इस कविता का प्रतिपाद्य अपने शब्दों में लिखिए।
प्रस्तुत काव्य युद्ध की पृष्टभूमि पर बनी फिल्म हकीकत के लिए लिखा गया है कवि इसमें देशभक्ति को विकसित करके देश को जागरूक करना चाहता था चीन ने तिब्बत की और से आक्रमण किया और भारतीय वीरो ने इस आक्रमण का मुकाबला वीरता से किया था अपने देश के सम्मान और रक्षा के लिए सेनिक हर चुनोतियो को स्वीकार करते थे अपने जीवन का बलिदान करने के लिए तैयार रहते थे I
सर हिमालय का हमने न झुकने दिया’, इस पंक्ति में हिमालय किस बात का प्रतीक है?
कवि ने इस कविता में किस काफ़िले को आगे बढ़ाते रहने की बात कही है?
कवि ने ‘साथियो’ संबोधन का प्रयोग किसके लिए किया है?
इस गीत में धरती को दुलहन क्यों कहा गया है?
गीत में ऐसी क्या खास बात होती है कि वे जीवन भर याद रह जाते हैं?
इस गीत में ‘सर पर कफ़न बाँधना’ किस ओर संकेत करता है?
क्या इस गीत की कोई ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है?
(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
1. तताँरा की तलवार के बारे में लोगों का क्या मत था?
2. वामीरो ने तताँरा को बेरुखी से क्या जवाब दिया?
3. तताँरा-वामीरो की त्यागमयी मृत्यु से निकोबार में क्या परिवर्तन आया?
4. निकोबार के लोग तताँरा को क्यों पसंद करते थे?
तीसरी कसम’ फ़िल्म को ‘सैल्यूलाइड पर लिखी कविता’ क्यों कहा गया है?
ख्यूक्रिन ने मुआवज़ा पाने की क्या दलील दी?
अरब में लशकर को नूह के नाम से क्यों याद करते हैं?
शुद्ध आदर्श की तुलना सोने से और व्यावहारिकता की तुलना ताँबे से क्यों की गई है?
वज़ीर अली के अफ़साने सुनकर कर्नल को रॉबिनहुड की याद क्यों आ जाती थी?
मीठी वाणी बोलने से औरों को सुख और अपने तन को शीतलता कैसे प्राप्त होती है?
(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
1. पहले पद में मीरा ने हरि से अपनी पीड़ा हरने की विनती किस प्रकार की है?
2. दूसरे पद में मीराबाई श्याम की चाकरी क्यों करना चाहती हैं? स्पष्ट कीजिए।
3. मीराबाई ने श्रीकृष्ण के रूप-सौंदर्य का वर्णन कैसे किया है?
4. मीराबाई की भाषा शैली पर प्रकाश डालिए
5. वे श्रीकृष्ण को पाने के लिए क्या-क्या कार्य करने को तैयार हैं?
(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए=
1.छाया भी कब छाया हूँढ़ने लगती है?
2. बिहारी की नायिका यह क्यों कहती है ‘कहिहै सबु तेरौ हियौ, मेरे हिय की बात’–स्पष्ट कीजिए।
3. सच्चे मन में राम बसते हैं-दोहे के संदर्भानुसार स्पष्ट कीजिए।
4. गोपियाँ श्रीकृष्ण की बाँसुरी क्यों छिपा लेती हैं?
5. बिहारी कवि ने सभी की उपस्थिति में भी कैसे बात की जा सकती है, इसका वर्णन किस प्रकार किया है? अपने शब्दों में लिखिए।
(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
1.कवि ने कैसी मृत्यु को सुमृत्यु कहा है?
2. उदार व्यक्ति की पहचान कैसे हो सकती है?
3. कवि ने दधीचि, कर्ण आदि महान व्यक्तियों का उदाहरण देकर ‘मनुष्यता’ के लिए क्या संदेश दिया है?
4. कवि ने किन पंक्तियों में यह व्यक्त किया है कि हमें गर्व-रहित जीवन व्यतीत करना चाहिए?
5. ‘मनुष्य मात्र बंधु है’ से आप क्या समझते हैं? स्पष्ट कीजिए।
6. कवि ने सबको एक होकर चलने की प्रेरणा क्यों दी है?
7. व्यक्ति को किस प्रकार का जीवन व्यतीत करना चाहिए? इस कविता के आधार पर लिखिए।
8. मनुष्यता’ कविता के माध्यम से कवि क्या संदेश देना चाहता है?
(ख) निम्नलिखित पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए-
1.दे प्रकाश का सिंधु अपरिमित,
तेरे जीवन का अणु ल गल !
2. युग-युग प्रतिदिन प्रतिक्षा प्रतिपल,
प्रियतम का पथ आलोकित कर !
3. मृदुल मोम सा घुल रे मृदु तन !
समुद्र के गुस्से की क्या वजह थी? उसने अपना गुस्सा कैसे निकाला?
‘गिरगिट’ कहानी में आपने समाज में व्याप्त अवसरानुसार अपने व्यवहार को पल-पल में बदल डालने की एक बानगी देखी। इस पाठ के अंश ‘गिन्नी का सोना’ के संदर्भ में स्पष्ट कीजिए कि ‘आदर्शवादिता’ और ‘व्यावहारिकता’ इनमें से जीवन में किसका महत्त्व है?
लेखक की माँ किस समय पेड़ों के पत्ते तोड़ने के लिए मना करती थीं और क्यों?
(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर ( 25-30 शब्दों में) लिखिए-
1. छोटे भाई ने अपनी पढ़ाई का टाइम-टेबिल बनाते समय क्या-क्या सोचा और फिर उसका पालन क्यों नहीं कर पाया?
2. एक दिन जब गुल्ली-डंडा खेलने के बाद छोटा भाई बड़े भाई साहब के सामने पहुँचा तो उनकी क्या प्रतिक्रिया हुई ?
3. बड़े भाई साहब को अपने मन की इच्छाएँ क्यों दबानी पड़ती थीं?
4. बड़े भाई साहब छोटे भाई को क्या सलाह देते थे और क्यों ?
5. छोटे भाई ने बड़े भाई साहब के नरम व्यवहार का क्या फ़ायदा उठाया?
वज़ीर अली के अफ़साने सुनकर कर्नल को रॉबिनहुड की याद क्यों आ जाती थी?
भीड़ ख्यूक्रिन पर क्यों हँसने लगती है?
प्रकृति में आए असंतुलन को क्या परिणाम हुआ?
(ख) निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-
1.मनौ नीलमनि-सैल पर आतपु पर्यो प्रभात।
2. जगतु तपोबन सौ कियौ दीरघ-दाघ निदाघ।
3. जपमाला, छापैं, तिलक सरै न एकौ कामु ।
मन-काँचै नाचै बृथा, साँचै राँचै रामु ।।
फ़िल्म निर्माता के रूप में शैलेंद्र की विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।