गीत गाने दो मुझे और सरोज स्मृति - Geet Gane Do Mujhe Aur Saroj Smriti Question Answers: NCERT Class 12 Hindi - Antra

Welcome to SaralStudy's NCERT Solutions for Class 12 Hindi - Antra Chapter Solutions - गीत गाने दो मुझे और सरोज स्मृति. Here, you will find detailed and accurate solutions for the chapter 2 गीत गाने दो मुझे और सरोज स्मृति (Geet Gane Do Mujhe Aur Saroj Smriti), written by सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला (Sooryakaant Tripaathee Niraala).

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Exercise 1 ( Page No. : 13 )

Exercise 2 ( Page No. : 14 )

  • Q1

    सरोज के नव-वधू रूप का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।

    Ans:

    कवि के अनुसार उनकी पुत्री सरोज विवाह के समय कामदेव की पत्नी रति जेसी सुदरी लग रही थी जब वह मद मद करके हंसती थी तो लगता था मानो दामिनी उसके होठो के मध्य फँस गई थी विवाह की प्रसन्नता के कारण उसकी आँखों में चमक विधमान थी रूप और गुणों में वह अपनी माँ की प्रतिछाया प्रतीत हो रहा था I


    Q2

    कवि को अपनी स्वर्गीया पत्नी की याद क्यों आई?

    Ans:

    कवि द्वारा अपनी पुत्री को विवाह के शुभ अवसर पर नव वधू के रूप में देखकर अपनी स्वर्गीय पत्नी का स्मरण हो गया था दुल्हन के कपड़ो में उनकी पुत्री बहुत सुंदर प्रतीत हो रहा था उसके अंदर अपनी माँ की झलक दिखाई दे रही थी वह सरोज को देखकर भाव विभोर हो जाता था उसे लगता था उसकी पत्नी सामने खड़ी हुई थी I


    Q3

    'आकाश बदल कर बना मही' में 'आकाश' और 'मही' शब्द किसकी ओर संकेत करते हैं?

    Ans:

    ये शब्द कवि के श्रृगार से पूर्ण कल्पनाओं त्थ्गा उसकी पुत्री सरोज की और सकेत करते थे कवि के अनुसार वह अपनी कविताओ में श्रृगार भाव से युक्त कल्पनाए किया करता है अत आकाश को वह श्रृगार भाव से युक्त कल्पनाए तथा मही के रूप में अपनी पुत्री सरोज की और संकेत करता था I


    Q4

    सरोज का विवाह अन्य विवाहों से किस प्रकार भिन्न था?

    Ans:

    सरोज का विवाह अन्य विवाहों की तरफ चमक दमक शोर शराबे से रहित है सरोज का विवाह बहुत सादे तरीके से हुआ है इस विवाह में समस्त रिश्तेदारो मित्रो तथा पड़ोसियो को नही बुलाया गया है बल्कि यह परिवार के कुछ लोगो के मध्य ही सपन्न हुआ है I


    Q5

    शकुंतला के प्रसंग के माध्यम से कवि क्या संकेत करना चाहता है?

    Ans:

     शकुतला कालिदास की एक पात्र था जिसने कवि कालिदास की अभिज्ञान शाकुतलम को लोगो के ह्रदयो में सदा के लिए अम्र कर दिया था शकुलता ऋषि विश्वामित्र तथा अप्सरा मेनका की पुत्री थी मेनका शकुतला को जन्म देकर तुरत स्वर्ग को चली गई थी जगल में अकेली नवजात शिशु को देखकर कण्व ऋषि को दया आ गई थी और वे इसे अपने साथ ले आया था I


    Q6

    'वह लता वहीं की, जहाँ कली तू खिली' पंक्ति के द्वारा किस प्रसंग को उद्घाटित किया गया है?

    Ans:

    कवि निराला जी इस पक्ति के माध्यम से सरोज के लालन पालन के प्रसग को उधटित करता था उनकी पत्नी मनोहारी जी के निधन के बाद उनकी पुत्री का लालन पालन उनके नाना नानी के द्वारा किया जाता है पहले मनोहारी लता रूप में वहां विकसित हुई थी और उनके माता पिता की देखरेख में बड़ी हुई थी I


    Q7

    कवि ने अपनी पुत्री का तर्पण किस प्रकार किया?

    Ans:

    कवि अपनी पुत्री सरोज से बहुत प्रेम करता था वह चाहता था कि मृत्यु के बाद का उसका समय कष्टपूर्ण न बीते हिन्दू धर्म में श्राद्ध के समय तर्पण देने का रिवाज था इस समय जल तथा अन्य सामगी के साथ मरे व्यक्ति का तर्पण किया जाता था इस प्रकार एक पिता अपनी पुत्री को श्रदाजली देता था I


    Q8

    निम्नलिखित पंक्तियों का अर्थ स्पष्ट कीजिए-

    (क) नत नयनों से लोक उतर

    (ख) श्रृंगार रहा जो निराकार

    (ग) पर पाठ अन्य यह, अन्य कला

    (घ) यदि धर्म, रहे नत सदा माथ

    Ans:

    (क) कवि के अनुसार उसकी पुत्री विवाह के समय बहुत प्रसन्न थे नववधू बनी उसकी पुत्री की आँखे लज्जा तथा सकोच के कारण चमक रहा था I

    (ख) इसका अर्थ था ऐसा श्रृंगार जो बिना आकार के होता था कवि के अनुसार इस प्रकार श्रृगार ही रचनाओ में अपना प्रभाव छोड़ पाता था I

    (ग) इस पक्ति में कवि को अपनी पुत्री को देखकर अभिज्ञान शकुतलम रचना की नायिका शकुलता का ध्यान आ जाता था उनकी पुत्री सरोज का माता विहीन होता था पिता द्वारा लालन पालन करना तथा विवाह में माता के स्थान पर पिता द्वारा के कर्तव्यो का निर्वाह करना शकुतला से मिलता था I

    (घ) प्रस्तुत पक्ति में कवि अपने पिता धर्म को निभाने के लिए दंड निश्रयी था वह अपने पिता धर्म का पालन सदा माथा झुकाए करना चाहता था I


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