नीचे दिए गए कथन किसके हैं?
1. तू तो मेरा राजा बेटा है।
2. सुनो…. मैं पानी लेने जा रही हूं।
3.अपनी बहन का ध्यान रखना
4.मां मुझ पर बहुत प्रसन्न हो गई।
5. हाय ! हाय! यह मैंने क्या कर दिया।
6. कोई भी काम सोच समझ कर ही करना चाहिए।
1. आदमी ने
2. ओरत ने
3. आदमी ने
4. नेवले ने
5. ओरत ने
6. आदमी ने
कविता को पंक्ति पूरी करो।
1.रंग–बिरंगे पंख तुम्हारे, सबके मन को भाते हैं।
2.पास क्यों नहीं आती तितली।
3. फूल फूल के कानों में जा
4. इस डाली से उस डाली पर
5.हमसे क्यों शरमाती हो?
पढ़ो और बोलों
क) ईश्वरचंद विद्यासागर मिदनापुर युवक सूटकेश
स्टेशन पोशाक कुर्ता धोती धन्यवाद
शर्म भूल चप्पल जनाब माफी
समापन विद्वान समाज सुधारक सदा
मौजूद बैलगाड़ी इज्जत समझ स्वयं
ख) प्रसिद्ध मशहूर माफी क्षमा पाठ पाठक
सम्मान आदर खुद स्वयं विचार विचारक
गुस्सा क्रोध अजीब विचित्र सुधार सुधारक
पढ़ो और बोलो:
( क) प्रदर्शनी मंडप हस्तशिल्प राज्य स्थान
मनमोहक मिट्टी छूट्टी भरतनाट्यम राज्य
ओडिसा – नृत्य सप्ताह लौटना मणिपुरी – नृत्य सजना
(ख)हस्तशिल्प – हाथ की कारीगरी चचेरी बहन – चाचा की बेटी
अवसर – मौका मनमोहक – मन को मोह लेनेवाला
सुंदर – खूबसूरत
कविता की पंक्तियां पूरी करो –
1.चिठ्ठी में हैं मन का प्यार
2.मेहनत से तुम पड़ना बेटी
3.छोटा – सा कागज बिन पैर
पढ़ो और बोलो
गुस्सा शरण धैर्यपूर्वक टूट जाना एक बार भगवान बुद्ध घृणा शिष्प मुस्कराकर जुड़ जाना दुबारा सतना धैर्य स्वागत इसलिए निर्दयी डाकू अंगुलियों की माला बिना डरे समझ जाना |
पढ़ो और सुनो
दशहरा सागर सूर्योदय विवेकानंद कन्याकुमारी मोटर लांच पूर्णिमा संगम सूर्यास्त विशाल मूर्ती चट्टान लहर एक साथ पहुँचना तिरुअनंतपुरम आनंद लेना रामकृष्ण परमहंस याद रखना सिपियाँ आयर शंख राजधानी एक्सप्रेस |
पढो और बोलो
कष्ट, करना, तेज़, पीठ, बुखार, खराब, सीना, खाँसी, छाती
हलका, लगना, परेशानी, मामूली, जीभ, लेना, सिर्फ़, खूब, नींद
चिंता, भूख, साँस, गोली, बिल्कुल, जाँच, परीक्षा, प्यास लगना
कविता की पंक्तियां पूरी करे।
1. वीर तुम बढ़े चलो
2. ध्वज कभी झुके नहीं
3. तुम निडर , हटो नहीं
4. सूर्य से बढ़े चलो
नीचे दिए गए कथन किसके है?
