इस आत्मकथ्य के आधार पर स्वाधीनता आंदोलन के परिदृश्य का चित्रण करते हुए उसमें मन्नू जी की भूमिका को रेखांकित कीजिए।
1942-47 का समय स्वत्रंता – आन्दोलन का समय है हर एक युवा पुरे जोश खरोश से इस आन्दोलन में बढ़ चढ़क हिस्सा ले रहे है ऐसे में लेखिका मन्नू भडारी ने भी आन्दोलन का अभिन्न हिस्सा बनकर अपनी सक्रिय भूमिका निभाई थी I
लेखिका के व्यक्तित्व पर किन-किन व्यक्तियों का किस रूप में प्रभाव पड़ा?
वह कौन-सी घटना थी जिसके बारे में सुनने पर लेखिको को ने अपनी आँखों पर विश्वास हो पाया और न अपने कानों पर?
इस आत्मकथ्य में लेखिका के पिता ने रसोई को ‘भटियारखाना’ कहकर क्यों संबोधित किया है?
लेखिका की अपने पिता से वैचारिक टकराहट को अपने शब्दों में लिखिए।
गोपियों द्वारा उद्धव को भाग्यवान कहने में क्या व्यंग्य निहित है?
परशुराम के क्रोध करने पर लक्ष्मण ने धनुष के टूट जाने के लिए कौन-कौन से तर्क दिए?
कवि ने ‘श्रीब्रजदूलह’ किसके लिए प्रयुक्त किया है और उन्हें संसार रूपी मंदिर का दीपक क्यों कहा है?
कवि आत्मकथा लिखने से क्यों बचना चाहता है?
कवि बादल से फुहार, रिमझिम या बरसने के स्थान पर ‘गरजने के लिए कहता है, क्यों?
बच्चे की दंतुरित मुसकान का कवि के मन पर क्या प्रभाव पड़ता है?
कवि ने कठिन यथार्थ के पूजन की बात क्यों कही है?
आपके विचार से माँ ने ऐसा क्यों कहा कि लड़की होना पर लड़की जैसा मत दिखाई देना?
संगतकार के माध्यम से कवि किस प्रकार के व्यक्तियों की ओर संकेत करना चाह रहा है?
सेनानी न होते हुए भी चश्मेवाले को लोग कैप्टन क्यों कहते थे?
कविता में व्यक्त दुख के कारणों को स्पष्ट कीजिए।
परंपरा के उन्हीं पक्षों को स्वीकार किया जाना चाहिए जो स्त्री-पुरुष समानता को बढ़ाते हों-तर्क सहित उत्तर दीजिए।
पाठ के आधार पर बालगोबिन भगत के मधुर गायन की विशेषताएँ लिखिए।
साहस और शक्ति के साथ विनम्रता हो तो बेहतर है। इस कथन पर अपने विचार लिखिए।
‘स्त्रियों को पढ़ाने से अनर्थ होते हैं’-कुतर्कवादियों की इस दलील का खंडन विवेदी जी ने कैसे किया है, अपने शब्दों में लिखिए।
‘छाया’ शब्द यहाँ किस संदर्भ में प्रयुक्त हुआ है? कवि ने उसे छूने के लिए मनां क्यों किया है?
आप इस निबंध को और क्या नाम देना चाहेंगे?
पुराने समय में स्त्रियों द्वारा प्राकृत भाषा में बोलना क्या उनके अपढ़ होने का सबूत है। पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
परशुराम ने अपने विषय में सभा में क्या-क्या कहा, निम्न पद्यांश के आधार पर लिखिए
बाल ब्रह्मचारी अति कोही बिस्वबिदित क्षत्रियकुल द्रोही॥ भुजबल भूमि भूप बिनु कीन्ही। बिपुल बार महिदेवन्ह दीन्ही ।।
सहसबाहुभुज छेदनिहारा। परसु बिलोकु महीपकुमारा॥
मातु पितहि जनि सोचबस करसि महीसकिसोर।
गर्भन्ह के अर्भक दलन परसु मोर अति घोर ॥
प्यारी राधिका को प्रतिबिंब सो लगत चंद’ – इस पंक्ति का भाव स्पष्ट करते हुए बताएँ कि इसमें कौन-सा अलंकार है?