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Q1 शायर राखी के लच्छे को बिजली की चमक की तरह कहकर क्या भाव व्यंजित करना चाहता है?
Ans: शायर राखी के लच्छे को बिजली की चमक की तरह कहकर यह बताना चाहता है कि सावन मास में रक्षाबधन का पर्व मनाया जाता है इन दिनों जोरदार बारिश होती है बादलो में जिस तरह बिजली चमकती रहेती है उसी प्रकार बहने चमकती राखी भाई के हाथो में बाधकर उनके उज्वल भविष्य की कामना करती है I
Q2 खुद का परदा खोलने से क्या आशय है?
Ans: खुद का परदा खोलने से कवि का आशय स्वय की बुराइयों या कमजोरियों को प्रकट करना है कवि के अनुसार जो व्यक्ति उनकी बुराई करता है वह जाने अनजाने ससार के सामने अपनी ही कमजोरी ही बताता है I
Q3 किस्मत हमको रो लेवे है हम किस्मत को रो ले हैं – इस पंक्ति में शायर की किस्मत के साथ तनातनी का रिश्ता अभिव्यक्त हुआ है। चर्चा कीजिए।
Ans: कवि ने निराशा के श्रणों में ऐसा लगता है कि किस्मत ने उसका साथ नहीं दिया था कवि कहता है किअसफल होने पर में किस्मत पर रोता है और किस्मत मुझे उदास देख़कर रोती है कि वह मेरे लिए कुछ सार्थक नहीं कर पाती है I
Q4 टिप्पणी करें।
(क) गोदी के चाँद और गगन के चाँद का रिश्ता।
(ख) सावन की घटाएँ व रक्षाबंधन का पर्व।Ans: 1.गोदी का चाँद अर्थात बच्चा माँ को हर्षित करता है और गगन का चाँद बच्चे को यानि गोदी के चाँद को हर्षित करता है I सभी माँ के लिए उसका बच्चा चाँद के सामान सुन्दर और प्रिय होता है और बच्चे को चन्द्रमा आकषित करता है I
2 रक्षाबंधन एक मधुर बधन है सावन में रक्षाबंधन आता है सावन का जो सबध झीनी गटा से है गटा का जो सबध बिजली से है वही सबध भाई का बहन से रहेता है भाई – बहन के मन में प्यार कि भावनाए रहेती है IQ5 इन रुबाइयों से हिंदी, उर्दू और लोकभाषा के मिले-जुले प्रयोग को छाँटिए।
Ans: हिंदी के प्रयोग
आगन में लिए चाँद के टुकड़े को खड़ी हाथो पे झुलाती है उससे गोद – भरी
गूज उठती है खिलखिलाते बच्चे कि हँसी रक्षाबधंन की सुबह रस कि पुतली छायी है घटा गगन की हलकी हलकी बिजली की तरह चमक रहे है लच्छे भाई के है बाधती चमकती राखी Iउर्दू के प्रयोग
उल्झे हुए गेसुओं में कघी करके देख के आईने में चाँद उतर गया है I
लोक – भाषा के प्रयोग
रह रह के हवा में जो लोक देती है I