Welcome to the NCERT Solutions for Class 12 Hindi - Aroh. This page offers chapter-wise solutions designed to help students grasp key concepts easily. With detailed answers and explanations for each chapter, students can strengthen their understanding and prepare confidently for exams. Ideal for CBSE and other board students, this resource will simplify your study experience.
-
Chapter 1 Aatmparichay
इस अध्याय में कवि हरिवंशराय बच्चन (Harivansh Rai Bachchan) आत्मा के महत्व और उसकी पहचान पर विचार प्रस्तुत करते हैं। कवि आत्म-चिंतन के माध्यम से यह समझाने का प्रयास करते हैं कि आत्मा की पहचान से ही मनुष्य का वास्तविक अस्तित्व बनता है। आत्म-विश्लेषण के माध्यम से व्यक्ति को अपने अस्तित्व का बोध होता है, और यही बोध उसके आत्म-सम्मान और आत्म-विकास का आधार बनता है।
-
Chapter 2 Patang
इस अध्याय में आलोक धन्वा (Aalok Dhanva) के द्वारा पतंग का बच्चों के जीवन में विशेष स्थान और उसके माध्यम से उनकी मासूमियत और खुशियों का वर्णन किया गया है। पतंग उड़ाने की कला बच्चों को न केवल उत्साहित करती है, बल्कि उनके स्वप्नों को भी ऊँचाइयाँ देती है। पतंग से जुड़ी भावनाएँ, चुनौतियाँ, और उसकी डोर से बच्चों का लगाव उनके मनोभावों को प्रदर्शित करता है।
-
Chapter 3 Kavita Ke Bahane
कुंवर नारायण (Kunwar Narayan) के द्वारा रचित यह अध्याय कविता के माध्यम से विचारों और भावनाओं को प्रस्तुत करने की शक्ति को रेखांकित करता है। कवि बताते हैं कि कविता न केवल मन की गहराईयों को अभिव्यक्त करने का एक माध्यम है, बल्कि यह समाज की सोच और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक भी है। कविता के बहाने कवि अपने सामाजिक और दार्शनिक विचारों को प्रस्तुत करते हैं।
-
Chapter 4 Kaimre Me Band Apahij
रघुवीर सहाय (Raghuveer Sahai) के द्वारा रचित इस कहानी में एक अपाहिज व्यक्ति की मार्मिक स्थिति और उसके भीतर के संघर्ष का वर्णन है। यह व्यक्ति शारीरिक कमी के बावजूद अपनी इच्छाशक्ति और आत्म-बल के सहारे जीवन की कठिनाइयों का सामना करता है। यह कहानी समाज में अपाहिजों के प्रति दृष्टिकोण को बदलने का संदेश देती है।
-
Chapter 5 Saharsh Sweekara Hai
इस कविता में कवि गजानन माधव मुक्तिबोध (Gajanan Madhav Muktibodh), जीवन की अनिश्चितताओं और कठिनाइयों को स्वीकार करने का संदेश देते हैं। कवि का मानना है कि हर स्थिति का स्वागत सहजता से करना चाहिए, चाहे वह सुखद हो या दुखद। जीवन में संतुलन बनाए रखने और परिस्थितियों को सहर्ष स्वीकार करने की प्रेरणा यह कविता देती है।
-
Chapter 6 Usha
शमशेर बहादुर सिंह (Shamsher Bahadur Singh) के द्वारा रचित यह कविता सुबह की पहली किरण और उसके साथ आने वाली ताजगी का वर्णन करती है। कवि ने उषा के सौंदर्य और उसकी अद्भुत छटा का बारीकी से चित्रण किया है, जो प्रकृति की जीवंतता और आनंद को दर्शाता है। उषा का आना एक नई शुरुआत का प्रतीक है जो हर दिन को ऊर्जा और स्फूर्ति से भर देता है
