कोष्ठक में दी हुई क्रियाओं की सहायता से रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए।
पुल्लिंग
1.मैं दूध……..(पी)
2.तुम केला…….(खा)
3.हम विद्यालय……..(जाना)
स्त्रीलिंग
1.मैं गाना…….(सीख)
2.तुम कब्बडी……(खेल)
3.हम हिंदी……….(पढ़)
1.मैं दूध पीता हूं।
2.तुम केला खा लेना।
3.हम विद्यालय जा रहे हैं।
स्त्रीलिंग
1.मैं गाना सीख रही हूं।
2.तुम कब्बड़ी खेल रही हो।
3.हम हिंदी पढ़ रहे हैं।
पढ़ो और बोलो
सहेली विद्यालय बुद्धि का खेल कभी – कभी सीखना व्यायाम
सुबह भागना चाचा जी अंताक्षरी दिन में याद करना
मामा जी चैन्नै शाम को दौड़ना अध्यापिका प्रधान डाक घर
प्रश्नों के उत्तर दो –
1.तुम्हारा विद्यालय कहां हैं?
2.अध्यापिका हिंदी कैसे पढ़ाती है?
3.शोभा कौन – से खेल खेलती हैं?
4.अंताक्षरी खेलना क्यों चाहता हैं?
पढ़ो और समझो
(क)
पुल्लिंग स्त्रीलिंग
मैं पढ़ता हूं। पढ़ती हूं।
गाता हूं। गाती हूं।
तुम खेलते हो। खेलती हो।
खाते हो। खाती हूं।
हम सीखते हो। सीखती हो।
आप सुनते हो। सुनती हो।
(ख)
सीखना – पढ़ना
ठीक – गलत
सहेली – सखी
कल – आज
व्यायाम – कसरत
सुबह – शाम को
मस्तिष्क – दिमाग
जाना – आना
नमूने के अनुसार वाक्य बदलो।
1.मोहन क्रिकेट खेलता है।(फुटबॉल)
2.शीला गाना गाती हैं।(नाचना)
3.पिताजी सवेरे टहलते हैं।(तैरते)
4.माताजी रोज दूध पीती हैं।(चाय)
5.वे बच्चे शाम को खेलते हैं।(पढ़ना)
अपनी दिनचर्या के अनुसार वाक्य पूरे करो।
1.मैं सुबह …………. उठता हूं।
2.हम सुबह ……….. स्नान करते हैं।
3.मैं सुबह ……….. स्कूल जाता हूं।
4.हम दिन में …….. खाते हैं।
5.मैं शाम को ……….. क्रिक्रेट खेलता हूं।
कविता को पंक्ति पूरी करो।
1.रंग–बिरंगे पंख तुम्हारे, सबके मन को भाते हैं।
2.पास क्यों नहीं आती तितली।
3. फूल फूल के कानों में जा
4. इस डाली से उस डाली पर
5.हमसे क्यों शरमाती हो?
पढ़ो और बोलों
क) ईश्वरचंद विद्यासागर मिदनापुर युवक सूटकेश
स्टेशन पोशाक कुर्ता धोती धन्यवाद
शर्म भूल चप्पल जनाब माफी
समापन विद्वान समाज सुधारक सदा
मौजूद बैलगाड़ी इज्जत समझ स्वयं
ख) प्रसिद्ध मशहूर माफी क्षमा पाठ पाठक
सम्मान आदर खुद स्वयं विचार विचारक
गुस्सा क्रोध अजीब विचित्र सुधार सुधारक
पढ़ो और बोलो:
( क) प्रदर्शनी मंडप हस्तशिल्प राज्य स्थान
मनमोहक मिट्टी छूट्टी भरतनाट्यम राज्य
ओडिसा – नृत्य सप्ताह लौटना मणिपुरी – नृत्य सजना
(ख)हस्तशिल्प – हाथ की कारीगरी चचेरी बहन – चाचा की बेटी
अवसर – मौका मनमोहक – मन को मोह लेनेवाला
सुंदर – खूबसूरत
कविता की पंक्तियां पूरी करो –
1.चिठ्ठी में हैं मन का प्यार
2.मेहनत से तुम पड़ना बेटी
3.छोटा – सा कागज बिन पैर
पढ़ो और बोलो
गुस्सा शरण धैर्यपूर्वक टूट जाना एक बार भगवान बुद्ध घृणा शिष्प मुस्कराकर जुड़ जाना दुबारा सतना धैर्य स्वागत इसलिए निर्दयी डाकू अंगुलियों की माला बिना डरे समझ जाना |
पढ़ो और सुनो
दशहरा सागर सूर्योदय विवेकानंद कन्याकुमारी मोटर लांच पूर्णिमा संगम सूर्यास्त विशाल मूर्ती चट्टान लहर एक साथ पहुँचना तिरुअनंतपुरम आनंद लेना रामकृष्ण परमहंस याद रखना सिपियाँ आयर शंख राजधानी एक्सप्रेस |
पढो और बोलो
कष्ट, करना, तेज़, पीठ, बुखार, खराब, सीना, खाँसी, छाती
हलका, लगना, परेशानी, मामूली, जीभ, लेना, सिर्फ़, खूब, नींद
चिंता, भूख, साँस, गोली, बिल्कुल, जाँच, परीक्षा, प्यास लगना
कविता की पंक्तियां पूरी करे।
1. वीर तुम बढ़े चलो
2. ध्वज कभी झुके नहीं
3. तुम निडर , हटो नहीं
4. सूर्य से बढ़े चलो
नीचे दिए गए कथन किसके हैं?
