मक्खन चुराते और खाते समय श्रीकृष्ण थोड़ा-सा मक्खन बिखरा क्यों देते हैं?
श्रीकृष्ण को माखन ऊँचे टंगे से चुराने में दिक्कत होती है इसलिए माखन गिर जाता है तथा चुराते समय वे आधा माखन खुद खाते थे व आधा अपने सखाओं को खिलाते थे जिसके कारण जगह – जगह पर गिर जाता था I
दोनों पदों में से आपको कौन-सा पद अधिक अच्छा लगा और क्यों?
श्रीकृष्ण अपनी चोटी के विषय में क्या-क्या सोच रहे थे?
तें ही पूत अनोखौ जायौ’ – पंक्तियों में ग्वालन के मन के कौन-से भाव मुखरित हो रहे हैं?
बालक श्रीकृष्ण किस लोभ के कारण दूध पीने के लिए तैयार हुए?
दूध की तुलना में श्रीकृष्ण कौन-से खाद्य पदार्थ को अधिक पसंद करते हैं?
दूसरे पद को पढ़कर बताइए कि आपके अनुसार उस समय श्रीकष्ण की उम्र क्या रही होगी?
कवि को ऐसा विश्वास क्यों है कि उसका अंत अभी नहीं होगा?
बचपन में लेखक अपने मामा के गाँव चाव से क्यों जाता था और बदलू को ‘बदलू मामा’ न कहकर ‘बदलू काका’ क्यों कहता था?
“मैंने उस कंपनी के हिस्सेदार की तरफ़ पहली बार श्रद्धाभाव से देखा।”
• लेखक के मन में हिस्सेदार साहब के लिए श्रद्धा क्यों जग गई?
कवि ने अपने आने को ‘उल्लास’ और जाने को ‘आँसू बनकर बह जाना’ क्यों कहा है?
पत्र जैसा संतोष फोन या एसएमएस का संदेश क्यों नहीं दे सकता ?
कवि ने पक्षी और बादल को भगवान के डाकिए क्यों बताया है? स्पष्ट कीजिए।
लेखक ने स्वीकार किया है कि लोगों ने उन्हें भी धोखा दिया है फिर भी वह निराश नहीं हैआपके विचार से इस बात का क्या कारण हो सकता है?
“यह कठिन समय नहीं है?” यह बताने के लिए कविता में कौन-कौन से तर्क प्रस्तुत किए गए हैं? स्पष्ट कीजिए
तलवार का महत्त्व होता है म्यान का नहीं’-उक्त उदाहरण से कबीर क्या कहना चाहते हैं? स्पष्ट कीजिए।
कहानी में मोटे-मोटे किस काम के हैं? किन के बारे में और क्यों कहा गया?
आपके विचार में आपा और आत्मविश्वास में तथा आपा और उत्साह में क्या कोई अंतर हो सकता है? स्पष्ट करें।
निर्धनता के बाद मिलनेवाली संपन्नता का चित्रण कविता की अंतिम पंक्तियों में वर्णित हैउसे अपने शब्दों में लिखिए
अपने गाँव लौटकर जब सुदामा अपनी झोंपड़ी नहीं खोज पाए तब उनके मन में क्या-क्या विचार आए? कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए
द्वारका से खाली हाथ लौटते समय सुदामा मार्ग में क्या-क्या सोचते जा रहे थे? वह कृष्ण के व्यवहार से क्यों खीझ रहे थे? सुदामा के मन की दुविधा को अपने शब्दों में प्रकट कीजिए
“पानी परात को हाथ छयो नहिं, नैनन के जल सों पग धोए।” पंक्ति में वर्णित भाव का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए
सुदामा की दीनदेशा देखकर श्रीकृष्ण की क्या मनोदशा हुई? अपने शब्दों में लिखिए
किन पंक्तियों का भाव है
(क) पक्षी और बादल प्रेम, सद्भाव और एकता का संदेश एक देश से दूसरे देश को भेजते हैं।
(ख) प्रकृति देश-देश में भेदभाव नहीं करती। एक देश से उठा बादल दूसरे देश में बरस जाता है।
टोपी बनवाने के लिए गवरइया किस-किसके पास गई? टोपी बनने तक के एक-एक कार्य को लिखें।
गवरइया और गवरा के बीच किस बात पर बहस हुई और गवरइया को अपनी इच्छा पूरी करने का अवसर कैसे मिला
चारों कारीगर राजा के लिए काम कर रहे थे। एक रजाई बना रहा था। दूसरा अचकन के लिए सूत कात रहा था। तीसरा बागी बुन रहा था। चौथा राजा की सातवीं रानी की दसवीं संतान के लिए झब्बे सिल रहा था। उन चारों ने राजा का काम रोककर गवरइया का काम क्यों किया?