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Q1 अमझर से आप क्या समझते हैं? अमझर गाँव में सूनापन क्यों है?
Ans: अमझर दो शब्दों से मिलकर बना था आम तथा झरना इस आधार पर अमझर शब्द का अर्थ हुआ वह स्थान जहा आम झरते थे जबसे यह घोषणा गाँव में पहुची थी कि आमरोली प्रोजेक्ट के निर्माण के लिए नवागाँव के बहुत से गाँव को नष्ट कर दिया था I
Q2 आधुनिक भारत के 'नए शरणार्थी' किन्हें कहा गया है?
Ans: आधुनिक भारत के नए शरणार्थी हजारो गाँव के उन लोगो को कहा गया था जिन्हें आधुनिकता के नाम पर अपना गाँव छोड़ना पडा था भारत की प्रगति तथा विकास के लिए इन्हें अपने घर , खेत – खलिहान , जमीन इत्यादि छोडनी पड़ी थी वे विस्थापन का वह दर्द झेल रहे थे I
Q3 प्रकृति के कारण विस्थापन और औद्योगीकरण के कारण विस्थापन में क्या अंतर है?
Ans: प्रकति के कारण जो विस्थापन मिलता था उसकी श्रतिपूर्ति कुछ समय बाद की जा सकती थी लोग प्रकति आपदा के बाद पुन अपने स्थानों पर जा बसते थे सबकुछ नष्ट होने का दुःख होता था लेकिन अपनी जमीन से वे जुड़े रहते थे उसे पुन: मिलने की आशा होती सी नही थी
Q4 यूरोप और भारत की पर्यावरणीय संबंधी चिंताएँ किस प्रकार भिन्न हैं?
Ans: यूरोप में लोग मानव तथा भूगोल के मध्य बढ़ रहे थे असतुलन को लेकर चिंताए थी भारत में स्थिति इसके विपरीत थी यहाँ पर्यावरणीय चिंताए मानव तथा संस्कृति के मध्य समाप्त होते थे I
Q5 लेखक के अनुसार स्वातंत्र्योत्तर भारत की सबसे बड़ी ट्रैजडी क्या है?
Ans: लेखक के अनुसार स्वत्त्र्योतर भारत के शासन वर्ग ने ओधोगीकरण को भारत के विकास और प्रगति के रूप में चुना था उनका मानना है कि ओधोगीकरण को अपना कर भारत को पुन: अपने पेरो पर खड़ा किया जा सकता था हम चाहते थे यह प्रयास कर सकते है I
Q6 औद्योगीकरण ने पर्यावरण का संकट पैदा कर दिया है, क्यों और कैसे?
Ans: ओधोगीकरण पर्यावरण का सकट पैदा करने में सबसे बड़ा कारण रहा था इसका प्रभाव यह पडा कि प्राकर्तिक असतुलन बढ़ गया था इसमें भूमि वायु तथा जल प्रदूषण ने प्रकति के संतुलन को बिगाड़ दिया था और के सोंदर्य को नष्ट कर दिया था I
Q7 निम्नलिखित पंक्तियों का आशय स्पष्ट कीजिए-
(क) आदमी उजड़ेंगे तो पेड़ जीवित रहकर क्या करेंगे?
(ख) प्रकृति और इतिहास के बीच यह गहरा अंतर है?Ans: (क) प्रकति तथा मनुष्य का बहुत गहरा सबध था मनुष्य सदेव से प्रक्रति के साथ तालमेल बिठाकर जीया था अत यदि मनुष्य दुखी होता था पेड़ और मनुष्य का रिश्ता सदियों से साथ का रहा था पेडो ने मनुष्य सभ्यता को बढ़ाया ही नही था बल्कि उनका पालन पोषण भी किया था I
(ख) प्रकति और इतिहास के बीच का अंतर उनके स्वभाव से स्पष्ट हो जाता था जब किसी आपदा को भेजती थी पुन: मनुष्य को जीने का अवसर प्रदान करती थी यह सब ही जानते थे कि इतिहास जब मनुष्य सभ्यता को उजाड़ता था तो उसके अवशेष ही मात्र रह जाते थे I
Q8 निम्नलिखित पर टिप्पणी कीजिए-
(क) आधुनिक शरणार्थी
(ख) औद्योगीकरण की अनिवार्यता
(ग) प्रकृति, मनुष्य और संस्कृति के बीच आपसी संबंधAns: (क) आधुनिक शरणार्थी उन्हें कहते थे जिन्हें ओधोगीकरण की आँधी के कारण विस्थापन का जहर भोगना पडा था I
(ख) सभी जानते थे कि मनुष्य के विकास के नए साधन उपलब्ध करवाता था इसकी कीमत पर प्रकति का दोहन उचित नही था हमे ओधोगीकरण को बढ़ावा देने से पूर्व यह सुनिशित कर लेना था I
(ग) मनुष्य के विकास के साथ साथ संस्कृति का विकास हुआ था यदि इनमे से कोई एक टूटती थी यह मानना कि बाकि को कोई नुक्सान नही पहुचेगा मुर्खता थी हमे प्रयास करना था इनके मध्य के सबध को जोड़े रखता था I
Q9 निम्नलिखित पंक्तियों का भाव-सौंदर्य लिखिए-
(क) कभी-कभी किसी इलाके की संपदा ही उसका अभिशाप बन जाती है।
(ख) अतीत का समूचा मिथक संसार पोथियों में नहीं, इन रिश्तों की अदृश्य लिपि में मौजूद रहता था।Ans: (क) इसका भाव सोदर्य देखते ही बनता था लेखक एक गहरी बात को बहुत सुंदर शब्दों में व्यक्त करता था इन शब्दों के माध्यम से बताना था कि यदि कोई इलाका खनिज सपदा से युक्त था तो नही मानना था कि वह उसके लिए अभिशाप बन जाता था ऐसा अभिशाप जो उसके नष्ट होने के कारण बन जाता था I
(ख) इस पक्ति के माध्यम से लेखक ने प्रकति तथा मनुष्य के मध्य सबध की घनिष्टता को बहुत ही सुंदर रूप में अभिव्यक्त किया था शब्दों के मोती भाव को इतनी सुंदरता से व्यक्त करते थे कि पक्ति पढ़कर ही मन प्रसन्न हो जाता था इसमें लेखक बताना चाहता था कि भारतीयों के साथ अपने गहरे सबध को इतिहास में नही लिखा था बल्कि उसे रिश्तो में इस प्रकार रचा बसा लिया था कि उसे अक्षरों की आवश्यकता नही थी I