-
Chapter 7 Badal Rag
इस कविता में कवि सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' (Suryakant Tripathi 'Nirala') ने बादलों के विभिन्न रूपों और उनकी अद्वितीय ध्वनियों का वर्णन किया है। कवि बादलों के संगीत और उनकी गतिशीलता से प्रेरणा लेते हैं। यह कविता प्राकृतिक सौंदर्य को समझने और प्रकृति के साथ मन के रिश्ते को स्थापित करने का माध्यम है।
-
Chapter 8 Kavitavali (uttarkand se)
तुलसीदास की इस कविता में भगवान राम की आदर्शवादी छवि और उनके गुणों का वर्णन किया गया है। राम के प्रति समाज में आस्था और उनका आदर्श जीवन सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। इस कविता में भगवान राम की महानता और उनकी न्यायप्रियता को प्रस्तुत किया गया है।
-
Chapter 9 Rubaiyan
फ़िराक़ गोरखपुरी (Firaq Gorakhpuri) के द्वारा रचित यह अध्याय चार पंक्तियों में जीवन के गहरे दर्शन, प्रेम, और अनुभवों का चित्रण करता है। रुबाइयाँ अपनी संक्षिप्तता में गहरी बात कहने की कला को प्रदर्शित करती हैं। इनमें जीवन के महत्वपूर्ण तथ्यों और अनुभूतियों का सार प्रस्तुत किया गया है।
-
Chapter 10 Chhota Mera Khet aur Bagulo Ke Pankh
इस कविता में कवि उमाशंकर जोशी (Umashankar Joshi) अपने छोटे से खेत और उसमें आए बगुलों के सुंदर दृश्य का वर्णन करते हैं। यह दृश्य कवि को आत्मिक शांति और आनंद की अनुभूति कराता है। प्रकृति के प्रति कवि का प्रेम और उसकी सराहना इस कविता में झलकती है।
-
Chapter 11 Bhaktin
महादेवी वर्मा (Mahadevi Verma) के द्वारा रचित भक्तिन एक महिला के धार्मिक विश्वास और उसके समर्पण की कहानी है। उसकी भक्ति और निष्ठा का जीवन पर गहरा प्रभाव है। यह कहानी सच्ची भक्ति की शक्ति को उजागर करती है और यह दर्शाती है कि भक्ति मनुष्य के जीवन में नई दिशा और ऊर्जा का संचार कर सकती है।
-
Chapter 12 Bazar Darshan
इस अध्याय में कवि जैनेन्द्र कुमार (Jainendra Kumar) ने बाज़ार में देखने वाले विविध दृश्यों का वर्णन किया है। कवि बाज़ार की हलचल और उसमें मौजूद लोगों की विविधता को देखते हैं। इस बाजार दर्शन में सामाजिक संरचना और मानव व्यवहार की झलक देखने को मिलती है।
-
Chapter 13 Kale Megha Pani De
इस कविता में कवि धर्मवीर भारती (Dharamvir Bharti) ने वर्षा की आकांक्षा को व्यक्त किया है। काले मेघों को देखकर कवि की इच्छा होती है कि वे धरती पर वर्षा कर उसे हरा-भरा बना दें। यह कविता पृथ्वी के जीवन के लिए पानी की आवश्यकता और उसकी महत्ता का प्रतीक है।
-
Chapter 14 Pahalwan Ki Dholak
फणीश्वरनाथ रेणु (Phanishwarnath Renu) के द्वारा रचित इस कहानी में पहलवान की ढोलक को उसके जीवन का अभिन्न अंग बताया गया है। पहलवान की साधना और उसकी मेहनत का प्रतीक उसकी ढोलक है। यह कहानी संघर्ष और अपनी कड़ी मेहनत के प्रति उसकी निष्ठा को दर्शाती है।
-
Chapter 15 Charlie Chaplin Yani Hum Sab
