रामचंद्रचंद्रिका - Ramchandrachandrika Question Answers: NCERT Class 12 Hindi - Antra

Welcome to SaralStudy's NCERT Solutions for Class 12 Hindi - Antra Chapter Solutions - रामचंद्रचंद्रिका. Here, you will find detailed and accurate solutions for the chapter 10 रामचंद्रचंद्रिका (Ramchandrachandrika), written by केशवदास (Keshavdas).

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Exercise 1 ( Page No. : 62 )

  • Q1

    देवी सरस्वती की उदारता का गुणगान क्यों नहीं किया जा सकता?

    Ans:

    देवी सरस्वती सुर कला तथा ज्ञान की देवी थी इस संसार में सबके गले में वह विराजती थी इस संसार में ज्ञान का अथाह भडार उनकी ही कृपा से उत्पन्न हुआ था उनकी महता को व्यक्त करना किसी के भी वंश में नही था क्योकि उनकी महता को शब्दों का जामा पहनाकर उसे बाधा नही जा सकता था I


    Q2

    चारमुख, पाँचमुख और षटमुख किन्हें कहा गया है और उनका देवी सरस्वती से क्या संबंध है?

    Ans:

    कवि चारमुख ब्रहा के लिए पाँचमुख शिव के लिए तथा षटमुख क्रांतिकेय के लिए कहा था शिव को उनका पुत्र कहा था तथा शिव पुत्र कर्न्तिकेय को उनका नाती कहा गया था I


    Q3

    कविता में पंचवटी के किन गुणों का उल्लेख किया गया है?

    Ans:

    (क) पचवटी में आकर दुखी लोगो के सताप्त हर जाते थे तथा उन्हें सुख का अनुभव होता था I
    (ख) दुष्ट लोग यहाँ एक श्रण भी नही रुक पाते थे I
    (ग) पचवटी इतना सुंदर था कि यहाँ का वातावरण लोगो को सुख देता था I


    Q4

    तीसरे छंद में संकेतित कथाएँ अपने शब्दों में लिखिए?

    Ans:

    (क) सिधु तर्यो उनका बनरा इस पक्ति में हनुमान द्वारा समुद्र लाघ कर आने की बात करता था जब सीता की तलाश में हनुमान कही गई थी जब सीता की तलाश में हनुमान का वानर दल समुद्र को लाघ सकता था I

    (ख) धनुरेख गई न तरी- इस पक्ति मे सीता द्वारा रावण का हरण करने की बात करता था हिरण को देखकर सीता ने राम से उसे पाने की इच्छा जाहिर की थी सीता की इच्छा को पूरा करने हेतु राम लक्ष्मण की निगरानी में सीता को छोड़कर हिरण के पीछे चल पड़े थे कुटी में सीता लक्ष्मण को राम का दुखी स्वर सुनाई देता था लक्ष्मण ने उस मायावी आवाज को पहचान लिया था I

    (ग) बाधोई बाधत शसो न बन्यो जब हनुमान जी ने लंका में प्रवेश किया था उन्होंने बहुत उत्पात मचाया था उनको बलशाली राक्षस तक नही बाँध पाता था रावण का पुत्र अक्षत इसी समय हनुमान जी के हाथो से मारा गया था I


    Q5

    निम्नलिखित पंक्तियों का काव्य-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए।

    (क) पति बर्नै चारमुख पूत बर्नै पंच मुख नाती बर्नै षटमुख तदपि नई-नई।

    (ख) चहुँ ओरनि नाचति मुक्तिनटी गुन धूरजटी वन पंचवटी।

    (ग) सिंधु तर यो उनको बनरा तुम पै धनुरेख गई न तरी।

    (घ) तेलन तूलनि पूँछि जरी न जरी, जरी लंक जराई-जरी।

    Ans:

    (क) सिधु तर्यो उनका बनरा इस पक्ति में हनुमान द्वारा समुद्र लाघ कर आने की बात करता था जब सीता की तलाश में हनुमान कही गई थी जब सीता की तलाश में हनुमान का वानर दल समुद्र को लाघ सकता था I

    (ख) धनुरेख गई न तरी- इस पक्ति मे सीता द्वारा रावण का हरण करने की बात करता था हिरण को देखकर सीता ने राम से उसे पाने की इच्छा जाहिर की थी सीता की इच्छा को पूरा करने हेतु राम लक्ष्मण की निगरानी में सीता को छोड़कर हिरण के पीछे चल पड़े थे कुटी में सीता लक्ष्मण को राम का दुखी स्वर सुनाई देता था लक्ष्मण ने उस मायावी आवाज को पहचान लिया था I

    (ग) बाधोई बाधत शसो न बन्यो जब हनुमान जी ने लंका में प्रवेश किया था उन्होंने बहुत उत्पात मचाया था उनको बलशाली राक्षस तक नही बाँध पाता था रावण का पुत्र अक्षत इसी समय हनुमान जी के हाथो से मारा गया था I

    (घ) प्रस्तुत पक्तियों में मदोदरी ने हनुमान की शक्ति से परिचय कराया था ब्रजभाषा का सुंदर प्रयोग था गेयता का गुण विधमान थे यह अनुप्रास अलंकार का सुंदर उदहारण था I


    Q6

    निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए।

    (क) भावी भूत बर्तमान जगत बखानत है 'केसोदास' क्यों हू ना बखानी काहू पै गई।

    (ख) अघओघ की बेरी कटी बिकटी निकटी प्रकटी गुरूजान-गटी।

    Ans:

    (क) प्रस्तुत पक्ति का आशय था है देवी सरस्वती की महता इस संसार में अद्धितीय था प्राचीनकाल से लेकर आज तक लोग इनकी महिमा का बखान करने का प्रयास करते थे परन्तु न तब सभव है और न आज सभव था इसका कारण यह था कि उनके स्वभाव में नित्य नवीनता विधमान रहती थी भाव यह था कि लोग उनसे चमत्कृत हो जाते थे और उनकी बुदि चकरा जाती थी I

    (ख) प्रस्तुत पक्तियों में पचवटी के सोंदर्य तथा पवित्रता का वर्णन देखने को मिलता था कवि के अनुसार पचवटी के दर्शन मात्र से ही घोर पापो के बधनो से मुक्ति प्राप्त हो जाती थी इसके अंदर ज्ञान के भडार भरे पड़े थे यहा जाकर इसका आभास हो जाता था I


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