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Q1 कुश्ती के समय ढोल की आवाज़ और लुट्ट्टन के दाँव-पेंच में क्या तालमेल था? पाठ में आए ध्वन्यात्मक शब्द और ढोल की आवाज़ आपके मन में कैसी ध्वनि पैदा करते हैं, उन्हें शब्द दीजिए।
Ans: कुश्ती के समय ढोल की आवाज और लुटान के दाव –पेच में अदुत सामजस्य है लुटान को ढोल की प्रत्येक थाप एक नया दाव – पेच सिखाती है उसमे नवीन उर्जा और उत्साह का सचार करते है लुटान के ढोल की आवाज और उसकी कुश्ती के दाव – पेचो में अनोखा तालमेल है I
1. चट धा , गिड धा – आजा भिड जा I
2. चटाक चट धा – उठाकर पटक दे I
3. चट गिड धा – मत डरना
4. धाक धिना तिरकट तिना दाव काटो बाहर हो जाओ I
5. धिना धिना , धिख धिना – चित करो IQ2 कहानी के किस-किस मोड़ पर लुटेन के जीवन में क्या-क्या परिवर्तन आए?
Ans: 1. लुटन के माता पिता का बचपन में देहात हो गया है I
2. गाव के बच्चो को पहलवानी सिखायी I 3. अपने बच्चो की मृत्यु के असहनीय दुःख का सामना साहसपूर्वक किया I
4. उन्होंने बिना गुरु के कुश्ती सीखी थी I वे ढोल को अपना गुरु मानकर हरसमय उससे अपने समीप रखते है I
5. महामारी के समय अपनी ढोलक द्वारा लोगो में उत्साह का सचार किया उन्हें मृत्यु से लड़ने का साहस दिया IQ3 लुट्टन पहलवान ने ऐसा क्यों कहा होगा कि मेरा गुरु कोई पहलवान नहीं, यही ढोल है?
Ans: लुटनने कुश्ती के दाव पेच किसी गुरु से नहीं बल्कि ढोल आवाज़ या थाप पड़ती थी तो पहलवान की नसे उतेजित होता थी दाव पेच सिखाती हुई और आदेश देती हुई प्रतीत होते है जब ढोल पर थाप पड़ती है I
Q4 गाँव में महामारी फैलने और अपने बेटों के देहांत के बावजूद लुट्टन पहलवान ढोल क्यों बजाता रहा?
Ans: गाव में महमारी और सूखे के कारण निराशजनक माहोल तथा मृत्यु का सन्नाटा छाया रहता है ऐसे दुःख के समय में पहलवान की ढोलक निराश गाव वालो के मन में जीने की उमंग जगती है I जेसे ढोलक उन्हें महामारी से कभी न हारने को पेरित करती है I
Q5 ढोलक की आवाज़ का पूरे गाँव पर क्या असर होता था।
Ans: ढोलक की आवाज़ से रात की विभीषिका और दुःख का सनाटा कम रहता है महामारी से पीड़ित लोगो की नसों में बिज़ली सी दोड जाती थी उनकी आँखों के सामने दंगल का द्रश्य साकार होता है वे मानो मृत्यु अथवा बीमारी रुपी शत्रु से लेन के लिए तत्पर होते है I
Q6 महामारी फैलने के बाद गाँव में सूर्योदय और सूर्यास्त के दृश्य में क्या अंतर होता था?
Ans: महामारी फेलने के बाद गाव में सूर्यादय और सूर्यास्त के द्र्स्य में बड़ा अतर रहता है सूर्यादय के समय कोलाहल हाहाकार तथा ह्रदय विदारक रुदन के बावजूद भी लोगो के चेहरे पर जीवन कि चमक है लोग एकदुसरे को सात्वना बाधते थे और एक दुसरे के दुःख में शामिल होते है I
Q7 कुश्ती या दंगल पहले लोगों और राजाओं का प्रिय शौक हुआ करता था। पहलवानों को राजा एवं लोगों के द्वारा विशेष सम्मान दिया जाता था।
(क) ऐसी स्थिति अब क्यों नहीं है?
(ख) इसकी जगह अब किन खेलों ने ले ली है?