विष्णु खरे (Vishnu Khare) के द्वारा रचित यह अध्याय चार्ली चैपलिन के जीवन और उनकी कला पर केंद्रित है। उनकी कॉमेडी में छिपे संदेश और समाज की विडंबनाओं का प्रभावशाली चित्रण किया गया है। चार्ली चैपलिन का हर व्यक्ति से जुड़ाव और उनका साधारण से असाधारण बन जाना प्रेरणादायक है।
-
Chapter 16 Namak
इस अध्याय में नमक को मानव जीवन का एक महत्वपूर्ण घटक बताया गया है। नमक की महत्ता को प्रतीकात्मक रूप से समाज में लोगों के रिश्तों और उनकी आवश्यकता के रूप में प्रस्तुत किया गया है। यह पाठ छोटे तत्वों के बड़े प्रभाव को दर्शाता है।
-
Chapter 17 Shireesh Ke Phool
इस कविता में कवि हजारी प्रसाद द्विवेदी (Hazari Prasad Dwivedi), शिरीष के फूलों की सुंदरता और उनकी सादगी का वर्णन किया गया है। कवि इन फूलों को जीवन में सरलता और सौम्यता का प्रतीक मानते हैं। यह कविता जीवन की सरलता और उसे सुंदरता से जीने का संदेश देती है।
-
Chapter 18 Shram Vibhajan aur Jati Pratha
इस अध्याय में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर (Baba Saheb Bhimrao Ambedkar) ने भारतीय समाज में जाति प्रथा और श्रम विभाजन की कुप्रथाओं का विश्लेषण किया है। लेखक जाति आधारित भेदभाव और उसके दुष्प्रभावों को बताते हैं और समानता का महत्व रेखांकित करते हैं। यह पाठ समाज में समानता और भाईचारे के महत्व को उजागर करता है।
Popular Questions of Class 12 Hindi - Aroh
- Q:-
भक्तिन की बेटी पर पंचायत द्वारा जबरन पति थोपा जाना एक दुर्घटना भर नहीं, बल्कि विवाह के संदर्भ में स्त्री के मानवाधिकार (विवाह करें या न करें अथवा किससे करें) इसकी स्वतंत्रता को कुचलते रहने की सदियों से चली आ रही सामाजिक परंपरा का प्रतीक है। कैसे?
- Q:-
रिश्तों में हमारी भावना-शक्ति बँट जाना विश्वासों के जंगल में सत्य की राह खोजती हमारी बुधि की शक्ति को कमज़ोर करती है। पाठ में जीजी के प्रति लेखक की भावना के संदर्भ में इस कथन के औचित्य की समीक्षा कीजिए।
- Q:-
बाज़ार किसी का लिंग, जाति, धर्म या क्षेत्र नहीं देखता, वह देखता है सिर्फ उसकी क्रय शक्ति को। इसे रूप में वह एक प्रकार से सामाजिक समता की भी रचना कर रहा है। आप इससे कहाँ तक सहमत हैं?
- Q:-
भक्तिन के आ जाने से महादेवी अधिक देहाती कैसे हो गई?
- Q:-
कवि ( साहित्यकार) के लिए अनासक्त योगी की स्थित प्रज्ञता और विदग्ध प्रेम का हृदय एक साथ आवश्यक है। ऐसा विचार प्रस्तुत कर लेखक ने साहित्य कर्म के लिए बहुत ऊँचा मानदंड निर्धारित किया है। विस्तारपूर्वक समझाइए।
- Q:-
दो कन्या रत्न पैदा करने पर भक्तिन पुत्र-महिमा में अंधी अपनी जेठानियों द्वारा घृणा व उपेक्षा का शिकार बनी। ऐसी घटनाओं से ही अकसर यह धारणा चलती है कि स्त्री ही स्त्री की दुश्मन होती है? क्यों इससे आप सहमत हैं?
- Q:-
बाज़ारूपन’ से क्या तात्पर्य है? किस प्रकार के व्यक्ति बाजार को सार्थकता प्रदान करते हैं अथवा बाज़ार की सार्थकता किसमें हैं?
