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Q1 यशोधर बाबू की पत्नी समय के साथ ढल सकने में सफल होती है लेकिन यशोधर बाबू असफल रहते हैं। ऐसा क्यों?
Ans: यशोधर बाबू बचपन में ही माता पिता के देहात हो जाने की वजह से जिम्मेदारियों के बोझ से लद गए है वे सदेव पुराने खाय्लो वाले लोगो के बीच रहे पले बढ़े अत वे उन परपराओ को चाह कर भी छोड़ नहीं पाये थे यशोधर बाबू अपने आदर्श घोर संस्कारी किशनदा से अधिक प्रभावित होते थे और आधुनिक परिवेश में बदलते हुए जीवन मूल्यों और संस्कारो के विरुद्ध थे I
Q2 पाठ में ‘जो हुआ होगा ‘ वाक्य की आप कितनी अर्थ छवियाँ खोज सकते/सकती हैं?
Ans: जो हुआ वाक्य पाठ में पहली बार तब आता था जब यशोधर बाबू किशनदा के जाति भाई से उनकी मृत्यु के कारण पूछते थे उत्तर में उन्होंने कहा जो हुआ था यानि पता नहीं फिर यशोधर बाबु यही विचार करते थे कि जिनके बाल बच्चे ही नहीं थे वे व्यक्ति अकेलेपन के कारण स्वस्थ दिखने के बावजूद बीमार से हो जाते थे I
Q3 ‘समहाउ इप्रॉपर’ वाक्यांश का प्रयोग यशोधर बाबू लगभग हर वाक्य के प्रारंभ में तकिया कलाम की तरह करते हैं। इस वाक्यांश का उनके व्यक्तित्व और कहानी के कथ्य से क्या सबध बनता है?
Ans: पाठ में समहाउ इपापर वाक्याश का प्रयोग निम्नलिखित सदर्भो में हुआ था I
- साधारण पुत्र को असाधारण वेतन मिलने पर
- स्कूटर की सवारी पर
- दप्तर में सिल्वर वेडिंग
- डीडीए फ्लैट का पैसा न भरने पर
- खुशहाली में रिश्तेदारों की उपेक्षा करने पर
- छोटे साले के ओछेपन पर
- केक काटने की विदेशी परपरा पर आदि इन सदर्भो से यह स्पष्ट होता है कि यशोधरा बाबू सिदात्वादी थे IQ4 यशोधर बाबू की कहानी को दिशा देने में किशन दा की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। आपके जीवन की दिशा देने में किसका महत्वपूर्ण योगदान रहा और कैसे?
Ans: यशोधर बाबू की कहानी को दिशा देने में किशनदा की महत्वपूर्ण भूमिका रहती थी मेरे जीवन को दिशा देने में मेरी बड़ी बहन की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है वे पढाई लिखाई खेल कूद सभी में हमेशा आगे रहती थी I
Q5 वर्तमान समय में परिवार की सरंचना, स्वरूप से जुड़ आपके अनुभव इस कहानी से कहाँ तक सामजस्य बैठा पाते है?
Ans: इस पाठ के अनुसार से पीढ़ी के अतराल का मार्मिक चित्रण करते थे आधुनिकता के दोर में यशोधर बाबू परपरागत मूल्यों को हर हाल में जीवित रखना चाहते थे उनका उसूलपसंद होना दप्तर एवम घर के लोगो के लिए सिरदर्द बन चुका था I वे पुरानी मान्यताओं को नहीं माना था I दोनों पक्ष एक दूसरे का सम्मान एव सुख सुविधा का ख्याल था I
Q6 निम्नलिखित में से किस आप कहानी की मूल सवेदना कहगे/कहगी और क्यों?
- हाशिए पर धकेल जाते मानवीय मूल्य
- पीढ़ी का अतराल
- पाश्चात्य संस्कृति का प्रभाव
Ans: (ख) पीढ़ी का अतराल आधुनिकता के दोर में यशोधर बाबू परापगत मूल्यों को हर हाल में जीवित रखना था उनका उसुलपसद होना दप्तर एवम घर के लोगो के लिए सिरदर्द बन गया है यशोधर संस्कारों से जुड़ना था और सयुक्त परिवार की सवेदनाओ को अनुभव था जबकि उनके बच्चे अपने आप में जीना चाहते थे उन्हें पिता का पुराना रवैया अपनी बेइज्जती लगता था I
Q7 अपने घर और विद्यालय के आस-पास हो रह उन बदलावों के बारे में लिख जो सुविधाजनक और आधुनिक होते हुए भी बुजुगों को अच्छे नहीं लगते। अच्छा न लगने के क्या कारण होंगे?
Ans: घर से विधालय जाने के लिए साइकिले एव मोटर का इस्तेमाल I
- लडकिया – लडको का एक साथ पढना और मिलना जुलना I- युवा लडको और लडकियों द्वारा अंग प्रदर्शन करना I
- देर रात तक पाटिया करना I
- दिनभर कंप्यूटर इन्टरनेट एव मोबाइल का इस्तेमाल I बुजुर्गो को यह सब आचा नहीं लगता है क्योकि जब वे युवा हुआ करते थे उस समय सचार के साधनों की कमी रहती थी सयुक्त पारिवारिक के कारण वे युवावस्था में अपनी भावनाओं को काबू में रखते है IQ8 यशोधर बाबू के बारे में आपकी क्या धारणा बनती है? दिए गए तीन कथनों में से आप जिसके समर्थन में हैं, अपने अनुभवों और सोच के आधार पर उसके लिए तर्क दीजिए
Ans: यशोधर बाबू में एक तरह का दर्द है जिसके कारणनया उन्हें कभी कभी खीचता तो है पर पुराना छोड़ता नहीं था इसलिए उन्हें सहानभूति के साथ देखने की जरुरत नहीं थी I यशोधर बाबू जेसे लोग साधारणतया किसी न किसी से प्रभावित थे जेसे यशोधर बाबू किशन दा से था बदलाव पसंद नहीं करते थे I