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Q1 वसंत आगमन की सूचना कवि को कैसे मिली?
Ans: कवि फुटपाथ पर चलते हुए आये परिवर्तनों को देखता था तब उसे ज्ञात होता था कि वसंत आ गया था उसे चिड़िया के कूक पेड़ो से गिरे पीले पते तथा गुनगुनी ताज़ा हवा वसंत के आगमन की सूचना देते थे I
Q2 'कोई छः बजे सुबह.......फिरकी सी आई, चली गई'- पंक्ति में निहित भाव स्पष्ट कीजिए।
Ans: वसंत के आने से पहले वायु में अधिक ठडक विधमान होती थी इसमें मनुष्य सिहर उठता था परन्तु वसंत के आगमन के साथ यह हवा गुनगुनी हो जाती थी मानो कोई युवती गर्म पानी से स्नान करके आती थी I
Q3 'वसंत पचंमी' के अमुक दिन होने का प्रमाण कवि ने क्या बताया और क्यों?
Ans: वसंत पचमी के अमुक दिन कार्यालय में अवकाश होता था जो इस बात का प्रमाण था कि वसंत आ गया था कवि को वसंत पचमी के अवकाश का पता था तब चला जब उसने कैलेंडर में देखा तथा कार्यालय में अवकाश होता था I
Q4 'और कविताएँ पढ़ते रहने से....आम बौर आवेंगे'- में निहित व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए।
Ans: प्रस्तुत पक्ति में कवि द्वारा व्यग्य किया जाता था उसके अनुसार सीमेट के बने जगलो में रहने वाले मनुष्य की प्रकति की सुन्दरता और उसमे होने वाले परिवर्तन के विषय में कोई जानकारी नही होती थी ऋतुओ में हो रहे परिवर्तन के विषय में कोई जान पाता था वह मात्र कविताओ के माध्यम से सभी ऋतुओ का सुंदर वर्णन किया था वसंत ऋतु रसिक तथा सभी प्रकार के कवियों की मनभावन ऋतु रहती थी I
Q5 अलंकार बताइए:
(क) बड़े-बड़े पियराए पत्ते
(ख) कोई छह बजे सुबह जैसे गरम पानी से नहाई हो
(ग) खिली हुई हवा आई, फिरकी-सी आई, चली गई
(घ) कि दहर-दहर दहकेंगे कहीं ढाक के जंगलAns: प्रस्तुत पक्ति में कवि द्वारा व्यग्य किया जाता था उसके अनुसार सीमेट के बने जगलो में रहने वाले मनुष्य की प्रकति की सुन्दरता और उसमे होने वाले परिवर्तन के विषय में कोई जानकारी नही होती थी ऋतुओ में हो रहे परिवर्तन के विषय में कोई जान पाता था वह मात्र कविताओ के माध्यम से सभी ऋतुओ का सुंदर वर्णन किया था वसंत ऋतु रसिक तथा सभी प्रकार के कवियों की मनभावन ऋतु रहती थी I
Q6 किन पंक्तियों से ज्ञात होता है कि आज मनुष्य प्रकृति के नैसर्गिक सौंदर्य की अनुभूति से वंचित है?
Ans: प्रस्तुत पक्ति में कवि द्वारा व्यग्य किया जाता था उसके अनुसार सीमेट के बने जगलो में रहने वाले मनुष्य की प्रकति की सुन्दरता और उसमे होने वाले परिवर्तन के विषय में कोई जानकारी नही होती थी ऋतुओ में हो रहे परिवर्तन के विषय में कोई जान पाता था वह मात्र कविताओ के माध्यम से सभी ऋतुओ का सुंदर वर्णन किया था वसंत ऋतु रसिक तथा सभी प्रकार के कवियों की मनभावन ऋतु रहती थी I
Q7 'प्रकृति मनुष्य की सहचरी है' इस विषय पर विचार व्यक्त करते हुए आज के संदर्भ में इस कथन की वास्तविकता पर प्रकाश डालिए।
Ans: प्रस्तुत पक्ति में कवि द्वारा व्यग्य किया जाता था उसके अनुसार सीमेट के बने जगलो में रहने वाले मनुष्य की प्रकति की सुन्दरता और उसमे होने वाले परिवर्तन के विषय में कोई जानकारी नही होती थी ऋतुओ में हो रहे परिवर्तन के विषय में कोई जान पाता था वह मात्र कविताओ के माध्यम से सभी ऋतुओ का सुंदर वर्णन किया था वसंत ऋतु रसिक तथा सभी प्रकार के कवियों की मनभावन ऋतु रहती थी I
Q8 'वसंत आया' कविता में कवि की चिंता क्या है? उसका प्रतिपाद्य लिखिए?
Ans: आज के मनुष्य का संसार से सबध टूट गया था उसने प्रगति और विकास के नाम पर संसार को इतना नुक्सान पहुचाता था महानगरो में प्रकति के दर्शन ही नही होते थे चारो और इमारतो का साम्राज्य था ऋतुओ का सोदर्य तथा उसमें हो रहे बदलावों से मनुष्य परिचित ही नही था I