सुनो और बोलो
आज ताला ईख अनाज इमली अलमारी
जाल दाना इकाई दवात तितली तरकारी
दाल बाबा कील बादल दीवार सरकार
माल मामा तीर सारस मदारी दरवाजा
आज – आ +ज , ताला – ला +ला , ईख – ईख , अनाज – अ+ना + ज , इमली – इ+म+ली , अलमारी –अ+ल+मा+री
जाल – जा+ल , दाना-दा+ना , इकाई – इ+का+ई, दवात – द+वा+त, तितली – ति+त+ली , तरकारी- त+र+का+री
दाल – दा+ल , बाबा – बा+बा , कील –की+ल , बादल-बा+द+ल , दीवार-दी+वा+र,
सरकार- स+र+का+र
माला – मा+ला , मामा –मा+मा, तीर – ती+र , सारस – सा+र+स, मदारी –म+दा+री , दरवाजा – द+र+वा+जा
अध्यापक वाक्य बोलेंगे और विद्यार्थी दोहराएंगे।
अध्यापक (समिप के विद्यार्थी को दिखाकर)
यह कौन है?
यह मोहन है।
यह कौन है?
यह लीला है।
अध्यापक (दूर की लड़की को दिखा कर)
वह कौन है?
वह सलमा है।
वह कौन है?
वह राजन है।
नीचे दिए गए वर्णों को लिखने का अभ्यास करें।
इ… … … .. … ..
ई… … … … ..
ज… … … .. ..
ड़… … … … ..
त… … … ..
द… .. … .. ..
ब… .. … … .
व… .. … … ..
स… .. … … .
पहचानो और बोलो।
जाल लड़की बस ईख इमली नाव किताब
ड़ स इ व त ज ई ब
कविता को पंक्ति पूरी करो।
1.रंग–बिरंगे पंख तुम्हारे, सबके मन को भाते हैं।
2.पास क्यों नहीं आती तितली।
3. फूल फूल के कानों में जा
4. इस डाली से उस डाली पर
5.हमसे क्यों शरमाती हो?
पढ़ो और बोलों
क) ईश्वरचंद विद्यासागर मिदनापुर युवक सूटकेश
स्टेशन पोशाक कुर्ता धोती धन्यवाद
शर्म भूल चप्पल जनाब माफी
समापन विद्वान समाज सुधारक सदा
मौजूद बैलगाड़ी इज्जत समझ स्वयं
ख) प्रसिद्ध मशहूर माफी क्षमा पाठ पाठक
सम्मान आदर खुद स्वयं विचार विचारक
गुस्सा क्रोध अजीब विचित्र सुधार सुधारक
पढ़ो और बोलो:
( क) प्रदर्शनी मंडप हस्तशिल्प राज्य स्थान
मनमोहक मिट्टी छूट्टी भरतनाट्यम राज्य
ओडिसा – नृत्य सप्ताह लौटना मणिपुरी – नृत्य सजना
(ख)हस्तशिल्प – हाथ की कारीगरी चचेरी बहन – चाचा की बेटी
अवसर – मौका मनमोहक – मन को मोह लेनेवाला
सुंदर – खूबसूरत
कविता की पंक्तियां पूरी करो –
1.चिठ्ठी में हैं मन का प्यार
2.मेहनत से तुम पड़ना बेटी
3.छोटा – सा कागज बिन पैर
पढ़ो और बोलो
गुस्सा शरण धैर्यपूर्वक टूट जाना एक बार भगवान बुद्ध घृणा शिष्प मुस्कराकर जुड़ जाना दुबारा सतना धैर्य स्वागत इसलिए निर्दयी डाकू अंगुलियों की माला बिना डरे समझ जाना |
पढ़ो और सुनो
दशहरा सागर सूर्योदय विवेकानंद कन्याकुमारी मोटर लांच पूर्णिमा संगम सूर्यास्त विशाल मूर्ती चट्टान लहर एक साथ पहुँचना तिरुअनंतपुरम आनंद लेना रामकृष्ण परमहंस याद रखना सिपियाँ आयर शंख राजधानी एक्सप्रेस |
पढो और बोलो
कष्ट, करना, तेज़, पीठ, बुखार, खराब, सीना, खाँसी, छाती
हलका, लगना, परेशानी, मामूली, जीभ, लेना, सिर्फ़, खूब, नींद
चिंता, भूख, साँस, गोली, बिल्कुल, जाँच, परीक्षा, प्यास लगना
कविता की पंक्तियां पूरी करे।
1. वीर तुम बढ़े चलो
2. ध्वज कभी झुके नहीं
3. तुम निडर , हटो नहीं
4. सूर्य से बढ़े चलो
नीचे दिए गए कथन किसके हैं?
