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Q1 ‘जूझ’ शीर्षक के औचित्य पर विचार करते हुए यह स्पष्ट करें कि क्या यह शीर्षक कथा नायक की किसी केंद्रीय चारित्रिक विशेषता को उजागर करता हैं।
Ans: पाठ का शीर्षक किसी भी रचना के मुख्य केंदीय भाव को व्यक्त करता था जूझ का अर्थ है सघर्ष इसमें कथानायक आनद की पढाई लिखाई बीच में रोककर उससे खेती बोरी के कार्यो में लगा दिया है किन्तु लेखक पढना चाहता है इसलिए उसने पिता की इच्छा के विरूद्ध पाठशाला जाने के लिए सघर्ष था जिसे पाठ का शीर्षक पूर्णत अभिव्यक्त करता था I
Q2 स्वय कविता रच लेने का आत्मविश्वास लखक के मन में कैस पैदा हुआ?
Ans: मराठी के अध्यापक सोदलगेकर कविता के अच्छे रसिक व् मर्मज्ञ होते है वे कक्षा में सस्वर कविता पाठ करते है तथा लय छद गति आरोह अवरोह आदि का ज्ञान करते है एक बार मास्टर जी ने घर में निकली मालती लता पर कविता लिखी और उसका वाचन किया तो लेखक उससे बहुत प्रभावित होता था I उन्हें यह ज्ञान हुआ कि कवि भी उनकी तरह ही होते थे I
Q3 श्री सोंदलगकर के अध्यापन की उन विशषताओं को रेखांकित करें जिन्होंने कविताओं के प्रति लेखक के मन में रुचि जगाई।
Ans: मास्टर सोदलगेकर कुशल अध्यापक मराठी भाषा के ज्ञात व कवि है वे सुरीले ढंग से स्वय की व् दूसरो की कविताए गाते है पुरानी नयी मराठी कविताओ के साथ साथ उन्हें अनेक अग्रेजी कविताए भी कठस्थ थे फेले वे एकाध गाकर सुनाते है फिर बैठे
बैठे अभिनय के साथ कविता का भाव ग्राहण करते थे IQ4 कविता के प्रति लगाव से पहल और उसके बाद अकेलेपन के प्रति लेखक की धारणा में क्या बदलाव आया?
Ans: कविता के प्रति लगाव से पहले लेखक ढोर ले जाते समय खेत में पानी डालते और अन्य काम करते समय अकेलापान महसूस करता है उसे लगता कि उसके साथ बात करने वाला कोई हो लेकिन कविता के प्रति लगाव के बाद वह खेतो में पानी देते समय भेस चराते समय कविताओं में खोया रहता था I
Q5 आपके खयाल से पढ़ाई-लिखाई के सबध में लेखक और दत्ता जी राव का रवैया सही था या लखक के पिता का2 तक सहित
Ans: लेखक का मत है कि जीवन भर खेतो में काम करके कुछ भी हाथ आने वाला नहीं था अगर में पढ लिख गया तो कही मेरी नोकरी लग जाएगी या कोई व्यापार करके अपने जीवन को सफल बनाया जा सकता था दता जी को जब पता चलता था लेखक के पिता जी उन्हें पढने से मना करते थे थो राव पिता जी को बुलाकर खूब डाटते थे और कहते है कि तू सारा दिन क्या करता था I
Q6 दत्ता जी राव से पिता पर दबाव डलवाने के लिए लेखक और उसकी माँ को एक झूठ का सहारा लेना पड़ा। यदि झूठ का सहारा न लेना पड़ता तो आगे का घटनाक्रम क्या होता?
Ans: दता जी राव से पिता पर दवाव डलवाने के लिए लेखक और उसकी माँ को एक झूट का सहारा लेना पड़ा था यदि झूठ का सहारा न लेते और सच बताते कि उन्होंने दता जी राव से पिता को बुलाकर लेखक को स्कूल भेजने के लिए कहा था I