(ग) कुश्ती को फिर से प्रिय खेल बनाने के लिए क्या-क्या कार्य किए जा सकते हैं?Ans: 1. पहले मनोरजन के नवीनतम साधन अधिक न होने के कारण कुश्ती को मनोरजन का अच्छा साधन मानते है इसलिए राजा महाराजा कुश्ती के दंगलो का आयोजन रखते थे I
2. आज कुश्ती के स्थान आधुनिक खेल , फुटबॉल , टेनिस आदि खेलो ने ले लिया I
3. कुश्ती को फिर से लोकप्रिय बनाने के लिए हमें एक बार पुनः कुश्ती के दंगल आयोजनों पर बल देना होता है पहलवानों प्रशिश्रण उनके खान पान का उचित ख्याल आदि कुछ उपाय किये अधिक प्रचार प्रचार जाते है IQ8 आंशय स्पष्ट करें आकाश से टूटकर यदि कोई भावुक तारा पृथ्वी पर जाना भी चाहता तो उसकी ज्योति और शक्ति रास्ते में ही शेष हो जाती थी। अन्य तारे उसकी भावुकता अथवा असफलता पर खिलखिलाकर हँस पड़ते थे।
Ans: प्रस्तुत पक्ति का आशय लोगो के असहनीय दुःख से थे टूटते तारे के माध्यम से लेखक कहते है कि अकाल और महामारी से त्रस्त गाव वालो की पीड़ा को दूर करने वाला कोई नहीं रहता है प्रकति भी गाव वालो को दुःख से दुखी रहती है तारो की शक्ति का ताकिक्र एव मानवीय रूप से उलेख करते थे I
Q9 पाठ में अनेक स्थलों पर प्रकृति का मानवीकरण किया गया है। पाठ में ऐसे अंश चुनिए और उनका आशय स्पष्ट कीजिए।
Ans: 1. आशय – यह पर रात का मानवीकरण किया जाता है गाव में हेज़ा और मलेरिया फेलता है महामारी की चपेट में आकर ऐसे में ओस की बूंदे आसू बहाती सी प्रतीत होती है I
2. आशय – यहा पर तारो को हँसता हुआ दिखाकर उनका मानवीकरण करता है यहा पर तारे मजाक उड़ाते हुए प्रतीत होती है IQ10 पाठ में मलेरिया और हैजे से पीड़ित गाँव की दयनीय स्थिति को चित्रित किया गया है। आप ऐसी किसी अन्य आपद स्थिति की कल्पना करें और लिखें कि आप ऐसी स्थिति का सामना कैसे करेंगे/करेंगी?
Ans: बीमारी ने आम जनता को अपने शिकंजे में कस लिया है I
1. लोगो को इन बीमारियों से लड़ने के लिए जाग्रत करना चाहिये I
2. इन बीमारियों से पीड़ित लोगो को उचित इलाज करवाने की सलाह देना है I
3. स्वच्छता अभियान में सहायता करुगा IQ11 ढोलक की थाप मृत गाँव में संजीवनी भरती रहती थी-कला और जीवन के संबंध को ध्यान में रखते हुए चर्चा कीजिए।
Ans: कला के मन में बसी हुई परिवार , धर्म , भाषा और जाति आदि की सीमाए को मिटाकर मन को विस्तृत प्रदान करते है कला ही है जिसमे मानव मन में सवेदनाए उभारने चितन को मोड़ने , अभिरुचि को दिशा देने की अदुत श्रमता होती है इसके मगलकारी प्रभाव से व्य्कतिव का विकास होता है जब यह कला संगीत के रूप में उभरती है तों वादन से सवय को ही नहीं श्रोताओ को भी अभिभूत करता है इसी मानव का कला के हर एक रूप काव्य , संगीत , चित्रकला , मूर्तिकला , स्थापत्य कला और रंगमच से अटूट सबध होता था I
Q12 चर्चा करें – कलाओं का अस्तित्व व्यवस्था का मोहताज नहीं है।
Ans: कलाओ को फलने फूलने के लिए भले व्यवस्था की जरुरत महसूस करती है परन्तु कलाओं का अस्तिव केवल और केवल व्यवस्था का मोहताज़ नहीं था क्योकि यदि कलाकार व्यवस्था पोषित है और अपनी कला के प्रति समपिर्त नहीं था तो वह कभी भी जनमानस में अपना स्थान नहीं बना पाएगा और कुछ ही समय बाद गायब हो जाता है I