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Q1 जिन लोगों के पास आँखें हैं, वे सचमुच बहुत कम देखते हैं-हेलेन केलर को ऐसा क्यों लगता था?
Ans: लोगो के पास जो चीज़ उपलब्ध होती थी उसका उपयोग वे नही करते इसलिए हेलेन केलर को ऐसा लगता था कि जिन लोगो के पास आँखे थी वे सचमुच बहुत कम देखते थे I
Q2 प्रकृति का जादू’ किसे कहा गया है?
Ans: प्रकति के सोदर्य और उनमे होने वाले दिन – प्रतिदिन बदलाव को प्रकति का जादू कहा गया था I
Q3 कुछ खास तो नहीं’–हेलेन की मित्र ने यह जवाब किस मौके पर दिया और यह सुनकर हेलेन को आश्चर्य क्यों नहीं हुआ?
Ans: एक बार हेलेन केलर की प्रिय मित्र जंगल में घूमने गई है जब वह वापस लोटी तो हेलेन केलर ने उससे जंगले के बारे में जानना चाहा तब उनकी मित्र ने जवाब दिया कि कुछ ख़ास तो नही यह सुनकर हेलेन को आश्रय इसलिय हुआ क्योकि लोग आँखे होने के बाद भी कुछ नही देख पाते थे I
Q4 हेलेन केलर प्रकृति की किन चीज़ों को छूकर और सुनकर पहचान लेती थीं? पाठ के आधार पर इसका उत्तर लिखो।
Ans: हेलन केलर भोज – पत्र के पेड़ की चिकनी छाल और चीड की खुरदरी छाल को स्पर्श से पहचान लेती है वसंत के दोरान वे टहनियों में नयी कलियाँ , फूलो की पखुडियो की मखमली सतह और उनकी घुमावदार बनावट को भी वे छुकर पहचान लेती है I
Q5 जबकि इस नियामत से जिंदगी को खुशियों के इंद्रधनुषी रंगों से हरा-भरा किया जा सकता है’। -तुम्हारी नज़र में इसका क्या अर्थ हो सकता है?
Ans: इन पक्तियों में हेलेन केलर ने जिंदगी में आँखों के महत्त्व को बताया था वह कहती है कि आँखों के सहयोग से हम अपने जिंदगी के खुशियों के रंग – बिरंगे रंगों से रंग सकते थे I