1. तू तो मेरा राजा बेटा है।
2. सुनो…. मैं पानी लेने जा रही हूं।
3.अपनी बहन का ध्यान रखना
4.मां मुझ पर बहुत प्रसन्न हो गई।
5. हाय ! हाय! यह मैंने क्या कर दिया।
6. कोई भी काम सोच समझ कर ही करना चाहिए।
नीचे दिए गए कथन किसके है?
1. अब गाना गाने का मन हो रहा है।
2. जो लोग खाने के बाद गाते नहीं, वे लोग अच्छे नहीं होते।
3. धैर्य के साथ रहकर उचित समय को पहचानने की बुद्धि तुझमें नहीं हैं।
4. खुशी को भोजन की तरह पचाना आवश्यक है।
तू आप आप
आ आओ आइए
बैठ बैठो बैठिए
देख देखो देखिए
पढ़ पढ़ो पढ़िए
दे दो दीजिए
पी पीओ पीजिए
कर करो कीजिए
ले लो लीजिए
प्रश्नों के उत्तर दो:
1. रमेश को क्या कष्ट है ?
2. सुशीला को किस बात की चिंता है?
3.रमेश ने डॉक्टर से क्या कहा ?
4.डॉक्टर ने जाँच करने के बाद सुशीला से क्या कहा?
5. डॉक्टर ने रमेश को क्या खाने की सलाह दी ?
चित्रों के अधूरे नाम पूरे करो।
1.ना. … … .
2.मा… … ..
3.म… … . न
नमूने के अनुसार वाक्य बदलो-
1.नमूना : सलमा के पास किताब नहीं है
सलमा को किताब चाहिए
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
1. स्त्री के मन में नेवले के बारे में क्या संदेह था?
2. पति ने पत्नी को नेवले के बारे में क्या समझाया?
3. जब सांप को बच्चे के पालने की ओर आते देखा तो नेवले ने क्या किया?
4. स्त्री फूड-फुटकर क्यों रोने लगी?
5.दंपत्ति, नेवले को जीवन भर क्यों नहीं भूल पाए?
प्रश्नों के उत्तर दो।
1.निशा मैसूर क्यों जाना चाहती थी?
2. निशा का परिवार कन्याकुमारी कैसे जाएगा?
3. शाम से पहले कन्याकुमारी पहुँचना क्यों जरूरी है?
4. पूर्णिमा की संध्या को कन्याकुमारी में क्या देख सकते हैं?
5. लोग विवेकानंद स्मारक कैसे पहुँचते हैं?
सामान अर्थ वाले शब्द को रेखा खींचकर महिलाओं
ध्वज सूरज
निडर बादल
मेघ चांद
सूर्य झंडा
चंद्र निर्भय
पढ़ो और सुनो
दशहरा सागर सूर्योदय विवेकानंद कन्याकुमारी मोटर लांच पूर्णिमा संगम सूर्यास्त विशाल मूर्ती चट्टान लहर एक साथ पहुँचना तिरुअनंतपुरम आनंद लेना रामकृष्ण परमहंस याद रखना सिपियाँ आयर शंख राजधानी एक्सप्रेस |
पढ़ो और समझो –
तुम आप के प्रयोग
तुम आओ आप आइए |
तुम्हें क्या चाहिए आपको क्या चाहिए?
तुम्हारा नाम क्या है ? आपका नाम क्या है?
पढ़ो और बोलो
गुस्सा शरण धैर्यपूर्वक टूट जाना एक बार भगवान बुद्ध घृणा शिष्प मुस्कराकर जुड़ जाना दुबारा सतना धैर्य स्वागत इसलिए निर्दयी डाकू अंगुलियों की माला बिना डरे समझ जाना |