Class 10 Hindi - Kshitij - Chapter Ram-Lakshman-Parshuram Samvad NCERT Solutions | भाव स्पष्ट कीज

Welcome to the NCERT Solutions for Class 10th Hindi - Kshitij - Chapter Ram-Lakshman-Parshuram Samvad. This page offers a step-by-step solution to the specific question from Exercise 1, Question 7: भाव स्पष्ट कीजिए (क)बिहसि लखनु बोले मृ....
Question 7

भाव स्पष्ट कीजिए
(क)बिहसि लखनु बोले मृदु बानी। अहो मुनीसु महाभट मानी॥ पुनि पुनि मोहि देखाव कुठारु। चहत उड़ावन पूँकि पहारू।
(ख) इहाँ कुम्हड़बतिया कोउ नाहीं। जे तरजनी देखि मरि जाहीं ।। देखि कुठारु सरासन बाना। मैं कछु कहा सहित अभिमाना।।
(ग) गाधिसूनु कह हृदय हसि मुनिहि हरियरे सूझ। अयमय खाँड़ न ऊखमय अजहुँ न बूझ अबूझ ।।

Answer

(क) प्रसग – प्रस्तुत पक्तियाँ तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस से ली गई थी उक्त
पक्तियाँ में लक्ष्मण जी द्वारा परशुराम जी के बोले हुए अपशब्दों का प्रतिउत्तर दिया जाता था I भाव – लक्ष्मणजी हसकर कोमल वाणी से परशुराम पर व्यग्य कसते हुए बोले मुनीश्वर तो अपनो को बड़ा भारी योद्धा समझते थे मुझे बार बार अपना फरसा दिखाकर डरा रहे थे I                   
(ख) प्रसग प्रस्तुत पक्तियाँ तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस से ली थी उक्त पक्तियों में लक्ष्मण जी द्वारा परशुराम जी के बोले हुए अपशब्दों का प्रतिउत्तर दिया गया था I भाव – भाव यह है कि लक्ष्मण जी अपनी वीरता और अभिमान का परिचय देते हुए कहते थे कि हम कोई छुई मुई के फूल नहीं थे जो तर्जनी देखकर मुरझा जाए हम बालक अवश्य थे परन्तु फरसे और धनुष बाण हमें देखा तो लगा सामने कोई वीर योद्धा आया था I 


(ग) प्रसग – प्रस्तुत पक्तियाँ तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस से ली गई थी उक्त पक्तियों में परशुराम जी द्वारा बोले गए वचनो को सुनकर विश्वामित्र मन हि मन परशुराम जी समझ पर तरस खाते थे I भाव – विश्वामित्र ने परशुराम के वचन सुने परशुराम ने बार बार कहा
कि में लक्ष्मण को पलभर में मार देता विश्वामित्र ह्रदय में मुस्कुराते हुए परशुराम पर तरस खाते थे और मन ही मन कहते थे जिन्हें ये गन्ने की खाड समझ रहे थे वे तो लोहे से बनी तलवार की भाति थी I

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