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Q1 "उस समय वह सोच भी नहीं सकता था कि, मनुष्य को दुःख पहुँचाने के अलावा भी साहित्य का कोई उद्देश्य हो सकता है। "लेखक ने ऐसा क्यों कहा? आप के विचार से साहित्य के कौन कौन से उद्देश्य हो सकते हैं?
Ans: उस समय वह सोच भी नही सकता है कि मनुष्य को दुःख पहुचाने के अलावा भी साहित्य का कोई उदेश्य सकता था लेखक ने ऐसा इसलिए कहा था क्योकि विद्यालय में शरतचंद को सीता – वनवास जेसी सहितिय्क रचनाए पढनी पड़ती है हमारे विचार से साहित्य के निम्नलिखित उधेश्य हो सकते थे –
- साहित्य मनुष्य के मनोरंजन का बहुतउतम साधन था इसको पढने से समय अच्छा व्यतीत होता था I
- साहित्य के माध्यम से मनुष्य अपने देष गाँव समाज इत्यादि के समीप आ जाता था उसमे विधमान सामाजिक मान्यताओ , विषमताओ , कमियों , इत्यादि को जाना जा सकता था IQ2 पाठ के आधार पर बताइये कि उस समय के और वर्तमान समय के पढ़ने पढ़ाने के तौर - तरीकों में क्या अंतर और समानताएँ हैं? आप पढ़ने पढ़ाने के कौन से तौर तरीकों के पक्ष में हैं और क्यों?
Ans: उस समय और आज के समय में पढाई के तरीको में समानताये इस प्रकार थी –
1. उस समय विधालय में पढाई को महत्त्व दिया जाता था खेलकूद आदि महत्त्वपूर्ण नही है I
2. छात्रों को उन दिनों में एक ही है सभी को एक पाठ्यकम का अध्ययन करता था Iपहले के समय और आज के समय में पढाई के तरीको में अंतर इस प्रकार था – 1. पहले के समान आज शारीरिक दंड नही दिया जाता था अब बच्चो को प्रेम से समझा देते थे I
2. अब खेलकूद कला आदि को भी शिक्षा के समान प्राथमिकता दी जाती थी IQ3 पाठ में अनेक अंश बाल सुलभ चंचलताओं, शरारतो को बहुत रोचक ढंग से उजागर करते हैं। आप को कौन सा अंश अच्छा लगा और क्यों?
Ans: पाठ शरतचंद की बहुत सी बाल सुलभ चंचलताओ और शरारतो से भरा पडा था उनका तितली पकड़ना तालाब में नहाना उपवन लगाना , पशु पक्षी पालना पिता के पुस्तकालय से पुस्तके पढना था और पुस्तको में दी गई जानकारी का प्रयोग करना था एक बार तो उन्होंने पुस्तक में साँप के वश में करने का मत्र तक पढ़कर उसका प्रयोग कर डाला था शरतचंद द्वारा उपवन लगाना और पशु पक्षी पालने वाला अंश अच्छा लगा था I
Q4 नाना के घर किन किन बातो का निषेध था?शरत को उन निषिद्ध कार्यों को करना क्यों प्रिय था?
Ans: शरद के नाना बहुत सख्त है उनका मानना है कि बच्चो कार्य बस पढना होना था उन्होंने बच्चो को बहुत सी बाते करने से साफ़ मना किया हुआ है उसमे तालाब में नहाना पशु पक्षियों का पालना बाहर जाकर खेलना उपवन लगाना घूमना पंतग गिल्ली डंडा इत्यादि खेल खेलना तक निषिद्ध है I
Q5 आप को शरत और उसके पिता मोतीलाल के स्वभाव में क्या समानताएँ नजर आती हैं? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिये।
Ans: शरत तथा उसके पिता सभी लोगो को समान द्रष्टि से देखते है उनके लिए कोई बड़ा छोटा नही होता है I
- उसका सोदर्य बोध पिता के समान ही है जो उनके लेखन में स्पष्ट रूप से झलकता था I
- वह पिता के समान यायावार संसार के व्यक्ति है एक स्थान पर टिकना उसके लिए सभव नही है IQ6 क्या अभाव, अधूरापन मनुष्य के लिए प्रेरणादायी हो सकता है?
Ans: इसका उत्तर आप अपने अध्यापक से सलाह करके दे I
Q7 जो रुदन के विभिन्न रूपों को पहचानता है वह साधारण बालक नहीं है। बड़ा होकर वह निश्चय ही मनस्तत्व के व्यापर में प्रसिद्ध होगा। " अघोर बाबू के मित्र की इस टिप्पणी पर अपनी टिप्पणी कीजिये।
Ans: अघोर बाबू के मित्र ने जो टिप्पणी की वह बालक के भाव व्यापार को समझने की श्रमता के आधार पर की है अघोर बाबू के मित्र जानते है कि साहित्य सर्जन के लिए मनुष्य का अति सवेदशील होना आवश्यक थे शरत में यह गुण विधमान है छोटे से ही उनमे सवेदनशीलता का गुण आ गया है वह अपने आस पास के वातावरण तथा परिवेश का सूक्ष्म निरिक्षण करने में दक्ष है I