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Q1 कंठ रुक रहा है, काल आ रहा है- यह भावना कवि के मन में क्यों आई?
Ans: कवि का जीवन बहुत सघर्षपूण रहा था उसने बहुत ही कठिन हालतों का सामना किया था जीवन में वेदना और दुःख ने उसका कभी पीछा नही छोड़ा था शोषक वर्गो के अत्याचार और शोषण ने उसे बहुत दुखी करा था उसने जब भी विरोध करना चाहा था उसकी आवाज को दबा दिया जाता था I
Q2 'ठग-ठाकुरों' से कवि का संकेत किसकी ओर है?
Ans: कवि ठग ठाकुरों शब्द कहकर समाज में व्याप्त धोखेबाज लोगो की और सकेत कर रहा था उसके अनुसार इस प्रकार के लोग समाज में फेले होते थे इनका निशाना गरीब किसान और मजदूर वर्ग था ये उनका लगातार शोषण करते थे और उनका जीवन नरकीय बनाए हुए थे I
Q3 'जल उठो फिर सींचने को' इस पंक्ति का भाव-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए।
Ans: यह पक्ति निराशा और दुःख से उभरने की प्रेरणा देता था कवि के अनुसार मनुष्य को निराशा और दुःख से उभरने के लिए एक बार फिर प्रयत्नशील होना था यह कविता जहां उत्साह का सचार करती थी वही यह आशा भी बाधती थी कि सघर्ष से लड़कर निकला जा सकता था I
Q4 प्रस्तुत कविता दुख और निराशा से लड़ने की शक्ति देती है? स्पष्ट कीजिए।
Ans: प्रस्तुत कविता पढने पर प्रेरणा का भाव सचारित होता था कवि के अनुसार आज का समय दुःख और निराशा से युक्त था जीवन कठिन और सहर्षपूण हो जाता था इसके लिए आवश्यक था कि मनुष्य सघर्ष के लिए तत्पर हो जाता था I