1. तू तो मेरा राजा बेटा है।
2. सुनो…. मैं पानी लेने जा रही हूं।
3.अपनी बहन का ध्यान रखना
4.मां मुझ पर बहुत प्रसन्न हो गई।
5. हाय ! हाय! यह मैंने क्या कर दिया।
6. कोई भी काम सोच समझ कर ही करना चाहिए।
नीचे दिए गए कथन किसके है?
1. अब गाना गाने का मन हो रहा है।
2. जो लोग खाने के बाद गाते नहीं, वे लोग अच्छे नहीं होते।
3. धैर्य के साथ रहकर उचित समय को पहचानने की बुद्धि तुझमें नहीं हैं।
4. खुशी को भोजन की तरह पचाना आवश्यक है।
नमूने के अनुसार शब्द बनाओ–
नमून: सुधार– सुधारक
1) प्रचार 2) विचार 3) उद्धार
तालिका के प्रत्येक भाग से एक एक शब्द लेकर वाक्य बनाइए:
मुझे…. उस बात की…. चिंता है
रमेश को……कल से…. कष्ट…. लगती है
पिता जी को….. बड़ी…. बुखार…. लगी है
लीला को….खुशी…. है
हमे…भूख
नमूने के अनुसार वाक्य बदलों–
नमूना: मेरा नाम विद्यासागर है। मैं विद्यासागर हूँ।
1.मेरा नाम मोहन है।……….
2.मेरा नाम शीला है।………..
3.मेरा नाम राघव है।……….
4.मेरा नाम पीटर है।……….
5.मेरा नाम साधना है।……..…
कोष्टक में दिए गए शब्दों की सहायता से वाक्य पूरे करो।
(काफी, संगम, राजधानी, मोटर लांच)
1. कन्याकुमारी में तीन सागरों का ……… होता है।
2. हम तिरुअनंतपुरम तक ………. एक्सप्रेस से जायेंगे।
3. मेरी तो ……….. छुट्टियाँ बाकि है।
4. हम लोग ………. से स्मारक पहुँचेंगे।
पढ़ो और समझो
तकलीफ़ - कष्ट
पीना – पिलाना
मामूली - साधारण
हलका - भारी
पास - दूर
खाना - खिलाना
तेज़ - धीमे
पसंद - नापसंद
चिंता - फ़िक्र
सीखना - सिखाना
खराब - अच्छा
दिन – रात
पढ़ो और बोलो
गुस्सा शरण धैर्यपूर्वक टूट जाना एक बार भगवान बुद्ध घृणा शिष्प मुस्कराकर जुड़ जाना दुबारा सतना धैर्य स्वागत इसलिए निर्दयी डाकू अंगुलियों की माला बिना डरे समझ जाना |
कविता को पंक्ति पूरी करो।
1.रंग–बिरंगे पंख तुम्हारे, सबके मन को भाते हैं।
2.पास क्यों नहीं आती तितली।
3. फूल फूल के कानों में जा
4. इस डाली से उस डाली पर
5.हमसे क्यों शरमाती हो?
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
1. स्त्री के मन में नेवले के बारे में क्या संदेह था?
2. पति ने पत्नी को नेवले के बारे में क्या समझाया?
3. जब सांप को बच्चे के पालने की ओर आते देखा तो नेवले ने क्या किया?
4. स्त्री फूड-फुटकर क्यों रोने लगी?
5.दंपत्ति, नेवले को जीवन भर क्यों नहीं भूल पाए?
अध्यापक वाक्य बोलेंगे और विद्यार्थी दोहराएंगे।
अध्यापक (समिप के विद्यार्थी को दिखाकर)
यह कौन है?
यह मोहन है।
यह कौन है?
यह लीला है।
अध्यापक (दूर की लड़की को दिखा कर)
वह कौन है?
वह सलमा है।
वह कौन है?
वह राजन है।
कविता के आधार पर प्रश्नों के उत्तर दो–
1.तितली के पंख कैसे होते हैं?
2.कविता में तितली को क्या कहकर बुलाया गया है?
3.कलियाँ और फूल तितली को देखकर क्या करते है?
4. तितली उड़ उड़कर कहाँ जाती है?