से टेंगोर शरदचन्द आदि के साहित्य को उलटना पुलटना शुरु कर दिया है I
4. महादेव मगनवाडी से वर्धा की गर्मी में रोज़ सुबह पेंदल चलकर सेवाग्राम पहुचते है जाते आते पूरे 11 मील चलते है I
5. बड़े बड़े देशी विदेशी राजपुरुष राजनीतिज्ञ गांधीजी से मिलने आते है महादेव एक कोने में बैठे बैठे अपनी लबीं लिखावट में सारी चर्चा को लिखते रहते है I
Q2 1. पंजाब में फ़ौजी शासन ने क्या कहर बरसाया?
2. महादेव जी के किन गुणों ने उन्हें सबका लाडला बना दिया था?
3. महादेव जी की लिखावट की क्या विशेषताएँ थीं?
Ans: 1. जब 1919 में पंजाब के जलियावाला बाग़ में एक आम – सभा में अग्रेजो के जनरल डायर ने निहत्थी जनसभा पर गोलियाँ बरसाना शुरु कर दिया था इसमें बूढ़े बच्चे , आदमी
औरते सभी मार दिए थे I2. बेजोड़ कालम भरपूर चोकसाई उचे ब्रिटिश समाचार पत्रों की परपराओ को अपनाकर चलने का गांधीजी का आग्रह और कटटर से कटटर विरोधियो के साथ भी पूरी सत्यनिष्ठा से उत्पन्न होने वाली थी I
3. भारत में महादेव जी के अक्षरों का कोई सानी नही है वाइसराय के नाम जाने वाले गाधीजी के पत्र हमेशा महादेव की लिखावट में जाते है I
Q3 1. अपना परिचय उनके ‘पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर’ के रूप में देने में वे गौरवान्वित महसूस करते थे।’
2. इस पेशे में आमतौर पर स्याह को सफेद और सफ़द को स्याह करना होता था।
3. देश और दुनिया को मुग्ध करके शुक्रतारे की तरह ही अचानक अस्त हो गए।
4. उन पत्रों को देख-देखकर दिल्ली और शिमला में बैठे वाइसराय लंबी साँस-उसाँस लेते रहते थे।
Ans: 1. गांधीजी के लिए सेवाधर्म का पालन करने इस धरती पर महादेव देसाई गाधीजी के मत्री है वे अपने मित्रो के बीच विनोद में अपने को गांधीजी का हमाल कहने में और कभी कभी अपना परिचय उनके पीर – बावर्ची – मिश्ती – खर के रूप में देने में वे गोरव का अनुभव किया करते है
2. महादेव ने वकालत पढ़ी है जो उनके मिजाज के हिसाब से ठीक नही है इस पेशे में सही गलत और गलत को सही ठहराना होता है I
3. शुक्रतारा आसमान में थोड़ी देर के लिए ही नजर आता था लेकिन सबसे अलग दिखाई पड़ता था वेसे ही महादेव जी भी कुछ समाय ही गांधीजी के साथ रहता था I
4. महादेव जी के द्वारा लिखे गए पत्र जब वाइसराय के पास पहुचते है उसकी लिखावट और बनावट देखकर वाइसराय को यह समझ में नही आता है इनका क्या उत्तर दिया जाता और किस प्रकार दिया जाता था I