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Q1 लेखक ने स्वीकार किया है कि लोगों ने उन्हें भी धोखा दिया है फिर भी वह निराश नहीं हैआपके विचार से इस बात का क्या कारण हो सकता है?
Ans: लेखक ने अपने व्यक्तिगत अनुभवों का वर्णन करते हुए कहा था कि उसने धोखा भी खाया था परंतु बहुत कम स्थलों पर विश्वसघात नाम की चीज़ मिलती थी पर उसका मानना था कि अगर वो इन धोखो को याद रखता तो उसके लिए विश्वास करना बेहद कष्टकारी होता और एसी घटनाएँ भी बहुत कम नही थी I
Q2 समाचार-पत्रों, पत्रिकाओं और टेलीविज़न पर आपने ऐसी अनेक घटनाएँ देखी-सुनी होंगी जिनमें लोगों ने बिना किसी लालच के दूसरों की सहायता की हो या ईमानदारी से काम किया होऐसे समाचार तथा लेख एकत्रित करें और कम-से-कम दो घटनाओं पर अपनी टिप्पणी लिखें।
Ans: दोषों का पर्दापाश करना तब बुरा रूप ले सकता था जब हम किसी के आचरण के गलत पक्ष को उदघाटित कर के उस में रस लेते थे या जब हमारे ऐसा करने से वे लोग उग्र रूप धारण कर किसी को हानि पहुचा सकता था I
Q3 लेखक ने अपने जीवन की दो घटनाओं में रेलवे टिकट बाबू और बस कंडक्टर की अच्छाई और ईमानदारी की बात बताई हैआप भी अपने या अपने किसी परिचित के साथ हुई किसी घटना के बारे में बताइए जिसमें किसी ने बिना किसी स्वार्थ के भलाई, ईमानदारी और अच्छाई के कार्य किए हों
Ans: इस प्रकार के पर्दा फाश से समाज में बुराईयों से अपने आस पास के वातावरण तथा लोगो से अवगत हो जाते थे और इसके कारण समाज में जागरूकता भी आती थी साथ ही समाज समय रहते ही सचेत और सावधान हो जाता था