- Q:-
विवेदी जी ने शिरीष के माध्यम से कोलाहल व संघर्ष से भरी स्थितियों में अविचल रहकर जिजीविषु बने रहने की सीख दी है। स्पष्ट करें।
- Q:-
हाय, वह अवधूत आज कहाँ है! ऐसा कहकर लेखक ने आत्मबल पर देहबल के वर्चस्व की वर्तमान सभ्यता के संकट की ओर संकेत किया है। कैसे?
- Q:-
आशय स्पष्ट कीजिए
- दुरंत प्राणधारा और सर्वव्यापक कालाग्नि का संघर्ष निरंतर चल रहा है। मूर्ख समझते हैं कि जहाँ बने हैं, वहीं देर तक बने रहें तो कालदेवता की आँख बचा पाएँगे। भोले हैं वे। हिलते डुलते रहो, स्थान बदलते रहो, आगे की ओर मुँह किए रहो तो कोड़े की मार से बच भी सकते हैं। जमे कि मरे।
- जो कवि अनासक्त नहीं रह सका, जो फक्कड़ नहीं बन सका, जो किए-कराए का लेखा-जोखा मिलाने में उलझ गया, वह भी क्या कवि है?…मैं कहता हूँ कि कवि बनना है मेरे दोस्तों, तो फक्कड़ बनो।
- फल हो या पेड़, वह अपने-आप में समाप्त नहीं है। वह किसी अन्य वस्तु को दिखाने के लिए उठी हुई अंगुली है। वह इशारा है।
Recently Viewed Questions of Class 12 Hindi - Aroh
- Q:-
“जैहउँ अवध कवन मुहुँ लाई । नारि हेतु प्रिय भाइ गॅवाई॥
बरु अपजस सहतेउँ जग माहीं। नारि हानि बिसेष छति नाहीं॥
भाई के शोक में डूबे राम के इस प्रलाप-वचन में स्त्री के प्रति कैसा सामाजिक दृष्टिकोण संभावित है? - Q:-
तकनीकी विकास के दौर में भी भारत की अर्थव्यवस्था कृषि पर निर्भर है। कृषि समाज में चैत्र, वैशाख सभी माह बहुत महत्त्वपूर्ण हैं पर आषाढ़ का चढ़ना उनमें उल्लास क्यों भर देता है?
- Q:-
धूत कहौ ….. वाले छंद में ऊपर से सरल व निरीह दिखाई पड़ने वाले तुलसी की भीतरी असलियत एक स्वाभिमानी भक्त हृदय की है। इससे आप कहाँ तक सहमत हैं?
- Q:-
हाय, वह अवधूत आज कहाँ है! ऐसा कहकर लेखक ने आत्मबल पर देहबल के वर्चस्व की वर्तमान सभ्यता के संकट की ओर संकेत किया है। कैसे?
- Q:-
‘आलो आँधारि’ की नायिका और लेखिका बेबी हालदार और भक्तिन के व्यक्तित्व में आप क्या समानता देखते हैं?
- Q:-
सही में आंबेडकर ने भावनात्मक समत्व की मानवीय दृष्टि के तहत जातिवाद का उन्मूलन चाहा है, जिसकी प्रतिष्ठा के लिए भौतिक स्थितियों और जीवन-सुविधाओं का तर्क दिया है। क्या इससे आप सहमत हैं?
- Q:-
विवेदी जी ने शिरीष के माध्यम से कोलाहल व संघर्ष से भरी स्थितियों में अविचल रहकर जिजीविषु बने रहने की सीख दी है। स्पष्ट करें।
- Q:-
व्याख्या करें
ज़ोर ज़बरदस्ती से बात की चूड़ी मर गई और वह भाषा में बेकार घूमने लगी।
- Q:-
नमक’ कहानी में भारत व पाक की जनता के आरोपित भेदभावों के बीच मुहब्बत का नमकीन स्वाद घुला है, कैसे?
- Q:-
जाति प्रथा भारतीय समाज में बेरोजगारी व भुखमरी का भी एक कारण कैसे बनती रही है? क्या यह स्थिति आज भी है?