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Q1 बालिका मैना ने सेनापति ‘हे’ को कौन-कौन से तर्क देकर महल की रक्षा के लिए प्रेरित किया?
Ans: 1. मेना ने तर्क दिया कि महल को गिराने से सेनापति की किसी उधेशय की पूर्ति न हो सकती थी
2. मेना ने अग्रेजो के विरुद्ध शस्त्र उठाने वालो को दोषी बताया था I
3. अंत में मेना ने सेनापति है को अपना परिचय देकर बताया कि उन्हें उनकी पुत्री मेरी की सहेली की रक्षा करनी थी IQ2 मैना जड़ पदार्थ मकान को बचाना चाहती थी पर अंग्रेज़ उसे नष्ट करना चाहते थे। क्यों?
Ans: मेना उसी मकान में पली बढ़ी है उसी में उसकी बचपन की पिता की परिवार की यादे समाई है इसलिए वह जड़ मकान उसके लिए भरी पूरी जिंदगी के समान है
Q3 सर टामस ‘हे’ के मैना पर दया-भाव के क्या कारण थे?
Ans: मेना का करुणामयी मुख और उसकी अल्पायु देखकर सेनापति को उस पर दया नही आती थी वह उसकी पुत्री मेरी की सहेली है I
Q4 मैना की अंतिम इच्छा थी कि वह उस प्रासाद के ढेर पर बैठकर जी भरकर रो ले लेकिन पाषाण हृदय वाले जनाल ने किस भय से उसकी इच्छा पूर्ण न होने दी?
Ans: मेना महज के ढेर पर बैठकर जी भर कर रो लेना चाहता है पर पाषाण ह्र्दय जनरल अउटरम ने उसकी यह इच्छा पूरी न होने दी है जनरल अउटरम के मन में भय रहा होता था I
Q5 बालिका मैना के चरित्र की कौन-कौन सी विशेषताएँ आप अपनाना चाहेंगे और क्यों ?
Ans: 1. वह एक साहसी तथा वाक् चतुर बालिका है I
2. पेतर्क धरोहर और देशप्रेम की भावना थी I
3. निर्भय तथा आत्मबलिदान की भावना है IQ6 ‘टाइम्स’ पत्र ने 6 सितंबर को लिखा था-‘बड़े दुख का विषय है कि भारत सरकार आज तक उसे दर्दान नाना साहब को नहीं पकड़ सकी। इस वाक्य में भारत सरकार’ से क्या आशय है?
Ans: यहाँ भारत सरकार से आशय था ब्रिटिश शासन के अतर्गत चलने वाली भारत सरकार जिसे अग्रेज अधिकारी चलाते है I
Q7 स्वाधीनता आंदोलन को आगे बढ़ाने में इस प्रकार के लेखन की क्या भूमिका रही होगी?
Ans: स्वाधीनता आदोलन को बढ़ाने में इस प्रकार के लेखो की भूमिका महत्वपूर्ण रही थी लोग जब अग्रेजो के अत्याचारों को पढ़ते थे उनके विरुद्ध हो जाते थे तब उनका मन त्याग बलिदान और सघर्ष के लिए तैयार हो जाता था I
Q8 कल्पना कीजिए कि मैना के बलिदान की यह खबर आपको रेडियो पर प्रस्तुत करनी है। इन सूचनाओं के आधार पर आप एक रेडियो समाचार तैयार करें और कक्षा में भावपूर्ण शैली में पढ़ें।
Ans: यह आकाशवाणी का कानपूर चैनल था और इस वक्त आप के साथ थे आजकी महत्वपूर्ण खबर मेना के बलिदान से जुडी थी अत्यत दुःख के साथ हमे आपको सूचित करना पड़ रहा कल सायकल के समय मेनादेवी का दुखद अवसान हो जाता था I