शुद्ध सोने में ताँबे की मिलावट या ताँबे में सोना’, गांधी जी के आदर्श और व्यवहार के संदर्भ में यह बात किस तरह झलकती है? स्पष्ट कीजिए।
शुद्ध सोने में तांबे की मिलावट का अर्थ था आदर्शवाद में व्यवहारवाद को मिला देना था शुद्ध सोना आदर्शो का प्रतीक था और ताँबा व्यावरिकता का प्रतीक होता था गाँधीजी व्यवहारिकता की कीमत जानते है इसीलिए वे अपना विलक्षण आदर्श चला सकते थे लेकिन अपने आदर्शो को व्यवहारिकता के स्तर पर उतरने नही देना चाहते थे I
अपने जीवन की किसी ऐसी घटना का उल्लेख कीजिए जब
लेखक के अनुसार सत्य केवल वर्तमान है, उसी में जीना चाहिए। लेखक ने ऐसा क्यों कहा होगा? स्पष्ट कीजिए।
टी-सेरेमनी में कितने आदमियों को प्रवेश दिया जाता था और क्यों?
गांधी जी में नेतृत्व की अद्भुत क्षमता थी; उदाहरण सहित इस बात की पुष्टि कीजिए।
चाय पीने के बाद लेखक ने स्वयं में क्या परिवर्तन महसूस किया?
शुद्ध आदर्श की तुलना सोने से और व्यावहारिकता की तुलना ताँबे से क्यों की गई है?
‘गिरगिट’ कहानी में आपने समाज में व्याप्त अवसरानुसार अपने व्यवहार को पल-पल में बदल डालने की एक बानगी देखी। इस पाठ के अंश ‘गिन्नी का सोना’ के संदर्भ में स्पष्ट कीजिए कि ‘आदर्शवादिता’ और ‘व्यावहारिकता’ इनमें से जीवन में किसका महत्त्व है?
लेखक के मित्र ने मानसिक रोग के क्या-क्या कारण बताए? आप इन कारणों से कहाँ तक सहमत हैं?
आपके विचार से कौन-से ऐसे मूल्य हैं जो शाश्वत हैं? वर्तमान समय में इन मूल्यों की प्रासंगिकता स्पष्ट कीजिए।
चाजीन ने कौन-सी क्रियाएँ गरिमापूर्ण ढंग से पूरी कीं?
(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
1. तताँरा की तलवार के बारे में लोगों का क्या मत था?
2. वामीरो ने तताँरा को बेरुखी से क्या जवाब दिया?
3. तताँरा-वामीरो की त्यागमयी मृत्यु से निकोबार में क्या परिवर्तन आया?
4. निकोबार के लोग तताँरा को क्यों पसंद करते थे?
तीसरी कसम’ फ़िल्म को ‘सैल्यूलाइड पर लिखी कविता’ क्यों कहा गया है?
ख्यूक्रिन ने मुआवज़ा पाने की क्या दलील दी?
अरब में लशकर को नूह के नाम से क्यों याद करते हैं?
वज़ीर अली के अफ़साने सुनकर कर्नल को रॉबिनहुड की याद क्यों आ जाती थी?
मीठी वाणी बोलने से औरों को सुख और अपने तन को शीतलता कैसे प्राप्त होती है?
(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
1. पहले पद में मीरा ने हरि से अपनी पीड़ा हरने की विनती किस प्रकार की है?
2. दूसरे पद में मीराबाई श्याम की चाकरी क्यों करना चाहती हैं? स्पष्ट कीजिए।
3. मीराबाई ने श्रीकृष्ण के रूप-सौंदर्य का वर्णन कैसे किया है?
4. मीराबाई की भाषा शैली पर प्रकाश डालिए
5. वे श्रीकृष्ण को पाने के लिए क्या-क्या कार्य करने को तैयार हैं?
(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए=
1.छाया भी कब छाया हूँढ़ने लगती है?
2. बिहारी की नायिका यह क्यों कहती है ‘कहिहै सबु तेरौ हियौ, मेरे हिय की बात’–स्पष्ट कीजिए।
3. सच्चे मन में राम बसते हैं-दोहे के संदर्भानुसार स्पष्ट कीजिए।
4. गोपियाँ श्रीकृष्ण की बाँसुरी क्यों छिपा लेती हैं?
5. बिहारी कवि ने सभी की उपस्थिति में भी कैसे बात की जा सकती है, इसका वर्णन किस प्रकार किया है? अपने शब्दों में लिखिए।
(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
1.कवि ने कैसी मृत्यु को सुमृत्यु कहा है?
2. उदार व्यक्ति की पहचान कैसे हो सकती है?
3. कवि ने दधीचि, कर्ण आदि महान व्यक्तियों का उदाहरण देकर ‘मनुष्यता’ के लिए क्या संदेश दिया है?
4. कवि ने किन पंक्तियों में यह व्यक्त किया है कि हमें गर्व-रहित जीवन व्यतीत करना चाहिए?
5. ‘मनुष्य मात्र बंधु है’ से आप क्या समझते हैं? स्पष्ट कीजिए।
6. कवि ने सबको एक होकर चलने की प्रेरणा क्यों दी है?
