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Q1 तीसरी कसम’ फ़िल्म को ‘सैल्यूलाइड पर लिखी कविता’ क्यों कहा गया है?
Ans: इस फिल्म को देखकर कविता जेसा अनुभूति होती है क्योकि यह फिल्म एक कवि की कोमल भावनाओ की प्रस्तुती होती है जिससे फिल्म जरिए उतारा जाता है I
Q2 तीसरी कसम’ फ़िल्म को खरीददार क्यों नहीं मिल रहे थे?
Ans: यह फिल्म एक सामान्य कोटि की मनोरजक फिल्म न होकर एक उच्च कोटि की साहितियक फिल्म है इस फिल्म की करुणा को पेसे के तराजू में तोल रहे है और कोई जोखिम उठाने को तैयार नही होते है इसलिए तीसरी कसम फिल्म को खरीददार नही मिलता है I
Q3 शैलेंद्र के अनुसार कलाकार का कर्तव्य क्या है?
Ans: शेलेन्दर के अनुसार हर कलाकार का यह कर्तव्य होता था कि वह दर्शको की रुचियों को उपर उठाने का प्रयास करता है न दर्शको का नाम लेकर सस्ता और उथला मनोंरजन उनपर थोपने का प्रयास नही करता है I
Q4 फ़िल्मों में त्रासद स्थितियों का चित्रांकन ग्लोरिफाई क्यों कर दिया जाता है?
Ans: फिल्मो में त्रासद स्थितियो का चित्राकन ग्लोरिफाई इसलिए कर दिया जाता था जिससे कि दर्शको का भावनात्मक शोषण किया जा सकता था उन्हें फिल्म देखने के लिए मजबूर और आकर्षित किया जाता है I
Q5 शैलेंद्र ने राजकपूर की भावनाओं को शब्द दिए हैं’- इस कथन से आप क्या समझते हैं? स्पष्ट कीजिए।
Ans: राज कपूर वैसे भी आँखों से बात करने वाले कलाकार माने जाते है शेलेन्द्र ने राजकपूर की इन्ही भावनाओ को अपने गीतों से शब्दों की अभिव्यक्ति प्रदान करता है I
Q6 लेखक ने राजकपूर को एशिया का सबसे बड़ा शोमैन कहा है। शोमैन से आप क्या समझते हैं?
Ans: शोमैन ऐसे व्यक्ति को कहते थे जो अपने ही जीवनकाल में एक किदवती बन चुका था जिसका नाम सुनकर ही फिल्मे बिकती थी और उसका नाम ही दर्शक को सिनेमाघर तक खीच सकते थे लेखक ने राजकपूर को एशिया का सबसे बड़ा शोमैन कहते थे I
Q7 फ़िल्म ‘श्री 420′ के गीत ‘रातें दसों दिशाओं से कहेंगी अपनी कहानियाँ’ पर संगीतकार जयकिशन ने आपत्ति क्यों की?
Ans: फिल्म तीसरी कसम के गीत रातो दसो दिशाओ से कहते थे अपनी कहानिया पर संगीतकार जयकिशन ने आपत्ति इसलिए की क्योकि उनके अनुसाए सहितिय्क सोच और जनसामान्य की सोच में अंतर होता था I