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Q1 ‘उनाकोटी’ का अर्थ स्पष्ट करते हुए बतलाएँ कि यह स्थान इस नाम से क्यों प्रसिद्ध है?
Ans: त्रिपुरा में एक जगह का नाम उनकोटी का अर्थ होता था एक करोड़ से एक कम इसके बारे में एक दंत कथा प्रसिद्ध थी कि कल्लू नाम का एक कुम्हार है उसने भगवान शिव की भक्ति की भगवान के प्रसन्न होने पर उसने भगवान शिव के साथ कैलाश रहने की मन्नत की इससे बचने के ललिए भगवान शिव ने शर्त रखी थी कि यदि वह एक रात में भगवान शिव की एक करोड़ मूर्तियाँ बना देता है I
Q2 पाठ के संदर्भ में उनाकोटी में स्थित गंगावतरण की कथा को अपने शब्दों में लिखिए।
Ans: पोराणिक कथा के अनुसार श्रषी भागीरथ कठोर तपस्या के बाद गंगा माँ को धरती पर लेकर आए है इस वेग को रोकने के लिए भगवान शिव तैयार हो गए थे और गंगा के वेग को अपनी जटाओ में रोककर कम कर दिया था I
Q3 कल्लू कुम्हार का नाम उनाकोटी से किस प्रकार जुड़ गया?
Ans: कल्लू कुम्हार भगवान शिव का परम भक्त है और वह उनके साथ कैलाश पर्वत पर जाना है परन्तु
भगवान शिव की शर्त के अनुसार उसे एक रात में शिव की एक करोड़ मूर्तिया बनानी है IQ4 मेरी रीढ़ में एक झुरझरी-सी दौड़ गई’-लेखक के इस कथन के पीछे कौन-सी घटना जुड़ी है?
Ans: लेखक शूटिंग करने में व्यस्त है इसी समय सी . आर . पी . एफ. के एक जवान ने आकर बताया था कि निचली पहाडियों पर जो दो पत्थर पड़े थे यही दो दिन पहले विद्रोहियों ने एक जवान को मार डाला है इतना सुनकर लेखक का शरीर काँप गया था I
Q5 त्रिपुरा ‘बहुधार्मिक समाज’ का उदाहरण कैसे बना?
Ans: त्रिपुरा में लगातार बाहरी लोग आते रहते थे जिस कारण बहुधार्मिक समाज का उदाहरण बन गया था यहा उन्नीस अनुसूचित जनजातिया और विश्व के चार बड़े धर्मो का प्रभाव था I
Q6 टीलियामुरा कस्बे में लेखक का परिचय किन दो प्रमुख हस्तियों से हुआ? समाज-कल्याण के कार्यों में उनका क्या योगदान था?
Ans: टीलियामुरा कस्बे में लेखक का परिचय हेमंत कुमार जमातिया जो लोकगायक है और समाज सेविका तथा देखने में साधारण सी ग्रहस्थी मंजु ऋषिदास से हुआ है जो पचायत में अपने वार्ड का प्रतिनिधित करती है I
Q7 कैलासशहर के जिलाधिकारी ने आलू की खेती के विषय में लेखक को क्या जानकारी दी?
Ans: जिलाधिकारी ने बताया कि किस प्रकार यहा उन्नत किस्म के आलू की खेती की जाती थी बुआई के लिए पारपरिक आलू के बीज की जरूरत दो मीट्रिक टन प्रति हेक्टेयर होती थी I
Q8 त्रिपुरा के घरेलू उद्योगों पर प्रकाश डालते हुए अपनी जानकारी के कुछ अन्य घरेलू उद्योगों के विषय में बताइए?
Ans: त्रिपुरा में अनेक प्रकार के घरेलू उदयोग थे जेसे बाँस के खिलोने बनाना अगरबत्ती बनाना गले में पहनने वाली मालाए बनाना था अगरबत्ती के लिए सीको को तैयार करके गुजरात और कर्नाटक भेजा जाता था I