7. व्यक्ति को किस प्रकार का जीवन व्यतीत करना चाहिए? इस कविता के आधार पर लिखिए।
8. मनुष्यता’ कविता के माध्यम से कवि क्या संदेश देना चाहता है?
(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
1. पावस ऋतु में प्रकृति में कौन-कौन से परिवर्तन आते हैं? कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
2. ‘मेखलाकार’ शब्द का क्या अर्थ है? कवि ने इस शब्द का प्रयोग यहाँ क्यों किया है?
3. ‘सहस्र दृग-सुमन’ से क्या तात्पर्य है? कवि ने इस पद का प्रयोग किसके लिए किया होगा?
4. कवि ने तालाब की समानता किसके साथ दिखाई है और क्यों?
5. पर्वत के हृदय से उठकर ऊँचे-ऊँचे वृक्ष आकाश की ओर क्यों देख रहे थे और वे किस बात को प्रतिबिंबित करते हैं?
6. शाल के वृक्ष भयभीत होकर धरती में क्यों धंस गए?
7. झरने किसके गौरव का गान कर रहे हैं? बहते हुए झरने की तुलना किससे की गई है?
क्या इस गीत की कोई ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है?
(ख) निम्नलिखित पंक्तियों का काव्य-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए-
1. हरि आप हरो जन री भीर ।
द्रोपदी री लाज राखी, आप बढ़ायो चीर।
भगत कारण रूप नरहरि, धर्योो आप सरीर।
2. बूढ़तो गजराज राख्यो, काटी कुण्जर पीर ।
दासी मीराँ लाल गिरधर, हरो म्हारी भीर ।
3. चाकरी में दरसण पास्यूँ, सुमरण पास्यूँ खरची ।
भाव भगती जागीरी पास्यूँ, तीनू बाताँ सरसी ।
(ख) निम्नलिखित पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए-
1.सहानुभूति चाहिए, महाविभूति है यही;
वशीकृता सदैव है बनी हुई स्वयं मही।
विरुद्धवाद बुद्ध का दया-प्रवाह में बहा,
विनीत लोकवर्ग क्या न सामने झुका रहा?
2. रहो न भूल के कभी मदांध तुच्छ वित्त में,
सनाथ जान आपको करो न गर्व चित्त में।
अनाथ कौन है यहाँ? त्रिलोकनाथ साथ हैं,
दयालु दीनबंधु के बड़े विशाल हाथ हैं।
3. चलो अभीष्ट मार्ग में सहर्ष खेलते हुए,
विपत्ति, विघ्न जो पड़े उन्हें ढकेलते हुए।
घटे न हेलमेल हाँ, बढ़े न भिन्नता कभी,
अतर्क एक पंथ के सतर्क पंथ हों सभी।
(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
1. 26 जनवरी 1931 के दिन को अमर बनाने के लिए क्या-क्या तैयारियाँ की गईं?
2. आज जो बात थी वह निराली थी’-किस बात से पता चल रहा था कि आज का दिन अपने आप में निराला है? स्पष्ट कीजिए।
3. पुलिस कमिश्नर के नोटिस और कौंसिल के नोटिस में क्या अंतर था?
4. धर्मतल्ले के मोड़ पर आकर जुलूस क्यों टूट गया?
5. डॉ० दासगुप्ता जुलूस में घायल लोगों की देख-रेख तो कर ही रहे थे, उनके फ़ोटो भी उतरवा रहे थे। उन लोगों के फ़ोटो खींचने की क्या वजह हो सकती थी ? स्पष्ट कीजिए।
अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए आप प्रार्थना के अतिरिक्त और क्या-क्या प्रयास करते हैं? लिखिए।
शेख अयाज़ के पिता अपने बाजू पर काला च्योंटा रेंगता देख भोजन छोड़कर क्यों उठ खड़े हुए?
प्रकृति में आए असंतुलन को क्या परिणाम हुआ?
(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
1. बड़े भाई की डाँट-फटकार अगर न मिलती, तो क्या छोटा भाई कक्षा में अव्वल आता? अपने विचार प्रकट कीजिए।
2. इस पाठ में लेखक ने समूची शिक्षा के किन तौर-तरीकों पर व्यंग्य किया है? क्या आप उनके विचार से सहमत हैं?
3. बड़े भाई साहब के अनुसार जीवन की समझ कैसे आती है?
4. छोटे भाई के मन में बड़े भाई साहब के प्रति श्रद्धा क्यों उत्पन्न हुई?
5. बड़े भाई की स्वभावगत विशेषताएँ बताइए?
6. बड़े भाई साहब ने जिंदगी के अनुभव और किताबी ज्ञान में से किसे और क्यों महत्त्वपूर्ण कहा है?
7. बताइए पाठ के किन अंशों से पता चलता है कि-
शैलेंद्र के निजी जीवन की छाप उनकी फ़िल्म में झलकती है-कैसे? स्पष्ट कीजिए।
ईश्वर कण-कण में व्याप्त है, पर हम उसे क्यों नहीं देख पाते ?