1. अब गाना गाने का मन हो रहा है।
2. जो लोग खाने के बाद गाते नहीं, वे लोग अच्छे नहीं होते।
3. धैर्य के साथ रहकर उचित समय को पहचानने की बुद्धि तुझमें नहीं हैं।
4. खुशी को भोजन की तरह पचाना आवश्यक है।
पहचानो और बोलो:
क ल म र न अ
का ला मा रा ना आ
नीचे दिए शब्दो में से चुनकर वाक्य पूरे कीजिए।
( मंडप , हस्तशिल्प , सांस्कृतिक , प्रदर्शनी , छुट्टी )
सभी ……. खूब सजाए गए थे।
इस अवसर पर ………. कार्यक्रम भी हो रहे हैं।
हम दोनों को यह ……… बहुत अच्छी लगी।
.….. छुट्टी के दिन बहुत भीड़ होती है।
वहां…… की प्रदर्शनी लगी हुई थी।
पढ़ो और समझो
मुश्किल-कठिन ज्यादा कम मज़ा उमंग पास-दूर ज्यादा अधिक मुश्किल आसान लहर-तरंग उदय अस्त। सुखद- सुख देनेवाला, आरामदायक बैठना-खड़ा होना। |
पढ़ो और सुनो
दशहरा सागर सूर्योदय विवेकानंद कन्याकुमारी मोटर लांच पूर्णिमा संगम सूर्यास्त विशाल मूर्ती चट्टान लहर एक साथ पहुँचना तिरुअनंतपुरम आनंद लेना रामकृष्ण परमहंस याद रखना सिपियाँ आयर शंख राजधानी एक्सप्रेस |
प्रश्नों के उत्तर दो
प्रदर्शनी के अवसर पर सुजाता और रंजना ने कौन – कौन से नृत्य देखे?
हस्तशिल्प की प्रदर्शनी में कौन – कौन सी चीज़े सुजाता को मनमोहक लगी?
सुजाता ने अपनी चचेरी बहन रंजना के लिए क्या – क्या खरीदा?
कर्नाटक, तमिलनाडु , केरल , और ओडिशा में प्रचलित नृत्य के नाम लिखो।
पढ़ो और बोलो
गुस्सा शरण धैर्यपूर्वक टूट जाना एक बार भगवान बुद्ध घृणा शिष्प मुस्कराकर जुड़ जाना दुबारा सतना धैर्य स्वागत इसलिए निर्दयी डाकू अंगुलियों की माला बिना डरे समझ जाना |
कोष्ठक में दिए गए शब्दों की सहायता से वाक्य पूरे करो
हलका, नींद, पसंद, कष्ट, गोली
1. खाँसी के कारण रात भर.....नहीं आती।
2. मुझे सेब और संतरा.. है।
3. बताओ तुम्हें क्या..... ??
4. रमेश को.. खाना देना चाहिए
5. रात को सोने से पहले यह…. खिलाइए।
नमूने के अनुसार वाक्य बदलो।
1.सभी को मिठाई कम खानी चाहिए।
2. हमें रात में भोजन कम करना चाहिए।
3. सभा में कम बोलना चाहिए।
प्रश्नों के उत्तर दो।
1. अंगुलिमाल कौन था?
2. डाकू को अंगुलिमाल क्यों कहते थे?
3. अंगुलिमाल को गुस्सा क्यों आया?
4. भगवान बुद्ध ने अंगुलिमाल का स्वागत कैसे किया?
5. भगवान बुद्ध ने अंगुलिमाल से क्या तोड़ कर लाने को कहा?
कविता को पंक्ति पूरी करो।
1.रंग–बिरंगे पंख तुम्हारे, सबके मन को भाते हैं।
2.पास क्यों नहीं आती तितली।
3. फूल फूल के कानों में जा
4. इस डाली से उस डाली पर
5.हमसे क्यों शरमाती हो?
नीचे दिए गए कथन किसके है?
1. अब गाना गाने का मन हो रहा है।
2. जो लोग खाने के बाद गाते नहीं, वे लोग अच्छे नहीं होते।
3. धैर्य के साथ रहकर उचित समय को पहचानने की बुद्धि तुझमें नहीं हैं।
4. खुशी को भोजन की तरह पचाना आवश्यक है।