खेतीबारी से जुड़े गृहस्थ बालगोबिन भगत अपनी किन चारित्रिक विशेषताओं के कारण साधु कहलाते थे?
1.कभी झूठ नही बोलते है खरा व्यवहार रखते है I
2. किसी से भी सीधी बात करने में सकोच नही करते है न किसी से झगड़ा करते है I
3. उनमे लालच बिल्कुल भी नही है इस प्रकार वे अपना सब कुव्ह इश्वर को समर्पित करते है I
4. किसी की चीज़ नही छूते है न ही बिना पूछे व्यवहार में लाते है वे किसी दूसरे की चीज़ नही लेते है I
पाठ के आधार पर बालगोबिन भगत के मधुर गायन की विशेषताएँ लिखिए।
कुछ मार्मिक प्रसंगों के आधार पर यह दिखाई देता है कि बालगोबिन भगत प्रचलित सामाजिक मान्यताओं को नहीं मानते थे। पाठ के आधार पर उन प्रसंगों का उल्लेख कीजिए।
धान की रोपाई के समय समूचे माहौल को भगत की स्वर लहरियाँ किस तरह झंकृत कर देती थीं? उस माहौल का शब्द-चित्र प्रस्तुत कीजिए।
भगत के व्यक्तित्व और उनकी वेशभूषा को अपने शब्दों में चित्र प्रस्तुत कीजिए।
बालगोबिन भगत की दिनचर्या लोगों के अचरज का कारण क्यों थी?
भगत की पुत्रवधू उन्हें अकेले क्यों नहीं छोड़ना चाहती थी?
भगत ने अपने बेटे की मृत्यु पर अपनी भावनाएँ किस तरह व्यक्त कीं?
गोपियों द्वारा उद्धव को भाग्यवान कहने में क्या व्यंग्य निहित है?
परशुराम के क्रोध करने पर लक्ष्मण ने धनुष के टूट जाने के लिए कौन-कौन से तर्क दिए?
कवि ने ‘श्रीब्रजदूलह’ किसके लिए प्रयुक्त किया है और उन्हें संसार रूपी मंदिर का दीपक क्यों कहा है?
कवि आत्मकथा लिखने से क्यों बचना चाहता है?
कवि बादल से फुहार, रिमझिम या बरसने के स्थान पर ‘गरजने के लिए कहता है, क्यों?
बच्चे की दंतुरित मुसकान का कवि के मन पर क्या प्रभाव पड़ता है?
कवि ने कठिन यथार्थ के पूजन की बात क्यों कही है?
आपके विचार से माँ ने ऐसा क्यों कहा कि लड़की होना पर लड़की जैसा मत दिखाई देना?
संगतकार के माध्यम से कवि किस प्रकार के व्यक्तियों की ओर संकेत करना चाह रहा है?
सेनानी न होते हुए भी चश्मेवाले को लोग कैप्टन क्यों कहते थे?
कवि ने बच्चे की मुसकान के सौंदर्य को किन-किन बिंबों के माध्यम से व्यक्त किया है?
परशुराम ने अपने विषय में सभा में क्या-क्या कहा, निम्न पद्यांश के आधार पर लिखिए
बाल ब्रह्मचारी अति कोही बिस्वबिदित क्षत्रियकुल द्रोही॥ भुजबल भूमि भूप बिनु कीन्ही। बिपुल बार महिदेवन्ह दीन्ही ।।
सहसबाहुभुज छेदनिहारा। परसु बिलोकु महीपकुमारा॥
मातु पितहि जनि सोचबस करसि महीसकिसोर।
गर्भन्ह के अर्भक दलन परसु मोर अति घोर ॥
आशय स्पष्ट कीजिए
(क) ‘फटा सुर न बख्। लुंगिया का क्या है, आज फटी है, तो कल सी जाएगी।
(ख) ‘मेरे मालिक सुर बख्श दे। सुर में वह तासीर पैदा कर कि आँखों से सच्चे मोती की तरह अनगढ़ आँसू निकल आएँ।’
माँ को अपर्च, बेटी ‘अंतिम पूँजी’ क्यों लग रही थी?
कवि आत्मकथा लिखने से क्यों बचना चाहता है?
इस आत्मकथ्य के आधार पर स्वाधीनता आंदोलन के परिदृश्य का चित्रण करते हुए उसमें मन्नू जी की भूमिका को रेखांकित कीजिए।
कवि ने जो सुख का स्वप्न देखा था उसे कविता में किस रूप में अभिव्यक्त किया है?
कविता में बादल किन-किन अर्थों की ओर संकेत करता है?
गोपियों द्वारा उद्धव को भाग्यवान कहने में क्या व्यंग्य निहित है?
बच्चे की मुसकान और एक बड़े व्यक्ति की मुसकान में क्या अंतर है?