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Q1 लेखक ने अपने पिता जी की किन-किन विशेषताओं का उल्लेख किया है?
Ans: उनके पिता फारसी भाषा के अच्छे विद्वान है I
- वे प्राचीन हिंदी भाषा के प्रशसक है I
- भारतेदु के नाटक उन्हें बहुत प्रिय है I
- वे फारसी भाषा में लिखी उक्तियो के साथ हिंदी भाषा में लिखी गई उक्तियो को मिलाने के शोकिन है IQ2 बचपन में लेखक के मन में भारतेंदु जी के संबंध में कैसी भावना जगी रहती थी?
Ans: बचपन में लेखक के मन में भारतेदु जी के सबध में मधुर भावना व्याप्त है वह राजा हरिश्चंद तथा कवि हरिश्चंद में अंतर को समझ नही पाते है और दोनों को एक ही द्रष्टि से देखते है यदि कोई उनके सम्मुख हरिश्चंद का नाम लेता था I
Q3 उपाध्याय बदरीनारायण चौधरी 'प्रेमघन' की पहली झलक लेखक ने किस प्रकार देखी?
Ans: लेखक के पिता की बदली मिर्जापुर के बाहर नगर में हुई है वहा रहते हुए उन्हें एक दिन ज्ञात हुआ था कि भारतेन्दु हरिश्चंद के सखा जिनका नाम उपाध्याय बदरीनारायण चोधरी थी जो प्रेमघन उपनाम से लिखते थे वे यहाँ रहते थे लेखक उन्हें मिलने को आतुर हो उठा और अपने मित्रो की मंडली के साथ योजना अनुसार एक डेढ़ मिल चलकर उनके घर के निचे खड़े हुए थे I
Q4 लेखक का हिंदी-साहित्य के प्रति झुकाव किस प्रकार बढ़ता गया?
Ans: लेखक के पिता फारसी के ज्ञाता है तथा हिंदी प्रेमी भी है उनके घर में भारतेन्दु रचित हिंदी नाटको का वाचन हुआ करता है रामचरितमानस तथा रामचन्द्रिका का भी सुंदर वाचन होता है पिता द्वारा लेखक को बचपन से ही साहित्य से परिचय करवा दिया गया है भारतेन्दु लिखित नाटक लेखक को आकर्षित करते है अत इस आधार पर कहा जा सकता था कि पिताजी ने ही उनके अंदर हिंदी साहित्य के प्रति प्रेम के बीज बोए है इस तरह हिंदी साहित्य की और झुकाव होना स्वाभाविक है I
Q5 'निस्संदेह' शब्द को लेकर लेखक ने किस प्रसंग का ज़िक्र किया है?
Ans: निस्सदेह शब्द को लेखक ने इस प्रसग का जिक्र किया था जब लेखक का परिचय हिन्दी प्रेमी मंडली से हुआ था लिखने तथा बोलने के लिए हिंदी भाषा का प्रयोग किया करते है बातचीत करते समय निस्सदेह शब्द का अधिक प्रयोग किया जाता है दूसरे लेखक के घर के आसपास ऐसे लोग अधिक रहा करते है I
Q6 पाठ में कुछ रोचक घटनाओं का उल्लेख है। ऐसी तीन घटनाएँ चुनकर उन्हें अपने शब्दों में लिखिए।
Ans: (क) एक बार एक प्रसिद्ध कवि वामनाचार्यगिरि चोधरी साहब से मिलने आये थे वे मार्ग पर चलते हुए चोधरी साहब पर आधारित कविता का निर्माण कर रहे है कविता के आखिर अंक पर वह अटके हुए है I
(ख) ऐसे ही एक दिन चोधरी साहब बहुत से लोगो के साथ बैठे हुए है वहा से एक पडित जी गुजर रहे है सो वह भी इस मंडली में आ गए थे चोधरी साहब ने उनका हालचाल पूछा और क्या हाल था पंडित जी बोल पड़े कुछ नही आज मेरा एकादशी का वर्त था I
(ग) चोधरी साहब के पास एक दिन उनके मित्र मिलने के लिए पहुचे थे चोधरी साहब से वह अचानक प्रश्न पूछ बैठे थे साहब से अकसर घनचक्कर शब्द सुना करता था आपको मालूम था इसका क्या अर्थ था बीएस क्या है चोधरी साहब बोल पड़े थे इसमें कोन सी कठिन बात थी रात के समय एक कागज कलम ले लेते I
Q7 "इस पुरातत्व की दृष्टि में प्रेम और कुतूहल का अद्भुत मिश्रण रहता था।" यह कथन किसके संदर्भ में कहा गया है और क्यों? स्पष्ट कीजिए।
Ans: यह कथन चोधरी साहब के संदर्भ में कहा गया था वे उनकी मंडली में सबसे अधिक उम्र के है यही कारण भी है कि उन्हें मंडली में पुरानी वस्तु समझा जाता है चोधरी साहब स्नेही व्यक्ति है वे सबसे प्रेम से बाते किया करते है लोगो को उनके विषय में जानने का कुतूहल विधमान है I
Q8 प्रस्तुत संस्मरण में लेखक ने चौधरी साहब के व्यक्तित्व के किन-किन पहलुओं को उजागर किया है?
Ans: 1. हिंदी प्रेमी चोधरी साहब हिंदी कवि है वह प्रेमघन उपमान से लिखा करते है हिंदी से उनका प्रेम इन बातो से स्पष्ट हो जाता था I
2. रिसायती व्यक्ति चोधरी साहब एक रिसायत और तबीयतदारी व्यक्ति है उनके यहाँ हर उत्सव तथा अवसर में नाचरंग का आयोजन होता था यह उनकी रईसी का प्रतीक है I
3. आकर्षक व्यक्तित्व चोधरी साहब का व्यक्तिव बड़ा आकर्षक है लबा कद तथा कधे तक लटकते बाल उनकी पहचान है I
Q9 समवयस्क हिंदी प्रेमियों की मंडली में कौन-कौन से लेखक मुख्य थे?
Ans: समयवयस्क हिंदी प्रेमियों की मंडली में ये लेखक मुख्य है काशी प्रसाद जायसवाल , भगवानदास हालना, पंडित बदरीनाथ गोड, पंडित उमाशकर दिवेदी इत्यादि थे I
Q10 'भारतेंदु जी के मकान के नीचे का यह ह्दय परिचय बहुत शीघ्र गहरी मैत्री में परिणत हो गया।'- कथन का आशय स्पष्ट कीजिए।
Ans: एक बार लेखक पिता के कहने पर किसी की बारात में काशी चले गए है वहां घूमते हुए काशी के चोखभा स्थान पर पहुच गया था यही उनकी मुलाकात पंडित केदारनाथ जी पाठक से हुई थी वे भरतेन्दु के मित्र है लेखक स्वय भरतेन्दु के विषय में जानकार वह उनके घर को बड़ी चाह तथा कुतूहल से देख रहे है I