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Q1 कविता की पहली दो पंक्तियों को पढ़ने तथा विचार करने से आपके मन मस्तिष्क में जो चित्र उभारता है उसे लिखकर व्यक्त कीजिए।
Ans: कविता की पहली दो पक्तियों को पढने तथा विचार करने से बाल मजदूरी का चित्र उभरता था बच्चो के प्रति चिंता और करुणा का भाव उमड़ता था I
Q2 कवि का मानना है कि बच्चों के काम पर जाने की भयानक बात को विवरण की तरह न लिखकर सवाल के रूप में पूछा जाना चाहिए कि ‘काम पर क्यों जा रहे हैं बच्चे?’ कवि की दृष्टि में उसे प्रश्न के रूप में क्यों पूछा जाना चाहिए?
Ans: बच्चो को इस का जिम्मेवार समाज थे कवि द्वारा विवरण मात्र देकर उनके जरुरी आवश्यकताओ की पूर्ति नही की जा सकती थी इसके लिए लिए समाज को इस समस्या को जागरूक करने के लिए करना चाहिए था I
Q3 सुविधा और मनोरंजन के उपकरणों से बच्चे वंचित क्यों हैं?
Ans: सुविधा और मनोरजन के उपकरणों से बच्चो के वचित रहने के मुख्य कारण सामाजिक व्यवस्था और आर्थिक मज़बूरी थी समाज के गरीब तब के बच्चो को न चाहते थे I
Q4 दिन-प्रतिदिन के जीवन में हर कोई बच्चों को काम पर जाते देख रहा/रही है, फिर भी किसी को कुछ अटपटा नहीं लगता। इस उदासीनता के क्या कारण हो सकते हैं?
Ans: इस उदारीनता के कई कारण थे लोग आत्मक्रेदित होने के साथ सवेदनहीन भी हो रहे थे उन्हें सिर्फ
अपने काम से मतलब होता था दुसरो के कष्टो को वे जानने समझने का प्रयास नही करता था IQ5 आपने अपने शहर में बच्चों को कब-कब और कहाँ-कहाँ काम करते हुए देखा है?
Ans: मैंने अपने शहर में बच्चों को अनेक स्थलों पर काम करते देखा है। चाय की दुकान पर, होटलों पर, विभिन्न दुकानों पर, घरों में, निजी कार्यालयों में। मैंने उन्हें सुबह से देर रात तक, हर मौसम में काम करते देखा है।
Q6 बच्चों को काम पर जाना धरती के एक बड़े हादसे के समान क्यों है?
Ans: बच्चे इस देश का भविष्य था यदि बच्चे पढ़ लिख नही पाते तब हमारे देश की आने वाली पीढ़ी भी पिछड़ी होगी थी देश का भविष्य अधकारपूण था I
Q7 काम पर जाते किसी बच्चे के स्थान पर अपने-आप को रखकर देखिए। आपको जो महसूस होता है उसे लिखिए।
Ans: आज मुझे स्कूल जाना था। मैंने होम वर्क भी पूरा कर लिया था। परंतु क्या करूं? पिताजी बीमार हैं। माँ उनकी देखभाल में व्यस्त हैं। न पिता काम पर जा पा रहे हैं और न माँ। माँ ने मुझे अपनी जगह बर्तन-सफाई के काम पर भेज दिया। मैं यह काम नहीं करना चाहती और उस मोटी आंटी के घर में तो बिलकुल नहीं करना चाहती जिसने दरवाजे पर कुत्ता बाँध रखा है। मेरे घुसते ही कुत्ता भौंकने लगता है। डरते-डरते अंदर जाती हूँ तो मालकिन ऐसे पेश आती है जैसे मैं लड़की ने हूँ, बल्कि उसकी खरीदी हुई गुलाम हूँ। सच कहूँ, मुझे ग्लानि होती है। अगर मजबूरी न होती, तो मैं काम-धंधे की ओर मुड़कर भी न देखती।
Q8 आपके विचार से बच्चों को काम पर क्यों नहीं भेजा जाना चाहिए? उन्हें क्या करने के मौके मिलने चाहिए?
Ans: मेरे विचार से बच्चो को काम पर बिलकुल नही भेज जाना चाहिए था कारण बच्चो की ऊम्र कच्ची होती थी उनके मन भावुक थे बचपन खेलने खाने और सीखने की उम्र होती थी उन्हें पर्याप्त कोमलता और सरक्षण की आवश्यकता होती थी I