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Q1 कवि ने लोगों के आत्मनिर्भर, मालामाल और गतिशील होने के लिए किन तरीकों की ओर संकेत किया है? अपने शब्दों में लिखिए।
Ans: कवि ने अनुसार आत्मनिर्भर मालामाल और गतिशील होने के लिए लोगो ने गलत रास्तो को अपनाया था लोग अपने स्वार्थ के लिए किसी का भी गला काटने से परहेज नही करते थे देश को खोखला बनाने में ये बहुत सहयोग दे रहे थे देश का पैसा गबन कर विदेशी बैको में डाल रहे थे I
Q2 हाथ फैलाने वाले व्यक्ति को कवि ने ईमानदार क्यों कहा है? स्पष्ट कीजिए।
Ans: हाथ फेलाने वाला व्यक्ति स्वय को भ्रष्टाचार में लिप्त नही करता था इसी कारण उसकी ऐसी दशा हो जाती थी कि उसे दूसरो के आगे हाथ फेलाने पड़ते थे उसका परिवार दर दर की ठोकरे खाने को विवश हो जाता था यदि वह अन्य लोगो की भाति भ्रष्टाचार में लिप्त हो जाता था उसकी चाँदी हो जाती थी I
Q3 कवि ने हाथ फैलाने वाले व्यक्ति को लाचार, कामचोर, धोखेबाज़ क्यों कहा है?
Ans: प्रत्येक व्यक्ति में ऐसी शक्ति विधमान होती थी कि वह समाज में क्रांति उतपन्न कर सकता था समाज के प्रति उसके कुछ कर्तव्य बनते थे समाज में जो अनेतिक घट रहा था उसका विरोध करना उसका कर्तव्य बनता था वह आवाज उठा सकता था परन्तु उठाता नही था क्योकि वह डरता था हाथ फेलाने वाला व्यक्ति ऐसा ही व्यक्ति था I
Q4 मैं तुम्हारा विरोधी प्रतिद्वंद्वी या हिस्सेदार नहीं' से कवि का क्या अभिप्राय है?
Ans: प्रस्तुत पक्तियों में कवि ऐसे तबके को सबोधित करता था जो भ्रष्टाचार तथा अनेतिकता में लिप्त था कवि कहता था कि तुम्हे मुझसे डरने या प्रतिस्पर्धा करने की आवश्यकता नही थी क्योकि में तुम्हारा प्रतिद्दी नही था लेखक उन्हें पहले से ही आगह कर देते थे कि वह इस दोड में सम्मिलित नही था प्रस्तुत पक्ति में कवि कास विरोध तथा कुछ न कर पाने का दुःख साफ़ अभिलिक्षित होता था I
Q5 भाव सौंदर्य स्पष्ट कीजिए-
(क) 1947 के बाद से ................ गतिशील होते देखा है
(ख) मानता हुआ कि हाँ मैं लाचार हूँ .................... एक मामूली धोखेबाज़
(ग) तुम्हारे सामने बिलकुल .......................... लिया है हर होड़ सेAns: (क) इन पक्तियों का भाव यह था कि कवि 1947 के बाद के भारत में बहुत से लोगो ने अनेतिकता तथा भ्रटाचार के तरीको का सहारा लेकर अतुलनीय धन कमाया था जब उनसे कोई इस धन के विषय में बातचीत करता था उनका जवाब होता था कि उन्होंने यह धन आत्मनिर्भर तथा गतिशील होकर कमाया था I
(ख) भाव यह था कि भ्रष्ट लोगो को देखकर भी कवि कुछ नही कर पाता था इसलिए वह स्वय को लाचार मानता था परन्तु यदि प्रयास करता था शायद कुछ बदलाव हो सकता है यही कारण था कि वह स्वय को कामचोर कहने से नही हिचकिचता था ईमानदार लोगो की दशा को अनदेखा करने के कारण स्वय को धोखेबाज भी कह डालता था I
(ग) भाव यह था कि कवि के अनुसार ईमानदार लोगो के समक्ष उसका कोई व्यक्तिव नही था वह किसी भी प्रकार की प्रतिस्पर्धा और टकराव की स्थिति दूर रहना था I
Q6 शिल्प-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए-
(क) कि अब जब कोई ........................ या बच्चा खड़ा है।
(ख) मैं तुम्हारा विरोधी प्रतिद्वंद्वी ...................... निश्चिंत रह सकते हैं।Ans: (क) कवि ने मुक्तछंद में कविता की रचना की थी इसकी भाषा सरल व सहज था इसमें हाथ फेलाना मुहावरे का बहुत उतम प्रयोग किया गया था यह ईमानदार व्यक्ति की लाचारी का सूचक भी था I
(ख) कवि ने मुक्तछद में कविता की रचना की थी इसकी भाषा सरल व सहज था इसमें
प्रतीकात्मता का गुण था इसमें व्यजना का भी प्रयोग किया गया था कवि तटस्थ रहता हुआ था I